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दो डिप्टी सीएम के साथ ही 25 नए मंत्रियों को बनाने की चर्चा, हो सकता है बड़ा फैसला

 

 

भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 25 मंत्रियों के नामों पर मोहर लग गई है। कुछ मंत्रियों के नामों पर पेंच फंसा हुआ है। यह भी खबर है कि दो डिप्टी सीएम बनाने पर भी चर्चा है। अटकलें यह भी लग रही है कि कुछ बड़ा फैसला हो सकता है।

मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के नामों को लगभग तय कर लिया गया है। कुछ नामों पर पेंच फंसने के साथ ही यह विस्तार एक बार फिर टल सकता है। पहले यह माना जा रहा था कि मंगलवार को शिवराज नए नामों पर मोहर लगवाकर भोपाल पहुंचे हैं। वहीं बुधवार को सिंधिया का भोपाल दौरा है। फिर अचानक दौरा रद्द करने के बाद अटकलें लगने लगी है कि दिल्ली में कुछ नामों पर पेंच फंसा है। यह भी बताया जा रहा है कि सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे, तब सहयोगियों को मंत्री पद और डिप्टी सीएम पद के फार्मूले पर चर्चा हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश में सिंधिया के 6 मंत्रियों को कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है, वहीं सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि अब तक नए नामों को लेकर किसी प्रकार की अधिकृत घोषणा नहीं हुई है।

मंत्रियों की लिस्ट लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार सुबह भोपाल पहुंच गए हैं। हालांकि कुछ नामों पर संशय बना हुआ है, जिस कारण संभावित मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टल सकता है। माना जा रहा था कि बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है, लेकिन सिंधिया का दौरा अचानक रद्द होने के बाद माना जा रहा है कि यह विस्तार भी टाला जा सकता है।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को पहले ही मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया जा चुका है। सिंधिया का दूसरी बार कार्यक्रम रद्द होने के बाद अटकलों का दौर गर्मा गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मंत्री पद को लेकर कुछ पेंच फंस गया है, वहीं बुधवार को भी शपथ ग्रहण की संभावनाएं धूमिल हो गई है।

मध्यप्रदेश की राजनीति में यह है ताजा अपडेट
-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों की लिस्ट लेकर भोपाल पहुंचे।
-नरोत्तम मिश्र दिल्ली में ही हैं।
-खबर आई थी कि सिंधिया बुधवार को विशेष विमान से आएंगे।
-बुधवार को हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह।
-लेकिन सिंधिया का दौरा शाम को रद्द हो गया।
-संभावित विस्तार को लेकर अटकलों का दौर तेज।
-दो डिप्टी सीएम बनाने की तैयारी।
-नरोत्तम मिश्र और तुलसी सिलावट बन सकते हैं उपमुख्यमंत्री
-यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन दिलाएंगी शपथ

 

आनंदीबेन पटेल दिलाएंगी शपथ
राज्यपाल लालजी टंडन के अस्पताल में भर्ती होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वे नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी। हालांकि सोमवार को पटेल के आने का कार्यक्रम था, लेकिन वो टल गया था। उधर, दिल्ली में भी शिवराज सिंह चौहान को भी सोमवार को भोपाल लौटना था, लेकिन वे मंगलवार सुबह भोपाल पहुंचे।

 

मध्यप्रदेश में हो सकते हैं दो डिप्टी सीएम
स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र भी दिल्ली पहुंच गए हैं। शिवराज कैबिनेट में शामिल किए गए पांच मंत्रियों में से तुलसी सिलावट और नरोत्तम मिश्रा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है।

इनको भी मिल सकता है मंत्री पद

इंदौर से उषा ठाकुर का नाम सबसे आगे है। इंदौर से ही भाजपा विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ पर विचार हुआ है।

मालवा निमाड़ अंचल से मोहन यादव, चेतन कश्यप, यशपाल सिंह सिसोदिया, आदिवासी कोटे से विजय शाह या प्रेम सिंह पटेल भी मंत्री बनाए जा सकते हैं।

भोपाल से रामेश्वर शर्मा, पूर्व मंत्री विश्वास सारंग और एससी कोटे से विष्णु खत्री, रायसेन से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं।

बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ एससी कोटे से हरीशंकर खटीक का नाम भी मंथन में आया है।

ग्वालियर चंबल से अरविंद भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया के साथ ओबीसी और नरेंद्र सिंह तोमर के कट्टर समर्थक भारत सिंह कुशवाह का नाम भी शामिल हो सकता है।

विन्ध्य से राजेंद्र शुक्ला या गिरीश गौतम में से किसी एक को मौका मिल सकता है। इसमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल को दोबारा भी मंत्री बनाया जा सकता है। ओबीसी कोटे से रामलल्लू वैश्य और एससी से कुंवर सिंह टेकाम के नाम पर भी चर्चा है।

महाकौशल से अशोक रोहाणी या अजय विश्नोई में से किसी एक को मौका मिलेगा। पूर्व मंत्री संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन और एसटी कोटे से देवी सिंह सैयाम का नाम पर भी सहमति बन सकती है।

 

सिंधिया गुट से 9 नाम
डा. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और रणवीर जाटव के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। यह सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia ) के समर्थक हैं जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं।