खबरदतियामध्य प्रदेश

भिक्षावृत्ति कराई तो होगी जेल और जुर्माना

बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु 20 दिवसीय जागरूकता अभियान के तहत :
इंदरगढ़, रतनगढ़ माता मंदिर व सेंवढ़ा में रेस्क्यू चलाया

दतिया @Rubarunews.com>>>>>>>>>>>>> कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े के निर्देशन में बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम हेतु 20 दिवसीय जागरूकता अभियान के प्रथम चरण के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति दतिया संयुक्त तत्वावधान में जिला दतिया के शीतला माता मंदिर इंदरगढ़, माता रतनगढ़ मंदिर व मुख्य बाजार, बस स्टैंड सेंवढ़ा में रेस्क्यू संचालित कर बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान चलाया गया।

रेस्क्यू अभियान के दौरान दल में सम्मिलित अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा आमजन से बातचीत कर अधिनियम के प्रावधानों की व्यापक जानकारी देते हुए समझाइस दी गई कि वह प्रसाद एवं रूपये पैसे के लालच में भीख न दें तथा भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की मुहिम में सम्मिलित होकर दतिया जिले को बाल भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के प्रयास करें।

रेस्क्यू दल में उपस्थित बाल कल्याण समिति दतिया के सदस्य रामजीशरण राय द्वारा वैधानिक प्रावधानों को विस्तृत रूप से बताए कानूनी प्रावधानों को न मानने पर जुर्माना और सजा की जानकारी दी। श्री राय ने बताया कि यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। साथ ही श्रम विभाग के साथ समन्वय कर बालश्रम मुक्त अभियान के तहत रेस्क्यू भी समय-समय पर जारी किया जावेगा। ताकि बालकों के सर्वांगीण विकास हो सके और हमारा दतिया बाल हितैषी बन सके।

रेस्क्यू दल में सम्मिलित अन्य अधिकारियों द्वारा परिजनों एवं मंदिर के आसपास उपस्थित जन सामान्य और दुकानदारों को किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल भिक्षावृत्ति कानूनन अपराध है। बच्चों से भीख मंगवाना अधिनियम की धारा 76 के तहत दंडनीय अपराध है। जिसमें भीख मांगने के प्रयोजन के लिए बालक को नियोजित करने या किसी बालक से भीख मंगवाने पर 5 वर्ष के कारावास और 1 लाख के दंड का प्रावधान है। बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है कि उन्हें नियमित विद्यालय भेजा जाए उनकी उचित ढंग से शिक्षा एवं पालन पोषण किया जाए उनकी उचित ढंग से शिक्षा और पालन पोषण किए जाने हेतु बच्चों के परिजनों को चेतावनी दी गई।

अभियान के तहत शासकीय योजनाओं से लाभ प्राप्त करने हेतु बाल आशीर्वाद व स्पॉन्सरशिप योजना की व्यापक जानकारी दी। योजनाओं का लाभ लेने हेतु आवेदन आवश्यक दस्तावेज बाल संरक्षण कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु कहा गया जिससे बच्चों को शिक्षा एवं पोषण हेतु शासन की सहायता प्रदान की जा सके।

रेस्क्यू अभियान की कार्यवाही के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी धीरसिंह कुशवाह, बृजेंद्र सिंह कौरव, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी कुश मिश्रा, आकाश श्रीवास्तव, उत्तम शर्मा, आकाश गुप्ता, कमलेश आदिवासी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।