काॅटेन्टमेंट एरिया एवं हाॅस्टलों में मलेरिया दवा टैमोफार्स का छिडकाव करावे-कलेक्टर
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>> कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि मलेरिया जैसी जानेलवा बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार की दिशा मंे माह जून 2020 के अंतर्गत संचालित किए जा रहे अभियान में नोबल कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण की दिशा में जिले में बनाये गये काॅटेन्टमेंट एरिया एवं हाॅस्टलों में टैमोफार्स दवा का छिडकाव कराया जावे। जिससे मलेरिया को रोकने में सहायता मिलेगी। वे आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में अन्तर विभागीय एडवोकेसी एवं सामाजिक जुडाव कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय, सहायक कलेक्टर पवार नवजीवन विजय, सीएमएचओ डाॅ एआर करोरिया, सिविल सर्जन डाॅ आरबी गोयल, जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ एसएस बिंदल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास ओपी पाण्डेय, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी संकल्प गोलिया, मेडीकल आफिसर डाॅ जीएन सक्सेना, सहायक संचालक मत्स्य पालन बीपी झसिया, उद्यानिकी पंकज शर्मा, एसडीओ पीएचई ओपी नागर, पीओ डूडा ताराचंद धूलिया एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर आरके श्रीवास्तव ने कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के काॅटेन्टमेंट एरिया में टैमोफार्स दवा का छिडकाव कराया जावे। साथ ही सर्व शिक्षा अभियान एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासो में भी दवाई छिडकने की व्यवस्था की जावे। उन्होने कहा कि मछरदानी का उपयोग छात्रावासो में निवासरत छात्रो को कराने से मलेरिया रोग नही फैलेगा। इसलिए हाॅस्टलो के छात्रो को मछरदानी उपलब्ध कराई जावे। अगर विभाग के पास मछरदानी उपलब्ध नही है। तब शासन को डिमाण्ड भेजी जावे। उन्होने कहा कि आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड कराहल क्षेत्र में भी दवाई का छिडकाव कराया जावे। साथ ही वीरपुर, विजयपुर, अगरा क्षेत्र में मलेरिया रोगी टैमोफार्स दवा छिडकवाई जावे। इसी प्रकार पंचर की दुकानों में भी इस दवाई का छिडकाव कराया जावे। जिससे टायर आदि में बैठने वाले मलेरिया रोधी मछरो से निजात मिलेगी। कलेक्टर ने कहा कि परियोजना अधिकारी शहरी विकास, नगरीय क्षेत्र में नालो की सफाई के लिए अभियान चलवाये। जिससे वर्षा का पानी गली-मोहल्ले में नही रूकेगा। साथ ही मलेरिया के मछर पैदा नही हो पायेगे। साथ ही वर्षा में पानी की निकासी सुलभ होगी।
पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने कार्यशाला में अवगत कराया कि विभाग की नीति के अनुसार मलेरिया निंयत्रण की दिशा में सभी प्रकार के उपाय सुनिश्चित किये जावे। उन्होने कहा कि मलेरिया को रोकने में मछरदानी का उपयोग सही है। इसलिए हम सभी को मछरदानी का उपयोग कर रात्रि में काटने वाले मछरो से निजात मिलेगी। उन्होने कहा कि मलेरिया विभाग के पास अगर मछरदानी रखी हो। तब उनका उपयोग शिक्षा, आदिम जाति कल्याण विभाग के हाॅस्टलो में रहने वाले छात्रो के लिए किया जावे। यह कार्य 17 जून तक कराया जावे। उन्होने कहा कि मलेरिया की दवा का छिडकाव हाॅस्टल, काॅटेन्टमेेंट एरिया एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो में कराया जावे। जिससे वर्षा में पैदा होने वाले मछरो से निजात मिलेगी। साथ ही मलेरिया की बीमारी से भी छुटकारा मिलेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ एसएस बिंदल ने कार्यशाला में कहा कि मलेरिया कार्यालय के माध्यम से मच्छरदानियों का वितरण विगत वर्ष कराया गया था। इसी प्रकार ग्रामीण अंचलों में भी मलेरिया की बीमारी के बारे में जन जागरूकता लाने की पहल प्रारंभ की जा चकी है। साथ ही मलेरिया रथ के माध्यम से नागरिको को जागरूक करने की पहल की जा रही है। साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बच्चो के रोगो के प्रति लोगो को जागरूक कर रहे हैं। उन्होने प्रजेटेशन के माध्यम से शरही, ग्रामीण क्षेत्रो में की जाने वाली कार्यवाहियो से अवगत कराया। साथ ही मलेरिया नियत्रण की दिशा में जानकारी दी। इसी प्रकार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री ओपी पाण्डेय, सहायक संचालक मत्स्य पालन श्री बीपी झसिया एवं मेडीकल आफिसर डाॅ जीएन सक्सेना ने मलेरिया नियंत्रण की दिशा में उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराई।