विभावाणी, मध्यप्रदेश चैप्टर की एससीटी वेविनार सम्पन्न
दतिया/भोपाल। @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>>>>विभावाणी, मध्य प्रदेश चैप्टर के एससीटी की बैठक आभासी माध्यम(ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जूम) में डॉ.सुनील चतुर्वेदी व श्रीमती साधना स्ट्रुबल की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में विभावाणी,एनसीटी और मध्यप्रदेश चैप्टर के पदाधिकारी व सदस्य डॉ.सुनील चतुर्वेदी, श्रीमती साधना स्ट्रुबल, डॉ.तृप्ति सिंह, डॉ.गजेन्द्र गुप्ता, डॉ.शैलेन्द्र शर्मा, डॉ.विद्या पाण्डेय, संतोष शुक्ला, मंजू शर्मा, डॉ. रामजीशरण राय, सौरभ चटर्जी, राजीव श्रीवास्तव उपस्थित रहकर अपने अपने अनुभव व प्रदेश में पूर्व में सम्पन्न गतिविधियों को प्रस्तुत करते हुए आगामी गतिविधियों के संचालन हेतु रणनीति तय की गईं।
विभा वाणी नेटवर्क मध्यप्रदेश चैप्टर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय ऑनलाइन वेविनार में डॉ.एच.डी.गांधी, चरन परते, दिलीप नरते, रंजीत धुर्वे, चम्मन सिंह मरकाम, सुश्री शर्मिला मरावी, लखन भासंत, अर्णव मोदी, रफीक अहमद उपस्थित रहे।
आयोजित राज्य स्तरीय वेविनार में डॉ.तृप्ति सिंह ने बैठक प्रारम्भ करते हुए बताया कि 3 जुलाई 2021 को विभावाणी के एनसीटी की बैठक प्रस्तावित है। डॉ. सिंह ने वेविनार के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि एनसीटी के बैठक में मध्यप्रदेश चैप्टर के मुद्दों और निर्णय को अंतिम रुप देने एवं मध्यप्रदेश चैप्टर के कार्ययोजना पर चर्चा के लिए यह बैठक आयोजित की गया है।
विभा वाणी की वरिष्ठ साथी श्रीमती साधना स्ट्रुबल ने कहा कि विभा वाणी द्वारा तय 12 थीमेटिक एरिया में से मध्यप्रदेश में प्रभावी कार्य करने की दृष्टि से किसी एक पर जोर देना चाहिए। मध्यप्रदेश में कृषि की बदहाली एवं कुपोषण प्रदेशव्यापी मुद्दा है। इसे हम मध्यप्रदेश में अपने कार्ययोजना में शामिल कर सकते हैं
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डॉ.गजेंद्र गुप्ता ने संवहनीय आजीविका हेतु कृषि और महिला सशक्तिकरण पर प्राथमिकता से कार्य करने का सुझाव दिया। डॉ.तृप्ति सिंह ने बैठक में उपस्थित सदस्यों का आव्हान किया कि वे तय करें कि राज्यस्तरीय कार्ययोजना में किन किन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर तय करना चाहिए? नेटवर्क के वरिष्ठ साथी डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने कहा कि आगामी कार्ययोजना हेतु सभी साथी अपने-अपने विचार प्रस्तुत कर बताएं कि कि क्या करना चाहिए?
