महंगाई ने बिगाड़ा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट, रसोई गैस से लेकर सरसों का तेल व पेट्रोल हुए मंहगा
भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> महंगाई दिनों दिन बेतहाशा बढ़ रही है, डीजल, पेट्रोल, गैस सहित सरसों सहित रिफाइंड आदि तेल के बाद में लगातार इजाफा होने से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है हालत यह है कि लोगों को अपनी घर-गृहस्थी चलाने में पसीने छूट रहे हैं। वहीं बढ़ते खाद्य तेल के दामों के कारण खाने-पीने की चीजें महंगी हो रही हैं, ठेले-खोमचों में मिलने वाले चाय-समोसा के दाम पहले के मुकाबले काफी बढ़ गए हैं। कोरोना काल में लोगों के आय के संसाधन सीमित हो रहे हैं, ऐसे में हर कोई दो-दो पैसे की बचत करने में जुटा है, लेकिन हर रोज बढ़ती महंगाई में लोग चाहकर भी बचत नहीं कर पा रहे हैं। फल-सब्जी, खाद्य तेल, रसोई गैस, पेट्रोल से लेकर कई जरूरत और रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों के बढ़ते दामों से हर दिन जनता को मंहगाई का झटका लगा रहा है। खाद्य तेलों में इजाफा होने की बजह से गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार अपने-अपने घरों सब्जी बनाने में छींके आ रही हैं अधिकांश लोगों का लॉकडाउन में काम धंधा छिन गया है और लोग पहले से ही बेहताशा परेशान है ऊपर से अब मंहगाई डाइन अपना कहर बरपा रही है आमजन को घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। महंगाई की वजह से आम लोगों के साथ छोटे दुकानदारों को भी चौतरफा मार झेलनी पड़ी है, ठेले, खोमचों में चाय-नाश्ता बेचने वाले दुकानदारों ने अब खाने-पीने की चीजों के दाम भी बढ़ा दिए हैं, वजह सिर्फ एक ही है, वो है महंगाई। बीजेपी सरकार आमजन को सहुलियत देने की बजह मंहगाई के बोझ में दबाने में लगी हुई है। खाद्य तेलों में हुए जबरदस्त इजाफे ने लोगों को चितित व झकझोर कर रख दिया है। खासकर रसोई का संचालन करने वाली गृहणियों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। व्यंजन और प्रतिदिन का खाना बनाने में हाथ सिकोडने पड रहे हैं। फरवरी 2020 में 140 रुपये में बिकने वाला सरसों का तेल उछल कर 180 रुपये प्रति लीटर से लेकर 200 रुपये प्रति लीटर इन दिनों बिक रहा है। इसी तरह 95 रुपये प्रति लीटर में बिकने वाला रिफाइंड मौजूदा समय में 165 रुपये बिक रहा है। जिस तेजी से दाम बढ़ रहे हैं उससे खाद्य तेल मध्यम व गरीब परिवारों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। अगर यही हाल रहा है तो आने वाले दिनों में गरीब परिवार की थाली से सब्जियां छिन जायेगी और उन्हें नमक व मिर्ची से रोटी खाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पहले पेट्रोल फिर रसोई गैस, अब खाद्य तेल कर रहे परेशान
सरकार ने पहले डीजल, पेट्रोल के दाम बढ़ाये, जिसके बाद रसोई गैस, अब खाद्य तेल जैसे सरसों का तेल, डिफाइंड आदि तेलों पर बेहाताशा मंहगाई कर दी है। गरीब व मध्यमवर्गी परिवारों को तेल खरीदने में छींके आ रही है दोनों समय बनने वाली सब्जी अब एक समय बना रहे हैं और सुबह का बनने वाला नाश्ता भी बंद कर दिया है केवल चाय से ही लोग काम चला रहे हैं आमजन का कहना है कि इस तरह से सरकार तेलों पर महंगाई करती रही थी आमजन वैसे ही बर्वाद हो जायेगा। पहले लॉकडाउन ने आमजन को हिलाकर रख दिया, अब मंहगाई मार डाल रही है।
महंगाई का असर चाय समोसे पर खाद्य तेल के बढ़ते दामों में लोगों की बढ़ाई चिंता
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से ज्यादा लोगों को चिंता खाने के तेल की ज्यादा है, खाद्य तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, ब्रांडेड के खाद्य तेल एक लीटर 190 रुपये से लेकर 200 रुपये में बिक्री हो रहा है वहीं रिफाइंड के दाम 165 पहुंच गया है इस तरह से आमजन व मध्यमवर्गीय परिवार को तेल खरीदना मुश्किल हो रहा है। वहीं तेल मंहगे होने की बजह से होटलों का का भी बजट बिगड़ रहा है दिनों दिन ग्राहकों की संख्या भी कम होती जा रही है। मंहगाई पर सरकार को नियंत्रण करना चाहिए, जिससे लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत मिल सके।
फैक्ट फाइल
-सरसों तेल का भाव एक किलो 200 रुपये
-रिफाइंड तेल का भाव एक किलो 165 रुपये
-पेट्रोल तेल का भाव एक लीटर 113 रुपये
-डीजल तेल का भाव एक लीटर 98 रुपये
क्या बोलीं गृहणियां
एक साल से लगातार खाद्य तेलों में बढ़ोतरी ने सारा बजट बिगाड कर रख दिया है, अब कुछ खाने-पीने की चीजें बनाते हैं तो कई दफा सोचना पड़ता है अब तो सरसों तेल के प्रति लीटर दाम 200 रुपये पहुंच गया है।
-मंजू देवी, जामना रोड भिण्ड
खाद्य तेलों में जबरदस्त महंगाई है। सरकार भी मूल्य नियंत्रित नहीं कर पा रही है। इससे आम जनता खासी परेशान है पहले लॉकडाउन में काम धंधा छीन लिया, अब मंहगाई परेशान कर रही है।
-सोमन जैन, सदर बाजार भिण्ड