बुंदेलखंड के संतोष गंगेले कर्मयोगी का 19 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय सम्मान के लिए चयन
छतरपुर rubarudesk/@www.rubarunews.com>> भारतवर्ष की हृदय स्थली मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के कस्बा नौगांव से लगे ग्राम वीरपुरा मैं 11 दिसंबर 1956 को जिझोतिया ब्राह्मण परिवार किसान संत परिवार में जन्मे संतोष गंगेले कर्मयोगी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर अनेक राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर बुंदेलखंड का नाम रोशन किया है l जयपुर की सामाजिक संस्था द्वारा उनका समाज सेवा और पत्रकारिता के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान के लिए चयन कर लिया गया है 19 जनवरी 2020 को अंतरराष्ट्रीय सम्मान जयपुर में प्रदान किया जाएगा l
समाज सेवा के क्षेत्र में वर्ष 1980 से प्रिंट मीडिया के माध्यम से पीड़ित परेशान आमजन की आवाज बनकर पत्रकारिता करते रहे इसी बीच उन्होंने भारतीय संस्कृति संस्कार बचाने के लिए वर्ष 1986 से ग्रामीण क्षेत्रों में चुने हुए जनप्रतिनिधि त्यौहार किया वर्ष 2000 से उन्होंने अपनी जन्मभूमि ग्राम वीरपुरा से बिजावर एवं महाराजपुर विकास खंडों के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षा स्वास्थ्य स्वच्छता समरसता समाज नशा मुक्ति दुर्घटना रोकने जैसे जन जागरूकता विचार गोष्ठी का आयोजन करते हुए बच्चों को बौद्धिक ज्ञान दिया वर्ष 2007 से छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में विचार गोष्ठी आयोजित की 2013 से लगातार बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर टीकमगढ़ पन्ना सतना महोबा बांदा हमीरपुर झांसी ललितपुर दमोह सागर विदिशा ग्वालियर दतिया जैसे क्षेत्रों में अपना जन जागरूकता अभियान जारी रखा इसी दौरान उन्होंने शहीद गणेश शंकर जी की जीवन परिचय को पढ़कर गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब पत्रकार संगठन का गठन किया और मध्यप्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा कल्याण और सम्मान के लिए कार्य किया जिस कारण से उन्हें जुलाई 2014 में आजाद भवन दिल्ली में पहला राष्ट्रीय सम्मान मई 2015 को मथुरा उत्तर उत्तर प्रदेश में समाज सेवा के लिए राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया मिला 2016 में हरियाणा के भिवानी में समाज सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय सम्मान मिला 2017 में बसवा जिला दौसा राजस्थान में समाज सेवा एवं पत्रकारिता के लिए राष्ट्रीय सम्मान मिला l पिछले वर्ष 1 सितंबर 2019 को मथुरा में हजारों जन समुदाय के बीच राष्ट्रीय आदर्श शिक्षा रत्न उपाधि से सम्मानित किया गया l
समाजसेवी संतोष गंगेले कर्म योगी बुंदेलखंड में मोटरसाइकिल से व्यक्तिगत तन मन धन से समर्पित होकर कार्य करने वाले संतोष गंगेले कर्मयोगी को जहां गूगल में स्थान मिल गया है वहीं 12 लाख से अधिक बच्चों को मोटिवेशन दे चुके हैं तथा हजारों स्कूलों में पहुंचकर भारतीय संस्कृति संस्कार के प्रति परिचित कराया गया है l ऐसे महान समाजसेवी को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान के लिए जयपुर में आयोजित एक सेमिनार में सम्मानित करने के लिए चयन किया जा रहा है l
समाजसेवी संतोष गंगेले कर्म योगी ने हमेशा दहेज का विरोध किया है उन्होंने अपना जीवन में ना तो दहेज लिया है और ना दहेज दिया है अपनी स्वयं की शादी बिना दहेज करके उदाहरण प्रस्तुत किया था तथा अपने बेटे की शादी भी बिना दहेज की छतरपुर जिला प्रशासन पूरी होने पर सवाल उठा और उनकी धर्मपत्नी का सम्मान किया था उनके यहां समारोह में पहुंचे जिसका उदाहरण छतरपुर जिले में जाना जाता है ऐसे अनेक सामाजिक काम करते आ रहे हैं जिससे वह पूरे बुंदेलखंड में कर्म योगी के नाम से विख्यात हो चुके