डॉ.विद्या पाण्डेय ने कहा कि विभावाणी को संस्थाओं के तकनीकी मुद्दों का समाधान करना चाहिए। आगे हमें क्या मुद्दे लेना है यह भी हमें तय करना चाहिए। डॉ.तृप्ति सिंह ने कहा कि,संस्थाओं को प्रोजेक्ट एवं फंडिंग उपलब्ध कराने की दिशी में अभी तक रिजल्ट नगण्य है। मंजू शर्मा ने कहा कि,कोविड संक्रमण के कारण बेरोजगारी का मुद्दा है।म.प्र.में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग हम ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य के लिए कर सकते हैं।
डॉ.शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि, सबसे पहले मध्यप्रदेश के संस्थाओं को किसी एक प्रोजेक्ट से जोडा जाए। सौरभ चटर्जी ने कहा कि,हमें कंवर्जेंस से काम करने पर विचार करना चाहिए। डॉ. तृप्ति सिंह ने कहा कि,वर्तमान में विभावाणी को कंवर्जेंस से काम करने में कितना सपोर्ट मिलेगा इसके ऊपर विचार करना चाहिए।
डॉ. रामजीशरण राय ने विचार व्यक्त मरते हुए नेटवर्क की।आगामी कार्ययोजना हेतु सुझाव दिया कि प्रदेश में जिला अथवा ब्लॉक स्तर पर कार्यरत संस्थाओं के पास वैधानिक दस्तावेज कम हैं या वे कागजी कार्यवाही में सक्षम नहीं हैं जबकि उनके क्षेत्र में कार्य, गतिविधियाँ व पहचान बेहतर है उनको तकनीकी रूप से सक्षम संस्थाओं से जोड़ने एवं परियोजना सहयोगी बनाया जाए। ताकि वे विभा वाणी के कार्यक्रम, परियोजनाओं में सक्रिय भागीदारी कर सकें। डॉ. राय ने वर्तमान परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आगामी वर्ष में स्वास्थ्य के मुद्दे पर कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया। तदोपरांत कुपोषण और कृषि के क्षेत्र में चरणबद्ध कार्य आरंभ करने से सभी का जुड़ाव प्रभावी होगा।
डॉ.सुनील चतुर्वेदी ने कहा कि विभावाणी से जुड़ी संस्थाओं को विभावाणी क्या दे सकता है? यह यक्ष प्रश्न हैं? विभावाणी के हर चैप्टर से यही बात आती है। विभा वाणी नेटवर्क से जुड़े साथियों को प्रोजेक्ट की आवश्यकता है। जो अभी तक अपेक्षित हैं। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्व में 10 से 12 प्रोजेक्ट बनाए गए हैं जो अभी तक स्वीकृत नही हुए हैं। जल जीवन मिशन के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट में मंत्रालय में विभिन्न स्तरों पर प्रस्तुति व जानकारी जमा की गई है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट के लिए संस्था के वित्तीय लेनदेन और शर्तों को जमीनी संस्थाओं के लिए पूरा न कर पाने की बात विस्तार से रखी। साथही सोसायटी पंजीकरण तक विभावाणी को पहुंचाना है।
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि विभावाणी से जुड़ी संस्थाओं को सोशल मूवमेंट चलाना चाहिए इससे क्रेडिशिंयल बनता है। हमें बड़ा काम चाहिए, इसके लिए उपयुक्त संस्था को हमें जोड़ना होगा। नेटवर्क के साथ काम करने से कई संस्था परहेज करती हैं। आगामी महीनों में प्रदेश व जिलों में विभा वाणी नेटवर्क की पहचान बनाने के लिए सदस्य संस्थाओं को निश्चित समय में एक मुद्दे पर समान गतिविधि का संचालन करना चाहिए ताकि उत्कृष्ट पहचान बन सके। रिवर लिट्रेसी एक ऐसा विषय है जिससे कई संस्थाओं को जोडा जा सकता है।
नेटवर्क साथी मंजू शर्मा ने कहा कि हमें एडवोकेसी पर बात करनी चाहिए। डॉ. सुनील चतुर्वेदी जी ने कहा कि, विभावाणी को संस्थाओं के साथ काम करने के लिए पॉलिसी को लेकर बात करनी चाहिए। डॉ.विद्या पाण्डेय ने विभावाणी के माध्यम से संस्थाओं को विभिन्न विषयों पर सपोर्ट करने के लिए कहा। डॉ. गजेंद्र गुप्ता ने चैट बॉक्स में अपने संस्था ओर विभावाणी के सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के जबलपुर और शहडोल संभाग में महिला सशक्तिकरण पर अभियान चलाने का संकल्प व्यक्त किया।
डॉ.तृप्ति सिंह ने विभावाणी द्वारा संस्थाओं के साथ एडवोकेसी करने एससीटी के साथ पार्टनर जोडने और कैम्पैन चलाने के मुद्दों को एनसीटी के समक्ष रखने के लिए चिन्हित किया। श्रीमती साधना स्ट्रुबल ने विचार व्यक्त करते हुए राज्य के अन्य जिलों से सक्रिय संस्थाओं और साथियों को विभा वाणी से जोड़ने की जिम्मेदारी रीजन वाइज सदस्यों को लेना चाहिए ताकि नेटवर्क का विस्तार हो सके। नेटवर्क की बैठक निरन्तर निश्चित समय अंतराल में आयोजित की जावें। वेविनार के अंत में साधना जी द्वारा उपस्थित सभी साथियों का आभार व्यक्त किया। उक्त जानकारी विभा वा णी के डॉ. रामजीशरण राय ने दी।