गुड टच-बेड टच की जानकारी उतनी ही जरूरी, जितना जीवन के लिए खाना पानी और ऑक्सीजन
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-स्कूलों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में गुड टच-बेड टच के संबंध में जानकारी हर बच्चे के लिए उतनी ही जरूरी है जितना उस बच्चे के लिए खाना-पीना और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन। यह कहना है स्पर्श वालंटियर और केबीसी विनर शोभा कंवर का। इन्होंने कहा कि हर बच्चा अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ‘गुड टच-बेड टच’ को समझ कर जानकारी को जीवन में उतारे और इस अनुरूप अपेक्षित व्यवहार करें। स्पर्श अभियान के तहत हिंदुस्तान स्काउट गाइड जिला मुख्यालय बूंदी द्वारा आयोजित सृजन अभिरुचि शिविर में स्पर्श अभियान ‘गुड टच-बेड टच’ कार्यशाला में स्पर्श वालंटियर और केबीसी विनर शोभा कंवर मुख्य वक्ता रही तथा उमंग संस्थान की अध्यक्ष डॉ. सविता लौरी ने अध्यक्षता की। कार्यशाला में जिला आयुक्त (मुख्यालय) कृष्ण कांत राठौर, जिला सचिव लोकेश कुमार जैन तथा जिला ऑर्गनाइजर गिरधारी लाल शर्मा मंचासीन रहे।इस दौरान शोभाकँवर ने छात्राओं को दैनंदिन व्यवहार में गुड टच-बेड टच की अवधारणा को स्पष्ट किया और कहा कि इसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए।डॉ. सविता लौरी ने बाल मनोविज्ञान को समझने और इस अनुरूप व्यवहार का आह्वान करते हुए अभिभावकों और शिक्षकों के दायित्व के बारे में बताया और कहा कि थोड़ी सी जागरूकता से हम किसी बच्चे के भविष्य को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। कार्यशाला में गुड टच-बेड टच के बारे में प्रेजेंटेशन,इंटरैक्टिव गतिविधियों, और अभिनय के माध्यम से व्यावहारिक जानकारी दी और प्रश्नोत्तर सत्र में छात्राओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।माता-पिता से सतत संवाद जरूरी जिला आयुक्त (मुख्यालय) कृष्ण कांत राठौर ने कहा कि आजकल बच्चों और अभिभावकों के बीच परस्पर संवाद का अभाव नहीं होने के कारण बच्चे कई बार अनावश्यक मुसीबत में भी फंस जाते हैं। इन्होंने कहा कि स्कूल या कार्यस्थल पर होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना को वे अपने माता-पिता या अभिभावकों की जानकारी में दें। अभिभावकों की भी जिम्मेदारीजिला सचिव लोकेश कुमार जैन ने अभिभावकों से बच्चों के अच्छे व्यवहार पर प्रोत्साहित करें, उनसे संवाद बनाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि बच्चों के साथ-साथ बड़े व अभिभावक सोशल मीडिया को लेकर सावधान रहे। I उन्होंने कहा कि अनावश्यक ऐप डाउनलोड करते समय सावधानी बरतें। यदि किसी अनजान के सोशल मीडिया पर गलत मैसेज आ रहे हैं तो उस शिकायत करें, उन्हें ब्लॉक करें। ओटीटी पर गाली-गलोच वाली फिल्मों व सीरियल आदि बच्चों को न देखने दें।कार्यशाला का संचालन सहायक जिला सचिव पुरूषोतम दाधीच ने किया तथा जिला ऑर्गेनाइजर गिरधारी लाल शर्मा ने आभार जताया। इस दौरान ट्रेनिंग काउंसलर आतिश वर्मा, ज्योत्सना कुमावत, रचना पंचोली, भगवत प्रसाद, बलविंदर कौर, अनीता धाबाई, शुचि मूंदड़ा, पूर्वी जैन और लक्ष्य चौपदार सहित सभी प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।