राजस्थान

ओजोन दिवस विशेष आलेख -“ओजोन फ़ॉर लाइफ”….

बूंदी.पिछले दिनों एक खबर ऐसी थी जो हमारे ग्रह पृथ्वी के लिए बहुत बड़ी खुशखबर थी।

” ओजोन परत का छिद्र भरा।”

ओजोन परत आखिर है क्या?
ओजोन परत ओजोन अणुओं की एक परत है जो विशेष रूप से 20 से 40 किमी के बीच समताप मंडल परत में पाई जाती है।इसी ओज़ोन परत के कारण हमारे वातावरण का संतुलन बना रहता है। जब सूरज की पैराबेंगनी हानिकारक किरणे हमारी पृथ्वी की और आती हैं तब ये ही ओजोन परत उन्हें धरती से आने तक रोकती है।
अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि बिना ओजोन परत के पृथ्वी पर जीवन ही समाप्त हो जाएगा। यदि ओजोन परत को मानवीय भूलों की वजह से क्षति पहुंचती है तो गर्मी बहुत बढ़ जाएगी, सारे ग्लेशियर पिघल जाएंगे। ऋतु चक्र बदल जायेगा। समुद्र पृथ्वी को डुबो देंगे। पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। पर्यावरण संरक्षण ओज़ोन की परत को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये ही हमने पिछले दिनों लॉक डाउन के दौरान देखा कि पर्यावरण प्रदूषण बहुत कम यहां तक कि न के बराबर था इसी वजह से ओज़ोन परत का छिद्र भर गया था।
1994 से 16 सितंबर को सालाना ओज़ोन परत के संरक्षण एवं लोगो को जागरूक करने के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।वैसे आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत 1995 से हुई थी। इस बार 16 सितम्बर बुधवार को ओजोन दिवस मनाया जाएगा, जिसकी थीम है ” ओजोन फ़ॉर लाइफ 35 इयर्स ऑफ ओजोन लेयर प्रोटेक्शन”।
पर्यावरण संरक्षण एवं ओज़ोन परत की सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा विद्यालय, कॉलेजों, संगठनों और मीडिया से जुड़ कर उनके विचारों को साझा कर यह बताया जाता है कि हमारी धरती को नष्ट करने वाले खतरे को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण एवं मानव द्वारा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ व खिलवाड़ से ओज़ोन परत में कमी आती जा रही है। कई देशों द्वारा परमाणु परीक्षणो, शीत भंडारों से निकलने वाली क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस इसकी सबसे बड़ी दुश्मन है।
इसलिये इस दिन हम ये प्रण ले कि रसायनिक एवं कार्बनिक पदार्थों का उपयोग कम से कम करेंगे। प्रकृति से छेड़छाड़ नही करेंगे। हमारे ग्रह पृथ्वी पर सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा है धरती माँ हमे इतना बहुमूल्य पर्यावरण प्रदान करती है जिसके बिना हम जीने की कल्पना भी नही कर सकते।
इसलिए आइए हम सब मिलकर हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखें, लोगों को जागरूक करें। यही सही समय है। ओज़ोन परत को बचाये रखने के लिए हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों को निरन्तर जारी रखना होगा।

प्रस्तुतकर्ता –
शोभा कँवर , अध्यापिका, उ. मा.वि. बरुन्धन (बून्दी)
संयोजिका, ज्ञानार्थ प्रकल्प, उमंग संस्थान