मादक पदार्थों के सेवन से खतरे में है युवाओं का भविष्य, नशाखोरी रोकने पुलिस के पास नहीं ठोस प्लान
भिण्ड[email protected]>> शाम होते ही युवा नशे का शौक पूरा करने के लिए इसकी जुगाड़ में निकल पड़ते हैं जब उनके पास रुपये नहीं होते तो वारदातों को अंजाम देने से भी नहीं चूकते शहर सहित कस्बा क्षेत्रों में जगह-जगह नशा करने वाले मादक पदार्थ धड़ल्ले से सरेआम बिक्री हो रहे है जिस पर पुलिस प्रशासन का ध्यान है। इस मादक पदार्थो के सेवन से युवाओं का भविष्य खतरे की ओर जा रहा है जिस पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम उठाने की तैयारी नहीं की। शहर का धनवंतरि कॉम्पलेक्स पूरा नशेडिय़ों का अड्डा बन चुका है जहां हर उम्र के लोग सरेआम नशाखोरी करते हुए देखे जा सकते हैं बावजूद भी पुलिस ने अभी तक यहां छापामार कार्रवाई करने की जहम तक नहीं दिखाई, जिस कारण घर से छिपकर युवा पैसे चोरी करके लाते और नशा का सेवन करते हैं जब उनकी जेब में रुपये नहीं होते तो चोरी व लूट, डकैती जैसे वारदातों घटित करने से भी नहीं चूकते। नशे की आदत में न सिर्फ शारीरिक एवं मानसिक तौर पर कमजोर करती है बल्कि आर्थिक तौर पर भी तोड़ देती है। आजकल शराब के अलावा स्मैक और गांजा तथा अन्य मादक पदार्थों के शहर में आसानी से उपलब्ध हो जाने के कारण युवा इसकी गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। युवाओं के इन कदमों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने तो ऐलान कर दिया है लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार के आदेश पर अमल न होने के कारण उधर मादक पदार्थ माफिया के हौसले बुलंद हो रहे हैं तो दूसरी ओर युवाओं का जीवन बर्वादी की ओर अग्रसर हो रहा है। नशा माफियाओं की गिरफ्तारी न होना पुलिस को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहा है। नशाखोरी पर लगाम कसने के मामले पर पुलिस व प्रशासन का ध्यान नहीं है, इसके चलते नशे का व्यापार करने वालों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। जब कभी पुलिस दिखावे के लिए दो-एक लोगों को पकडक़र खानापूर्ति करती है।
यहां पर लगता नशेडिय़ों का जमावाड़ा
जिला मुख्यालय की करें तो शहर के धनवंतरि कॉम्पलेक्स, धर्मपुरी, महावीर गंज, वीरेन्द्र नगर, आर्य नगर, सैनिक कालौनी, भीमनगर, खिड़किया मुहल्ला, लहार चुंगी, मानपुरा आदि स्थानों पर नशेडिय़ों का जमावड़ा लगता है। शहर के मध्य स्थित धनवंतरि कॉम्पलेक्स में शाम होने से पहले ही नशेडिय़ों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। यहां गांजा और शराब पीने वाले युवा बहुतायत में इधर उधर कौने में जाम टकराते देखे जा सकते हैं। एकाध स्मैकिया भी नजर आ जाता है।
इन जगह से होती स्मैक गांजे की बिक्री
सूत्रों की माने तो फूप थाना क्षेत्र के इटावा रोड, भदाकुर चौराहा, ऐंहती रोड, सांकरी रोड, मुख्य चौराहा के पास स्मैक व गांजे की बिक्री की जा रही है, लेकिन पुलिस यहां दबिश देने से बचती नजर आ रही है। बढ़ रही नशाखोरी रोकने के लिए पुलिस के पास ठोस प्लान नहीं है। जहां पर पुलिस को आये दिन दबिश देकर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन अभी तक ऐसे युवाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने धरपकड़ अभियान नहीं चलाया जिस कारण युवाओं को हौंशले बुलंद हैं और अपने माता पिता की गाढ़ी कमाई उड़ाने में लगे हुए हैं।
स्मैक का नशा खरनाक
जिले में शराब, गांजा, सिगरेट के साथ-साथ स्मैक का नशा चरम पर है। जिला मुख्यालय में कई स्थानों पर स्मैक की बिक्री हो रही है लेकिन पुलिस इस मामले में सांठगांठ के चलते अनभिज्ञ है। उधर फूप, गोहद, मेहगांव, मौ कस्बे में स्मैक का कारोबार खुले आम हो रहा है। बावजूद इसके पुलिस चुप्पी साधे बैठी है।
इसलिए बढ़ रही हैं चोरियां
नशा करने वालों पर आर्थिक तंगी होना लाजिमी है। नशेड़ी नशे की जुगाड़ करने के लिए चोरियों की घटनाओं को अंजाम देने से नहीं चूकते। इसी वजह से चोरियों की घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है। आये दिन बाजार में किसी का बैग पार कर देते हैं तो किसी के गहनों पर हाथ साफ कर निकल जाते हैं। इसके बाद भी पुलिस इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।