पढाई के लिए शिक्षक की और सीखने के लिए स्वयं की आवश्यकता होती है Teacher is needed for teaching and self is needed for learning.
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>कलेक्टर संजय कुमार स्कूल चले हम अभियान अंतर्गत भविष्य से भेंट कार्यक्रम के तहत शासकीय श्री हजारेश्वर हायर सैकेण्डरी स्कूल में बच्चों के बीच पहुचें, जहां उन्होंने बच्चों से आत्मीयता पूर्वक चर्चा के दौरान पढाई और सीखने में क्या अंतर है, को विस्तार से समझाया साथ ही न्यूटन के सिद्धांत का पाठ भी पढाया, इतना ही नही उन्होंने कक्षा 10वी की क्लास में बच्चों के साथ बैठकर अंग्रेजी पढा रही शिक्षिका की अध्यापन शैली का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह तोमर, प्रिंसिपल प्रमोद सिंह सिकरवार आदि उपस्थित थे।
भविष्य भेंट कार्यक्रम के क्रम में स्कूल पहुचें कलेक्टर संजय कुमार ने बच्चों को पढाई और सीखने की कला में अंतर बताते हुए कहा कि पढाई के लिए हमें शिक्षक की आवश्यकता होती है और सीखने के लिए हमें स्वयं का समर्पण करना पडता है। सीखने का क्रम उम्रभर चलता रहता है, हमें रोज नया कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए। सीखने की जिज्ञासा ही हमें आगे बढाती है। उन्होंने कहा कि सीखने में हमारी इन्द्रिया सहयोग करती है, 5 ज्ञानेद्रिया इसमें प्रमुख है, मन, बुद्धि और चित यह अंतकरण हमें सीखने में मदद करते है। उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरूष हुए, उन्होंने जिंदगीभर किसी से कुछ न कुछ सीखा है।
पढाई के लिए शिक्षक की और सीखने के लिए स्वयं की आवश्यकता होती है Teacher is needed for teaching and self is needed for learning.
इस अवसर पर उन्होंने बोर्ड पर आकर न्यूटन का सिद्धांत भी बच्चों को समझाया तथा गति के नियम जडत्व का नियम, संवेग का नियम एवं क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम उदाहरण सहित समझाये गये।
पिछली बेंच पर बच्चों के साथ बैठकर किया अवलोकन
कलेक्टर संजय कुमार जब स्कूल पहुचें तो कक्षा 10वी की क्लास चल रही थी, इस क्लास में अंग्रेजी की शिक्षिका द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा था। कलेक्टर श्री कुमार क्लास में बच्चों के पीछे सबसे लास्ट बेंच पर जाकर बैठ गये और अध्यापन कार्य का अवलोकन किया।