अमीर परिवारों से होगी खाद्य सुरक्षा कानून के तहत वसूली की कार्रवाई: गिव-अप अभियान शुरू
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- सरकार ने ऐसे परिवार जो बीते वर्षों में आर्थिक रूप से सक्षम हो गए है और अब गरीब नहीं रहे है, से स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ने को कहा है। दरअसल प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों को निशुल्क गेहूं का वितरण किया जाता है। खाद्य सुरक्षा को लागू हुए दस वर्ष से अधिक हो गए है और ऐसे में जो परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हो गए है, लाभार्थियों की सूची में जमे हुए है। गौर मतलब है कि कानून के तहत राजस्थान के लिए 4.46 करोड़ लोगो को ही लाभान्वित किया जा सकता है। ऐसे आर्थिक सक्षम लोगो की वजह से गरीब लोगो को खाद्य सुरक्षा में जुड़ने का अवसर नहीं मिल रहा है। विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ने के लिए गिव-अप अभियान की शुरुआत की है।
विभाग ने खाद्य सुरक्षा के अपात्र लोगो को उनके आर्थिक आधार पर बाहर करने के संकेतक नियत किये है ताकि पात्र गरीब लोगो को सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए राशन डीलरों के माध्यम से निशुल्क गेहूं उपलब्ध कराया जा सके। ऐसे परिवार जिनके पास स्पष्ट रूप से चार पहिया लक्जरी वाहन, बड़ा मकान या लघु कृषक की सीमा से अधिक खेती की भूमि हो अथवा परिवार का कोई सदस्य इनकम टैक्स देता हो या सरकारी नौकरी में हो, को कानूनी रूप से अपात्र माना गया है। ऐसे परिवार जिनके सभी सदस्यों की शामिल इनकम एक लाख रुपये वार्षिक हो, को भी अपात्रता के दायरे में रखा गया है। विभाग द्वारा अपात्र परिवारों को कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए स्वेच्छा से लाभ छोड़ने का मौका दिया है। जारी आदेश के तहत 31 जनवरी 2025 तक आवेदन किया जा सकता है। इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने वाले परिवारों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
कौन है अपात्रता के दायरे से बाहर
ऐसे परिवार जिनकी आय एक लाख रुपये से कम हो या सरकारी नौकरी नहीं हो तो सम्पत्ति के निम्न मामलों में होगी छूट –
ऐसे मकान या दुकान के धारक परिवार जिनका निर्मित एरिया नगर निगम या नगर परिषद में 1000 वर्ग फीट तक, नगर पालिका में 1500 वर्ग फीट तक और ग्रामीण एरिया में 2000 वर्ग फीट तक हो।
शहरी क्षेत्र के परिवार, जिसके टैक्सी या लोडिंग के काम के कॉमर्शियल फॉर-व्हील साधन हो और ग्रामीण क्षेत्र में एक कमर्शियल फॉर-व्हील साधन के साथ एक ट्रैक्टर धारक परिवार।
कृषि भूमि धारक में लघु कृषक सीमा तक खेती भूमि रखने वाले परिवार।
यहां मिलेगा फार्म
गिव-अप अभियान के तहत आवेदन करने का फ़ार्म खाद्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है हालांकि सादे कागज पर भी निर्धारित सूचना के साथ आवेदन स्वीकार किया जायेगा। आवेदन के साथ राशन कार्ड की कॉपी भी देनी होगी। आवेदन को भरकर जिला रसद कार्यालय में या किसी भी राशन डीलर को दिया जा सकेगा। राशन डीलरों को ऐसे फॉर्म जमा करते हुए जिला रसद अधिकारी कार्यालय में साप्ताहिक रूप से प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए है।
नए नाम जुड़ सकेंगे
अभियान के तहत खाली स्थान के लिए नए नामों का चयन किया जाएगा जिसके लिए भी जनवरी 2025 के बाद अभियान चलाया जायेगा। इसी कैंपेन के दौरान अपात्र लोगो की छटनी भी की जाएगी और स्पष्ट रूप से अमीर परिवारों को पात्रता सूची से हटाया जायेगा।
ई-केवाईसी कराना होगा जरूरी : अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024
पात्र परिवारों में ऐसे सदस्य जो परिवार का भाग नहीं रहे है, को हटाने के लिए खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान के चयनित सभी लाभार्थियों को ई-केवाईसी करवाई जा रही है। इसके लिए पात्र परिवार के सभी सदस्यों को राशन की दुकान पर जाकर पोस मशीन पर वेरिफिकेशन कराया जाना जरूरी है। हालांकि कुछ मामले जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन आदि में समस्या आ रही है, को डीएसओ ऑफिस में आवेदन करके केवाईसी से छूट दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। 31 दिसंबर के बाद शेष रहे सदस्यों को खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया जा सकेगा और ऐसे सदस्यों का गेहूं नहीं मिलेगा। विभाग द्वारा ई-केवाईसी करवाने के लिए गत तीन माह से तिथि का विस्तार किया जा रहा है ताकि कोई जरूरतमंद वंचित न हो हालांकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसकी पालना कर रिपोर्ट लगातार माँगी जा रही है।