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यह तस्वीर काफी कुछ कहती हैं हमें शर्मसार करने के लिए बूंदी की खूबसूरती को दाग लगा रहे शहर के कचरा डिपो

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बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-   नवल सागर ,बूंदी पर फ्रेंच पर्यटकों का बड़ा समूह बस से उतरा, तो सुखा नवल सागर भी इतना पसंद आया कि वाउ वाउ करते हुए फोटू उतारने लगे। जैसे ही आगे बढ़े तो नवलवसागर पार्क, नौलखाश्रम के मार्ग और हाटकेश्वर भवन के द्वार पर नगर परिषद के कचरा डिपो और उस पर बैठे सूअर नजर आए तो उनकी फोटु उतारने लगे। मैंने अतीत पर गर्व करना भी शुरू नही किया था कि वर्तमान ने शर्मिंदा कर दिया। ऐसा लिखते हुए स्थानीय निवासी व स्वतंत्र पत्रकार पीयूष पाचक ने इन फोटोज को जैसे ही अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर शेयर किया। कमोबेश ऐसे हालात रानी जी की बावड़ी, धाबाई जी का कुंड, रावला का चौक, नागर सागर कुंड, मीरा गेट, लंकागेट, खोजागेट सहित कई मुख्य स्थानों पर देखने को मिलते हैं। जहां स्थित ऐतिहासिक व पर्यटन महत्व के स्थान या तो कचरे से अटे पड़े हैं या फिर अतिक्रमण के शिकार होकर बदरंग हो रहे हैं। और अपनी ऐतिहासिकता खोते जा रहे हैं।
एक ओर जहां प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छता अभियान के द्वारा पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दे रहें हैं, वहीं दूसरी ओर अपने पूरे लवाजमे के साथ नगर परिषद शहर को स्वच्छ रखने का दम भर रही हैं। नगर परिषद् द्वारा सफ़ाई के किए जा रहे दावों की पोल जगह जगह खुले में बने कचरा डिपो खोल रहे है, जहां से कचरे का उठाव भी समय पर नहीं हो रहा है। ऊपर दिए गए फोटोज इसकी बानगीभर हैं। ऐसे में शहर के पर्यटन व ऐतिहासिक महत्व के पास बने खुले कचरा डिपो को देख कर यहां से गुजरने वाले पर्यटक बून्दी की किस छवि को लेकर जा रहे होंगे, यह विचारणीय हैं।
आमजन ने किए कटाक्ष
इन फोटो को शेयर करने के बाद तरह तरह की टिप्पणियां करते हुए प्रशासन को शहर की दुर्दशा का जिम्मेदार बताया। स्थानीय निवासी विशाल शर्मा ने इस कचरा डिपो को नगर परिषद के तीन साल के कार्यकाल का विकास बताते हुए लिखा कि यह स्थान 10 दिन पहले पार्षद के द्वारा सुझाया गया हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय वार्ड पार्षद की उदासीनता व सुपरविजन के अभाव में वार्ड 8 के लोग गंदगी और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में परेशान है। नवल सागर ट्रांसफार्मर के पीछे बालाजी के मंदिर के तरफ जाने वाले रास्ते पर पार्षद की सहमति से कचरा डिपो बना दिया गया है ऐसे ही हालात रंगनाथ जी मंदिर के पास भी है। गौरतलब हैं कि उक्त स्थान के सामने ही विश्व प्रसिद्ध गजलक्ष्मी का मंदिर भी स्थित हैं।
इस स्थिति को सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश विजय ने बूंदी के राजनीतिक नेतृत्व बहुत शर्मनाक बताया। इसी प्रकार रामदत्त दाधीच ने कटाक्ष करते हुए बूंदी के बहुत ही कुशल व कर्मठ नगर परिषद के सभापति व पार्षदों को इस प्रकार की दशा होने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इन्होंने लिखा कि वोट लेकर प्रसाद तो देना महान पुण्य कर्म है, अतः इनके घर जाओ, मालाएँ पहनाओ, फोटो खिंचवाओ और आश्वासन लेकर फेसबुक पर पोस्ट कर दो। इस तरह कई आमजन ने इस फोटो पर अपनी राय जाहिर करते हुए प्रशासन पर कटाक्ष किए हैं।
स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा बूंदी
पूर्व सभापति के समय बूंदी जिले को पहले पायदान पर रहते हुए स्वच्छता का गौरव हासिल हुआ था। उसके बाद से लगातार बूंदी स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा जा रहा है। इस बार जारी रैंकिंग में बूंदी को प्रदेश में जहां 29 वीं रैंक हासिल हुई है।
जिला कलेक्टर के बेहतरीन बूंदी अभियान का भी नहीं दिखा असर
बूंदी को क्लीन सिटी बनाने को लेकर पूर्व जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी द्वारा शुरू किया गया बेहतरीन बूंदी अभियान भी केवल खानापूर्ति साबित हुआ। इस अभियान का भी बूंदी को स्वच्छ व सुंदर बनाने में कोई योगदान नहीं दिखाई दिया और यह अभियान मात्र खानापूर्ति बनकर रह गया। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि अभियान के समय तो बूंदी शहर स्वच्छ व सुंदर हो जाया करता था लेकिन दोबारा कचरा वापस ना डाला जाए इसके लिए कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई। जिसके चलते वापस शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर दिखाई देने लग जाया करते थे।
शहर में चारों तरफ गंदगी का आलम
