श्री कृष्ण जन्म के साथ सभी विपरित परिस्थितियां अनुकूल होती चली गई-श्री शास्त्री
श्योपुर[email protected] उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन के निर्देश अनुसार प्रधानमंत्री उत्कृष्ट शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें विषय विशेषज्ञ के व्याख्यानों के साथ विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं भगवान श्री कृष्ण के पूजन के साथ हुआ। अतिथियों के स्वागत पश्चात प्रथम विषय विशेषज्ञ के रूप में पंडित मुकेश मोहन शास्त्री का व्याख्यान हुआ। पंडित श्री शास्त्री के द्वारा अपने वक्तव्य में बताया की सारी विपरीत परिस्थितियां कृष्ण के जन्म के साथ अनुकूल रूप से होती चली गई। कान्हा के जन्म एवं बाल घटनाओं को सुंदर और रोचक तरह से प्रस्तुत किया, साथ ही कान्हा के मधुर भजनों ने सभी को आत्म विभोर कर दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ओपी शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़े प्रसंग जैसे जानापाव, सांदीपनि आश्रम एवं अन्य प्रेरक प्रसंगों से विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए उन्हें भगवान श्री कृष्ण जीवन का मनन कर अनुशीलन करने की सीख दी। विषय के वक्ता के रूप में उपस्थित वाणिज्य विषय के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेंद्र सिंह जाट ने भगवान श्री कृष्ण को विश्व का सबसे पहला मैनेजमेंट गुरु बताते हुए बताया कि युद्ध के मैदान में उनके द्वारा दिए गए उपदेश कॉरपोरेट कल्चर में कलयुग के साथ साथ आने वाले युगों युगों तक सामयिक एवं प्रासंगिक रहेंगे।
वक्ता के रूप में उपस्थित समाजशास्त्र विभाग की विभागध्यक्ष डॉ. सीमा चौकसे ने संबोधित करते हुए बताया कि जो कुछ भी ब्रह्मांड में है वह सब श्रीमद भगवतगीता में है और जो श्रीमद् भागवतगीता में नहीं है वह ब्रह्मांड में भी नहीं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विपिन बिहारी शर्मा ने अपने वक्तव्य में बताया कि भगवान श्री कृष्ण की प्रिय गाय आज भी हमारे जीवन का आधार है। हमें हमारे जीवन में उन्नति के लिए गौ सेवा को मुख्य ध्येय बनाना चाहिए।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक परिस्थितियों में महाविद्यालय की छात्राओं के द्वारा कृष्ण जीवन पर नृत्य नाटिकाएं एवं मधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण एवं मंगल आरती के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ एस.एन. शर्मा, डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. रमेश भारद्वाज, डॉ.अरविंद दोहरे के साथ महाविद्यालय के अन्य प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।