ग्रामीण बच्चों ने करी पहली हवाई यात्रा तो खिले चेहरे
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-बूंदी जिले के काछोला सीनियर सेकेंडरी स्कूल के ग्रामीण छात्र छात्राओं ने दिल्ली जयपुर की सैर के साथ हवाई यात्रा का आनंद लिया तो झूम उठे।उनका यह सपना स्कूल के प्रिंसिपल ने पूरा किया तो बच्चे इस खुशी मे फुले नही समाए। दसवीं और 12वी की परीक्षा मे अच्छे अंक लाने पर प्रिंसिपल ने बच्चों को हवाई यात्रा करवाने का वादा किया था।
नैनवां उपखंड के बाछोला की सीनियर सैकंडरी स्कूल के 6 बच्चे अब बहुत खुश है।उनकी खुशी का कारण था कि वे पहली बार हवाई जहाज मे बैठे और हवाई यात्रा का आनंद लिया।
यह सब संभव हो सका स्कूल के प्रिंसिपल संजय कुमार मीणा की बदौलत। मीणा ने बच्चो को पढाई के प्रति समर्पित बनाने के लिए पहले ही घोषणा की थी कि जो बच्चे 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाएंगे उनको हवाई जहाज की सैर कराएगे।इसी के चलते अच्छे अंक लाने पर स्कूल के छ बच्चो को जयपुर दिल्ली के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया, वही दिल्ली से जयपुर तक हवाई जहाज की सैर करवाई।
जयपुर दिल्ली की कराई सैर
हवाई यात्रा से पहले सभी बच्चो को जयपुर दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलो का भ्रमण करवाया।प्रिंसीपल के साथ बच्चे और टीचर पहले जयपुर पहुंचे और यहाँ मोती डूंगरी, बिरला मंदिर, सिटी पार्क वर्ड ट्रेड मॉल का विजीट करवाया।इसके बाद ट्रेन से पुरी टीम दिल्ली पहुंची और राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट,अक्षरधाम मंदिर के भ्रमण के बाद दिल्ली मेट्रो ट्रेन मे सफर का आनंद लिया बाद मे बच्चों को दिल्ली से जयपुर तक हवाई जहाज की सैर कराई।इस भ्रमण ओर हवाई यात्रा को लेकर बच्चे काफी खुश है।
इन छात्र छात्राओं के लिया सैर का आनंद
दसवीं और 12वीं की परीक्षा मे अच्छे अंक हासिल कर हवाई सफर करने वाले बच्चों में12वी की छात्रा आशा प्रजापति पिता हनुमान प्रजापत ने 89.50 प्रतिशत,10वी की छात्रा कृष्णा कुमारी पिता राधेश्याम मीणा 93 प्रतिशत वही 10 वी के छात्र आदित्य नागर पिता मुरलीधर नागर 91%, महिमा नागर पिता रामदेव नागर 91% तथा 10वी के छात्र आदित्य मीणा पिता राधेश्याम मीणा 93% व जीतू कुमार बैरवा पिता घनश्याम बैरवा 90% अंक हासिल करने पर हवाई यात्रा के साथ भ्रमण का आनंद लिया।इस दौरान टीचर मुकेश नागर व राधेश्याम मीणा भी साथ रहे।
अन्य बच्चे होंगे प्रेरित
स्कूल प्रिंसिपल संजय कुमार मीणा ने बताया कि बच्चों को हवाई यात्रा कराने का मूल उद्देश्य अन्य बच्चों में भी पढ़ाई के जिज्ञासा उत्पन्न करना है ताकि बच्चे प्रेरित होकर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाकर इस अवसर का लाभ उठा पाए और अपना भविष्य बना सकें।