मध्य प्रदेश

अवैध रेत खनन के लिए पूर्व मंत्री जिम्मेदार

भिण्ड.Desk/ @www.rubarunews.com>> भाजपा नेता अशोक चौधरी ने अपने बयानों में पुलिस प्रशासन को दोषी न ठहराते हुए पूर्वमंत्री डॉ. गोविन्द सिंह को दोषी ठहराया है। इसी क्रम में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डॉ रमेश दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जिन पुलिस अधिकारियों की सिफारिश कर जिले में पदस्थ  करवाया गया था वो कांग्रेस सरकार रहने तक बहुत अच्छे थे लेकिन जैसे ही कांग्रेस की अराजक सरकार गिरी तो वह बुरे हो गए। डॉ. रमेश दुबे ने कहा पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि वर्तमान सरकार में रेत का अवैध कारोबार जिले में रुकने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि जिले में रेत का कारोबार बंद कब था, मिहोना-जालौन रोड, दबोह-आलमपुर रोड पर सडक़ से लगे किसी भी गांव के निवासी से यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है कि कांग्रेस शासन काल में हर दिन रेत के सैकड़ों ओवरलोड  ट्रक निकलते थे, यह कहां से आता था और अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन कारोबार को कौन संरक्षण देता था।

डॉ रमेश दुबे ने कहा जिला पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति डॉ. गोविंद सिंह की मंशा पर भिंड की गई, सरकार बदलते ही उनसे भी मोहभंग कैसे हो गया तथा एक तरफ डॉ गोविंद सिंह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भिंड एसपी को हटाने की मांग करते हैं वहीं दूसरी तरफ पत्रकार वार्ता में एसपी को रोककर यहीं ठीक करने की बात करते हैं, इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से कहना चाहता हूं कि यह दोहरा रवैया क्यों? कृपया जनता को भ्रमित ना कीजिए और जो सच्चाई है वह जनता के सामने रखिए। डॉ रमेश दुबे ने कहा कि पूर्व मंत्री के द्वारा अपने परिजनों एवं समर्थकों को रेत कारोबारियों पर दबाव बनाकर कंपनी से खदानें दिलवाई गई और आज दिनांक तक बिना रायल्टी के रेत का अवैध कारोबार इन्हीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता के संरक्षण में कराया जाता रहा है। डॉ रमेश दुबे ने कहा जब करोड़ों का रेत जप्त हो चुका है तो उसके संरक्षण की जिम्मेदारी खनिज विभाग की बनती है, जिला खनिज अधिकारी आरपी भदकारिया ने पूर्ण गैर जिम्मेदाराना व्यवहार अपनाते हुए अपने पद की गरिमा को ताक पर रखकर करोड़ों के रेत को माफिया के हाथों में सौंप दिया जिसकी वजह से प्रदेश की सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा एवं जिले में अराजकता एवं अपराध का माहौल निर्मित हुआ। जहां जप्त अवैध रेत की कड़ी सुरक्षा होनी चाहिए थी वहां रेत की लूट का काम खनिज अधिकारी की संलिप्तता की वजह से हो रहा है। डॉ रमेश दुबे ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि अवैध रूप से जप्त किए हुए रेत का कोई लेखा-जोखा खनिज विभाग के पास नहीं है,जिससे यह सिद्ध होता है कि खनिज विभाग इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए पूरी तरह निष्क्रिय एवं गैर जिम्मेदार रहा है।

डॉ रमेश दुबे ने कहा कि डीआईजी चंबल संभाग के द्वारा रेत जप्ती एवं दोषी संलिप्त पुलिस अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई बेहद प्रशंसनीय है ,जिसकी वजह से जिले की जनता में मध्य प्रदेश सरकार एवं प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है साथ ही इस कार्यवाही की वजह से पूर्व मंत्री खुद को फंसते हुए देखकर उल्टा पुलिस अधीक्षक को ही अकेला दोषी बताकर अपना पल्ला झाड़ कर स्वयं को पाक साफ बताना चाहते हैं। जनता इनकी कार्यशैली एवं दो धारी मानसिकता को पहचान चुकी है जिसका जवाब जिले की जनता आगामी आने वाले समय में देगी।