स्वर्ण सिंहासन पर विराजेंगे भगवान श्री रंगनाथ, 3 सितंबर को बूंदी में निकलेगी ऐतिहासिक डोल यात्रा
दी। छोटी काशी के नाम से विख्यात बूंदी शहर एक बार फिर भक्ति और परंपरा के अनूठे संगम का साक्षी बनने जा रहा है। आगामी 3 सितंबर, बुधवार को भगवान श्री रंगनाथ जी की भव्य और ऐतिहासिक डोल यात्रा निकाली जाएगी। इस वर्ष का मुख्य आकर्षण भगवान श्री रंगनाथ का स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होकर नगर भ्रमण करना होगा। यात्रा श्री रंगनाथ मंदिर से ठीक शाम 5 बजे प्रारंभ होगी, जिसको लेकर देवस्थान विभाग और श्री रंगनाथ सेवा समिति ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।
श्री रंगनाथ सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता पुरुषोत्तम पारीक ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा की भव्यता को लेकर देवस्थान विभाग, कोटा संभाग के सहायक आयुक्त के.के. खंडेलवाल और निरीक्षक आशुतोष गुप्ता के साथ एक विशेष बैठक हुई। दोनों अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि इस वर्ष डोल यात्रा महोत्सव को और अधिक प्रभावी ढंग से मनाया जाएगा और उन्होंने भगवान श्री रंगनाथ को नगर भ्रमण के दौरान स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान करने का आश्वासन दिया है, जिससे भक्तों में भारी उत्साह है।
यह रहेगा यात्रा का भव्य मार्ग
डोल यात्रा का शुभारंभ मोती महल से होगा, जहाँ बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह भगवान श्री रंग नाथ, श्री गोविंद नाथ एवं श्री पीतांबर जी की आरती उतारकर यात्रा को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। इसके बाद यात्रा का पहला पड़ाव बुलबुल का चबूतरा होगा। वहाँ से जगदीश मंदिर और श्री चारभुजा नाथ मंदिर (तिलक चौक) पर पुजारी पंडित गणेश शर्मा द्वारा आरती की जाएगी।
यात्रा अपने पारंपरिक मार्ग से होते हुए राव भाऊ सिंह जी, कल्याण राय मंदिर और चौमुखा स्थित श्री हस्त गणेश जी मंदिर पहुँचेगी, जहां भव्य आरती का आयोजन होगा। चूड़ी बाजार, कागदी देवरा और सेठ जी का चौक जैसे प्रमुख बाजारों से गुजरते हुए भक्तजन और आरती वाले वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करेंगे।
यात्रा का मुख्य पड़ाव रावला चौक स्थित राम सागर रहेगा, जहाँ बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंश वर्धन सिंह पूजा-अर्चना के साथ भगवान की आरती उतारेंगे। इसके पश्चात डोल यात्रा वापस रावला चौक स्थित श्री रंगनाथ मंदिर पहुँचेगी, जहां महाआरती और प्रसाद वितरण के साथ इस भव्य महोत्सव का समापन होगा।