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आजीविका चलाने हेतु बैंकर्स स्वसहायता समूहों को दें लोन – कलेक्टर

दतिया @rubaru news.com 24 जून 2020/ कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने कहा कि ग्रामीण अंचल में कार्यरत महिला स्वसहायता समूहों और उनकी सदस्यों को स्वरोजगार मूलक इकाइयों की स्थापना के लिए बैंक लोन देने में रूचि नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजीविका चलाने के लिए इन्हें उदारता से ऋण दिया जाना चाहिए। कलेक्टर ने यह बात यहां संपन्न हुई जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय एवं समीक्षा समिति की संयुक्त तिमाही बैठक में कही।

 

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अतेन्द्र सिंह गुर्जर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि बैंकर्स की उदासीनता की वजह से कई स्वसहायता समूहों के बैंकों में खाते ही नहीं खुल पाए हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती संतमती खलको ने बैंकों की ओर से स्वसहायता समूहों को ऋण वितरण में आ रही कठिनाईयों की ओर ध्यान आकर्षित कराया।

 

कलेक्टर ने कहा कि दतिया जिला कृषि प्रधान जिला है। लिहाजा कृषि आधारित लघु उद्योग इकाइयों को ऋण दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में पिपरमेंट उद्योग इकाई, शिमला मिर्च उत्पादन, कुक्कुट पालन, डेयरी उद्योग स्थापना के लिए ऋण दिया जा सकता है।
कलेक्टर ने बैंकों द्वारा बंटाईदारों के के.सी.सी. बनाने पर जोर दिया और कहा कि जिले में अधिक संख्या में बंटाइदारों के के.सी.सी. बनाए जाना चाहिए।

 

कलेक्टर ने बैंकर्स से कहा कि अगर उन्होंने प्रकरणों में रोजगार मूलक इकाइयों की स्थापना के लिए शासन से अनुदान प्राप्त कर लिया है, तो हितग्राहियों को ऋण वितरण करना ही चाहिए। बैंकर्स को अनावश्यक अनुदान का लाभ नहीं उठाना चाहिए। कलेक्टर ने बैंकों में खाता ना खोलने वाले शाखा प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लीड बैंक प्रबंधक को निर्देश दिए।