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कॉलोनाईजर्स द्वारा कृषि भूमियो पर अवैध कॉलोनिया काटने का खेल धड़ल्ले से जारी

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- नगर परिषद के पेराफेरी क्षेत्र मे कॉलोनाईजर्स द्वारा कृषि भूमियो पर काटी जा रही अवैध कॉलोनियो एक बार फिर चर्चा मे आ गई है। शुक्रवार को बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा के द्वारा कृषि भूमियो पर बनी अवैध कॉलोनियो को लेकर दिये गये व्यक्तव्य के बाद स्वायत शासन विभाग इस सम्बन्ध मे महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है अगर स्वायत शासन विभाग ने कृषि भूमि पर काटी जा रही कॉलोनियो पर कदम उठा लिया तो कॉलोनाईजर्स पर सकंट खडा हो जायेगा और उन्हे सरंक्षण देने वालो पर भी।
शुक्रवार को बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा कृषि भूमि पर कट रही कॉलोनियो पर जमकर बरसे। उन्होने स्वायत शासन मंत्री को इंगित करते हुये कहा कि नगर परिषद व नगर पलिका क्षेत्रो मे अवैध कॉलोनियां बन रही हैं। कॉलोनाइजर्स एग्रीकल्चर लेडं पर अवैध कॉलोनियों काटकर छोटे छोटे प्लॉटो की रजिस्ट्रीया करवा लेते है। शर्मा ने कहा कि कॉलोनाइर्जस व भूखण्ड स्वामी अगर उप पंजीयक कार्यालय मे जाए तो उसकी उसकी रजिस्ट्री जब ही हो जब आवेदक नगर परिषद व नगर पालिका से कृषि भूमि की एनओसी लेकर आये। शर्मा ने कहा कि भी बिना एप्रूव्ड कॉलोनी मे भूखण्डो की रजिस्ट्री हो जाती है फिर वहा मकान बनने लग जाते है। नगर परिषद, नगरपालिका के सामने फिर बिजली की समस्या आ जाती है, फिर नियमन की समस्या आ जाती है। शर्मा ने स्वायत शासन मंत्री को सुझाव दिया कि पट्टों की रजिस्ट्री कराने के लिए, जब रजिस्ट्रार के पास जाए, तो एनओसी ले, आबादी क्षेत्र में है या एप्रूव्ड कोलोनी है या नहीं है। अगर स्वायत शासन विभाग यह व्यवस्था करेगो तो अवैधानिक, अनएप्रूव्ड कॉलोनियां नही बन पायेगी।
शहर मे कृषि भूमियो पर अवैध कॉलोनियो की बाढ
बूंदी शहर मे पिछले पांच साल से कृषि भूमियो पर अवैध कॉलोनियो बनने का क्रम निरंतर जारी है। शहर का ग्रांधीग्राम नये नवेले कॉलोनाईजर्स की पंसदीदा जगह बन गया है क्योकि वहां केन्द्रीय विधालय व आयुर्वेद चिकित्सालय, साईबर थाना व अन्य सरकारी इमारत निर्माणाधीन है। गांधीग्राम की बात करे तो इन दिनों भूमाफिया गांधीग्राम पटवार हल्के व इसके आस पास की कृषि भूमियो पर खास तौर पर सक्रिय है बिना कृषि भूमि का कन्वर्जन कराये, कॉलोनी नगर परिषद से अप्रूव्ड करवाये बगैर ही कहानियां काटने मे जुटे हुए है। अभी हाल ही मे एक कॉलोनाइजर्स के ग्रुप ने तो 400 रुपये स्क्वायर फीट मे रजिस्ट्री सुदा प्लॉट बेचने का पम्पलेट अखबारों मे डलवा दिया जिसमें लिखा था हम प्लॉट नहीं अपना भरोसा बेचते है। जब पम्पलेट मे लिखे खसरा संख्या की जांच की गई तो कॉलोनी अवैध होने की पुष्टि हो गई। नगर परिषद के पेराफेरी क्षेत्र मे कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने का खेल नगर परिषद, सम्बन्धित पटवारी व राजस्व प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है।