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बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बूंदी में एक युवती अपने पसंद के युवक के साथ 3 फरवरी को सात फेरे लेने जा रही है, लेकिन उसके परिजन इससे नाखुश हैं। युवती का आरोप है कि उसके परिजन मुफलिसी की दुहाई देकर उसे महज 12 साल की उम्र में जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया। अब वो इससे बाहर निकलकर अपना घर बसाना चाहती है, लेकिन परिवार के लोग ही दीवार बनकर खड़े हो गए। युवती ने अपना जीवन साथी भी चुन लिया और वो इस जिस्मफरोशी के जाल से आजाद होकर अपना नया जीवन बसाना चाहती है। हालांकि पीड़िता के एक 5 साल का बेटा है। पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर दोनों भाई और बड़ी भाभी व मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
सात फेरे की राह में रोड़ा बना परिवार
पीड़िता का एक 5 साल का बेटा भी है, लेकिन जिस युवक से वो शादी करने जा रही है, वो उसे भी अपनाने को तैयार है। इसके बावजूद उसके परिजन इस शादी को राजी नहीं हैं। ऐसे में अब पीड़िता ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाकर उसके दो भाइयों और बड़ी भाभी के साथ ही मां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले में पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि युवती देह व्यापार के दलदल से बाहर निकलना चाहती है। ऐसे में उसे पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी, ताकि सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके।
पीड़िता ने सुनाई दर्द की दास्तां
बूंदी जिले के एक गांव की रहने वाली गीता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि 2014 में वह 12 वर्ष की थी, तब परिजनों ने आठ लाख रुपए में ढाई साल के लिए ग्वालियर में गिरवी रख दिया। वहीं तीन साल पढ़ा लिखाकर मुंबई में देह व्यापार के दलदल में बेच दिया। तब से वो देह व्यापार के दलदल में हैं। उसे मां, दोनों भाई व बड़ी भाभी ने इस दलदल में धकेला है। अब जब 27 वर्ष की उम्र में गीता इस देह व्यापार को नहीं करना चाहती, लेकिन परिजन उसे इस दलदल से निकलने नहीं दे रहे है। जैसे-तैसे पीड़िता दलालों के चंगुल से छुटकर बूंदी पहुंची। उसने बूंदी की एक कॉलोनी में रहने वाले युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन पीड़िता को घर वालों का डर सता रहा है। पीड़िता की माने तो उसने इस बुराई से लडकर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय कर लिया है।
3 फरवरी को होनी है शादी
इस बीच उसने बूंदी निवासी एक युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन उसे घरवालों का डर सता रहा है। पीड़िता की मानें तो उसने इस बुराई से लड़कर अपना सुकून भरा जीवन जीने का निर्णय लिया है और 3 फरवरी को वो हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने जा रही है। वहीं, इस शादी के कई सामाजिक संगठन जन प्रतिनिधि ओर प्रशासनिक ओर पुलिस विभाग के अधिकारी इस विवाह के साक्षी बनेंगे। नवयुगल जोड़े को घर बसाने के लिए कई अभिभाषक परिषद सहित कई सामाजिक संगठन उपहार स्वरुप घरेलु सामान भेंट करेंगे।
फिर प्रताड़ित करने लगे
गीता ने बताया कि गिरवी रखने का समय पूरा होने के बाद वो वापस आना चाहती थी, लेकिन गिरवी रखने वाले प्रताड़ित करने लगे और जैसे-तैसे बूंदी आई तो फिर से परिजनों ने मुंबई भेज दिया। पीड़िता ने बताया कि परिजनों ने इसका कारण गरीबी होना बताया था।
.…तो कर लेते दोनों शादी
पीड़िता ने बताया कि मुबई में उसे उसके जिले के एक युवक से प्यार हो गया। चार साल पहले ही दोनों शादी कर लेते, लेकिन वो परिजनों का कर्ज उतारने के लिए शादी नहीं की। बावजूद इसके युवक ने उसका साथ नहीं छोड़ा। दोनों के मुलाकात का सिलसिला चलता रहा। आखिरकार दोनों ने तीन माह पहले शादी करने का निर्णय लिया, लेकिन परिजनों के खौफ के कारण वो इधर-उधर छिपने को मजबूर हैं। पीड़िता ने बताया कि उसका बेटा परिजनों के साथ था। उसे लगातार घरवालों की ओर से फोन भी आते रहे, लेकिन उसे डर है कि वो वापस उसे उसी दलदल में धकेल देंगे। यही वजह है कि वो वापस नहीं गई। साथ ही उसने बताया कि बीते 15 साल में वो 40 से 50 लाख रुपए परिजनों को कमा कर दे चुकी है।
छोटी बहन को बचाया और फिर कराई उसकी शादी
पीड़िता ने बताया कि उसके नौ भाई-बहन हैं और वो अपने मां-बाप की सातवीं संतान है। परिजनों ने सभी की शादी करा दी। हालांकि, जब उसका नंबर आया तो परिवार वालों ने कर्ज तले दबे होने की बात कही। वहीं, उसकी छोटी बहन को इस दलदल में धकेलने की तैयारी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं करने दिया। उसने परिजनों को धमकाया और बाद में उसकी शादी करा दी।
मदद को आई समिति
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि कुप्रथा के चलते बालिकाएं देह शोषण से बाहर आना चाहती हैं, जो एक अच्छी सोच है। आज युवतियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आ रही हैं। ऐसे में समाज के सभी वर्गों को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। प्रशासन और पुलिस भी साथ खड़ी है। ऐसे में हम दोनों की शादी कराने जा रहे हैं, आगामी 3 फरवरी को शादी कराई जाएगी। पीड़िता के बेटे को भी दस्तयाब कर उसकी मां को सुपुर्द कर दिया गया है।
दलदल में फंसी हैं जिले की 30 से 40 युवतियां
पीड़िता ने बताया कि मुंबई में जिले की करीब 30 से 40 युवतियां इस दलदल में फंसी हुई हैं। हालांकि, पूर्व में कई भाग चुकी हैं उसने बताया कि बूंदी के अलावा भी राजस्थान के अन्य जिलों की लड़कियां भी इस दलदल में फंसी है।
इनका कहना है
देहव्यापार के दलदल से बाहर निकलकर नया जीवनयापन करने के लिए विवाह करने के लिए संगठन की और से हार्दिक शुभकामनाएं। बूंदी, टोंक, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा आदि जिले में देहव्यापार में लिप्त महिलाएं व बालिग लड़कियां अपने समाज के वर चुनकर अपना नवजीवन यापन करने की अपील करते हैं।
ग्यारसी लाल गोगावत, प्रदेशाध्यक्ष, कंजर समाज महापंचायत संस्थान
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युवती देह व्यापार के दलदल से निकलना चाहती है। पीड़िता को पूरी तरह से सुरक्षा दी जाएगी। सामाजिक कुरूतियों को खत्म करने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे’।
जय यादव, पुलिस अधीक्षक, बूंदी
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कुप्रथा के चलते बालिकाएं देह शोषण से बाहर आना चाहती हैं, जो एक अच्छी सोच है। आज युवतियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आ रही हैं। ऐसे में समाज के सभी वर्गों को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
सीमा पोद्दार, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति
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