छोटी काशी बूंदी की बात करें तो यहां चारों तरफ गंदगी का आलम दिखाई दे रहा है। टनल के पास डाले जाने वाले मृत्यु विश्व की दुर्गंध से गुजरने वाले लोग बूंदी रुकना तक पसंद नहीं करते हैं। ऐतिहासिक नवल सागर ,जैतसागर तालाब किनारे फैली गंदगी आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों के सामने बूंदी की छवि को धूमिल कर रही है शहर में चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। जिन पर नगर परिषद का कोई ध्यान नहीं है। इन्हीं सभी कारणों के चलते बूंदी लगातार स्वच्छता की रैंक में पिछड़ता ही जा रहा है और आज इसकी गिनती सबसे गंदे शहरों में होने लगी है।
पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों के पास वाले हटवा रहे हैं कचरा डिपों
स्थानीय पार्षद मनीष सिसोदिया ने बताया कि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद नवल सागर पार्क के पास खुला कचरा डिपो बंद किया जा चुका हैं, फिर भी मना करने के बावजूद सफाई कर्मी जबरन वहां पर कचरा डाल रहे हैं। वहीं मोती महल के दरवाजे पर बना कचरा डिपो भी बंद हो चुका हैं। अभी ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व वाले रावला का चौक में कचरा डिपो बना हुआ हैं, जहां बून्दी के आराध्य भगवान रंगनाथ , भगवान लक्ष्मी नाथ के मंदिर के साथ बाबा मीरा साहब का चिल्ला भी स्थित हैं, वहीं मोती महल का उत्तरी दरवाजा भी हैं। ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व वाले इस स्थान से भी कचरा डिपों हटवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ट्यूरिज्म बनेबा बून्दी के विकास की धुरी
पूर्व राज परिवार के सदस्य व ट्यूरिज्म इंडस्ट्रिज से जुड़े वंशवर्धन सिंह ने बताया कि यहां की प्राकृतिक व ऐतिहासिक, हेरिटेज संपदा के चलते आने वाले समय में बून्दी के विकास में हेरिटेज व इको वाइल्ड ट्यूरिज्म मील का पत्थर साबित होगा। पहले पर्यटक केवल हेरिटेज व ऐतिहासिक संपदा को निहारने ही बून्दी आया करता था, लेकिन रामगढ़ टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी शुरू होने स बून्दी इको वाइल्ड ट्यूरिज्म का बड़ा केन्द्र बनेगा। यदि हम समय पर नहीं जागे तो बड़ा मौका हाथ से निकल जाएगा।
इनका कहना है
पर्यटन स्थलों के पास बने खुले कचरा डिपो के कारण बून्दी के पर्यटन पर गलत प्रभाव पड़ रहा हैं। इससे पर्यटकों के बीच गलत छवि बन रही हैं।
प्रेम शंकर सैनी, सहायक पर्यटन अधिकारी, बून्दी
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कचरा गाड़ी व्यवस्था बहुत खराब है, इसमें लगे लोगों को बदलना या उनकी ट्रैनिंग की आवश्यकता है। आजकल दो तीन दिन में गाड़ी आ रही है। जानकारी मिली है कि डीजल ढ़़लाने के पैसे नहीं है नगरपरिषद के पास। ये गाड़ी वाले मिशन की तरह काम नहीं करते आफ़त समझकर काम करते हैं।
अनुराग शर्मा, अधिवक्ता
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नगर परिषद प्रशासन द्वारा जिला कलेक्टर साहब के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। गंदगी अतिक्रमण को लेकर हो रही कार्यवाही में सिर्फ दिखावा और खाना पूर्ति के कारण पूरे शहर की यही दुर्दशा हो रही है।
कालू कटारा, समाजसेवी
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भारत भ्रमण पर आने वाले पर्यटक के मन में प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत विजन की सोच बनी रहती हैं। लेकिन जब वह पर्यटक स्थल के आस पास व अपने डेस्टिनेशन पर ऐसी हालत देखता है, तो निश्चित ही वह नकारात्मक छवि लेकर जाता हैं। प्रशासन को चाहिए कि वे पर्यटन स्थलों के आसपास खुले कचरा डिपो को हटाने का प्रयास करें।
वंशवर्धन सिंह, पूर्व राजपरिवार के सदस्य
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बालचंद पाड़ा व नाहर का चौहट्टा क्षेत्र पर्यटन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां गढ़ पैलेस सहित, चित्रशाला, मोतीमहल, नवल सागर झील, गजलक्ष्मी मंदिर, आराध्य भगवान रंगनाथ , भगवान लक्ष्मी नाथ के मंदिर के साथ बाबा मीरा साहब का चिल्ला भी स्थित हैं। इस क्षेत्र में खुले कचरा डिपो को बंद करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मोती महल के दरवाजे पर बना कचरा डिपो भी बंद हो चुका हैं। वहीं नवल सागर पार्क के पास खुला कचरा डिपो बंद किया जा चुका हैं, फिर भी मना करने के बावजूद सफाई कर्मी जबरन वहां पर कचरा डाल रहे हैं।
मनीष सिसोदिया, स्थानीय पार्षद

शहर की सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं। खुले में बने कचरा डिपो के स्थान पर कचरा पात्र रखवाए जाएंगे, जिसके लिए टेंडर का प्रसेज प्रक्रिया में हैं। वहीं टिपर वाहन में जीपीएस भी लगवाए जा रहे हैं, ताकि कचरे के उठाव व परिवहन की मॉनिटरिंग भी हो सकें।
डॉ. राकेश मीणा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद, बून्दी

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