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पंडित दीनदयाल जयंती के अवसर पर अन्त्योदय पर व्यख्यानमला का आयोजन

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>पंडित दीनदयाल जयंती के अवसर म.प्र. जन अभियान परिषद जिला श्योपुर द्वारा श्री राम धर्मशाला में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रेणु सुजीत गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय, विशिष्ट अतिथि रूप में डॉ ओमप्रकाश टकसाली तथा मुख्य वक्ता के रूप में कमल सिंह गौतम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक श्रीमती नेहा सिंह ने किया।
कार्यक्रम में विकासखंड समन्वयक श्रीमती नीतू सिंह, रघुराज सिंह राजावत जिले की नवांकुर समिति, प्रस्फुटन समिति, सीएमसीएलडीपी छात्र व मेन्टर्स तथा समाजसेवियों एवं विचारको ने  भागीदारी की। कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया। पंडित जी का कहना था कि देश को वर्गों में नहीं बल्कि एकात्मकता में पिरोकर देखना चाहिये। दुनिया में सब चीजें एक दूसरे से परस्पर जुड़ी हुई हैं। उपाध्याय जी का मानना था कि लोगों को सक्षम बनाना चाहिए, ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी मानते थे कि एकात्म मानववाद संस्कारों से आ सकता है।
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रेणु सुजीत गर्ग ने बताया की एक बार डॉक्टर श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था यदि मेरे पास दो दीनदयाल होते तो मैं भारतीय राजनीति का परिदृश्य ही बदल देता। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ टकसाली ने दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद के विषय को योग से जोड़कर उसे हम अपने जीवन में किस प्रकार लागू कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं से अवगत कराया।
मुख्य वक्ता कमल सिंह गौतम द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों की चिंता करते हुए उनके जीवन में परिवर्तन लाने दुनिया को अंत्योदय का विचार दिया। पंडित दीनदयाल ने दुनिया को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सिद्धांत दिया, जो व्यक्ति को परिवार, समाज, देश-दुनिया और प्रकृति से जोड़ता है। दीनदयाल जी मानते थे कि देश की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों के अनुरूप देश के लोकतंत्र का संचालन किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अत्यंत अभावो में जीने के बाद भी उपाध्याय जी ने देशप्रेम को जीते हुए भारतीय जन संघ के अध्यक्ष बने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठक भी बने। उन्होने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उस समय के सर्वकालिक महान लोगो की श्रेणी में रखते हुए कहा कि उन्होंने अपना सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।
जन अभियान परिषद की जिला समन्वयक श्रीमती नेहा सिंह ने कहा कि पंडित जी ने हमेशा वसुदेव कुटुम्बकम पर जोर दिया है। धर्म सप्रदाय से अलग हट कर उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को समान दृष्टि से देखने का विचार सभी के समक्ष दिया है। हम सबको समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले वर्ग की सहायता के लिये हमेशा तत्पर रहना चाहिये। आभार प्रदर्शन नवांकुर संस्था प्रतिनिधि भास्कर ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती अंजना, मारवाड़ी मुकेश सिकरवार, रामलखन सुमन, सुधाकर पचौरी,  मुन्नालाल गुप्ता,  वीर सिंह जाटव आदि प्रतिभागी उपस्थित रहे।