चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा, विकास के लिए समितियां उठाए आवश्यक कदम-एसीईओ
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- ग्रामीण विकास विभाग के तहत संचालित महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत एफईएस व आईटीसी मिशन सुनहरा के संयुक्त तत्वावधान में बूंदी के नैनवां रोड़ स्थित निजी रिसॉर्ट में शुक्रवार को शामलात की पुर्नस्थापना के लिए ग्रामीण समुदायों का एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. आर. जाट ने कहा कि ग्राम पंचायतों में स्थित चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा है। इसके विकास के लिए प्रत्येक गांव में चारागाह विकास समितियां बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल व चारागाह में सभी का समान अधिकार है, किंतु कुछ व्यक्तियों के लालच के कारण चारागाहों में हो रहे अवैध अतिक्रमण चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जिस जल, जंगल व जमीन पर सबका समान अधिकार है, उसे आज स्वयं से ही बचाना दुखद है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में स्थित चारागाहों को बचाने के लिए विभागीय निर्देशानुसार ठोस कदम उठाये जा रहे है। वहीं ग्राम पंचायतों में निवासरत पशुपालकों को वर्ष पर्यन्त पशु आहार उपलब्धता के लिए अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले चारागाह विकास समिति सदस्यों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।
बूंदी के पूर्व राज परिवार के सदस्य व नाहर फाउंडेशन के संरक्षक वंशवर्धन सिंह ने कहा कि जिले में चारागाह संरक्षण व विकास के लिए गठित समितियां बेहतर कार्य कर रही है। इन्हें अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चारागाह संरक्षण के प्रावधान, कानून व लाभों की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए विस्तृत प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।
इस दौरान एफईएस संस्था के रीजनल कोऑर्डिनेटर कैलाश शर्मा, नाहर फाउंडेशन के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह राजावत, पीपल फॉर एनिमल्स संस्था के विट्ठल सनाढ्य, प्रेम समृद्धि फाउंडेशन के अध्यक्ष पदम जैन, एफईएस संस्थान के अनीस जैन, सुरेश वैष्णव, मंजू शर्मा सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के चारागाह विकास समिति सदस्य मौजूद रहे।