पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद के शह पर कोटा रोड स्थित नजूल संपत्तियों में धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण संबंधित विभाग बेखबर
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-इन दिनों शहर में मानो अतिक्रमण की बाढ़ सी आ गई है। मुख्य बाजार सहित शहर में जगह-जगह अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है यही नही नजूल संपत्तियों पर भी बिना विभागीय स्वीकृति से निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं जो कि नियम विरुद्ध है। शहर के कोटा रोड पर अरुण गैस एजेंसी के पास स्थित हरपालदास मानकमल हार्डवेयर की दुकान पर इन दोनों रात्रि के अंधेरे में वह दिन के समय शटर बंद कर कर बिना स्वीकृति पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद की शह पर रात्रि के समय व दिनदहाड़े धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। जबकि उक्त संपत्ति नजूल संपत्ति के अंतर्गत आती है। जिसको नियमानुसार न तो किसी को बेचान करके हस्तांतरित किया जा सकता है, न ही किसी प्रकार का स्वरूप परिवर्तन और किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य कराया जा सकता है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता मोहित शंकर मीणा के अनुसार उक्त नजूल संपत्ति, संपत्ति विभाग जयपुर के अधीन आती है, जिसकी देखरेख के लिए जिले में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा जिलें में नजूल संपत्ति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर होते है। जिनकी स्वीकृति के बिना इन संपत्तियों में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कराया जा सकता है।
अधिकारिक रूप से मालूम करने पर पता चला कि उक्त दुकानदार द्वारा पीडब्ल्यूडी में दीवारों की मरम्मत की एप्लिकेशन दी है। उक्त दुकान मालिक ने उक्त विभाग से किसी भी प्रकार की निर्माण की स्वीकृति नही ली है न ही नगर परिषद को उक्त कार्य हेतु अवगत कराया है। जिससे यही प्रतीत हो रहा है कि पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद के कुछ अधिकारी व कर्मचारी की शह पर इस कार्य को धड़ल्ले से दिन में शटर बंद कर व रात को अंधेरे में कराया जा रहा है। व्यापारियों की मानें तो बिना पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद की मिलीभगत के इस तरह का कार्य होना संभव नहीं है। पूर्व में भी नगर परिषद द्वारा ही इस तरह के अवैध निर्माणों पर कार्यवाही की गई थी।
इनका कहना है
कोटा रोड़ की दुकान पर निर्माण की शिकायत मिली है। जिस पर सहायक अभियंता को मौका दिखवाया जायेगा अगर नया निर्माण कार्य मिलता है तो,नियमानुसार कार्यवाही की जाएगीं।
मोहित शंकर मीणा अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, बून्दी।