रामलीला में सीताहरण एवं लंकादहन की लीला का हुआ मंचन
भिण्ड.Desk/@www.rubarunews.com>> अटेर विधानसभा क्षेत्र के पीपरी सूबे के ग्राम पंचायत लावन में चल रही रामलीला मंचन में सूपर्ण खां संबाद, सीताहरण, अषोक वाटिका एवं लंकादहन की लीला का बहुत ही सुन्दर मंचन किया गया। बाहर के कलाकारों ने रामचरित मानस के आधार पर बाबा गोस्वामी तुलसीदास की चैपाईयों पर अपनी प्रस्तुति दीं। लीला को देखने के लिए गांव में एवं शहर के माताऐं एवं बहिनें प्रभावी संख्या में पहुंच रहे हैं। जिसमें भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीमती सुषीला नरवरिया, ग्राम पंचायत लावन के सरपंच श्री लालजी सिंह नरवरिया एवं समस्त गांव वासियों के जनसहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
ग्राम लावन में चल रही रामलीला मंचन में भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास होने के बाद केवट ने उन्हें गंगा पार करते हुए चित्रकूट की ओर पहुंचाया। जहां उन्होंने 12 वर्श तक विश्राम किया। ज्यादा भीड़ भाड मर्यादा पुरूशोत्तम श्रीराम ने देखी तो वे अपने भाई लक्ष्मण और मां जानकी सीता जी के साथ लेकर वन की ओर आगे चले। जहां सती अनुसुईया, षिवरी आश्रम, होते हुए पंचवटी पर विश्राम किया। जब सीताजी ने मर्यादा राम से कहा कि ये स्वामी मेंने आज तक तुमसे मांगा नहीं सीता जी ने पंचवटी से होकर जो रावण का मारीच हिरण के रूप् में निकला, तो सीता जी उसको देखकर मोहित हुई और रामजी से कहने लगी कि ये कितना सुन्दर है, इसकी मृगछाला लाने के लिए कहा, भगवान राम ने सीताजी की कही बात पर हिरण का पीछा किया और 100 योनी तक हिरण ले गया और उनका बाण उसकी आंख पर लग गया, हाय राम हाय राम की आवाज सुनाई दी तो सीताजी ने तत्काल छोटे भाई लक्ष्मण से कहा कि तुम्हारे भाई संकट में हैं तो लक्ष्मण ने कहा कि माताजी राम का कोई कुछ नहीं बिगाड सकता, आप टेंषन न लो, लेकिन एक बात ऐसी कर दी कि जिसे लक्ष्मण सुनकर आखिरकार जाने के लिए विवष हो गये, उधर रावण साधु के वेष में आकर पंचवटी पर आया और भिक्षा के रूप् में सीताजी का हरण कर लंका चला गया। इससे पूर्व पंचवटी पर रावण की बहिन सुन्दरी सूर्पर्णा खां पहुुंची दोनों बालकों से विवाह रचाने के लिए कहा कि लेकिन मंजूर न होते हुए राम के इषारे पर लक्ष्मण ने सूपर्ण खां के नाक कान काट डाले। रामलीला मंचन में भगवान राम का मिलन हनुमानजी से हुआ और मां जानकी की खोज के लिए उन्होंने अषोक वाटिका की और भेजा। जहां जानकी जी विलाप कर रहीं थी, और रावण की बगिया को तहस नहस कर डाला।