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रसोई गैस के दाम बढऩे से मध्यम वर्गीय परिवारों का गडबड़ा रहा बजट- गरीब परिवार नहीं भरा पा रहे सिलेंडर

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भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढऩे के बाद अब रसोई गैस के दाम में हो रहे इजाफे से मध्यम वर्गीय लोगों का किचन का बजट बिगडऩे लगा है। गैस के बढ़ते दाम के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की रसोई के चूल्हे से दूर होता जा रहा है। यही वजह है कि अब गरीब तबके के लोग उपले या फिर लकडी पर खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं। एक बार फिर से एकदम 125 रुपये प्रति गैस सिलेंडर पर सरकार ने बढ़ा दिये है जिससे अब सिलेंडर 1050 रुपये में मिल रहा है। उधरए गैस एजेंसियों के मालिकों का कहना है कि गैस के दाम बढऩे से उनकी सेल पर भी काफी असर पड़ा है। गौरतलब है कि सरकार गरीबों को मुफ्त में उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर बांट रही है लेकिन गरीब तपके के लोग इसे भरायेंगे कैसे, इस मंहगाई के दौरान में लोगों को पेट भरने तक के लाले पड़ रहे हैं सब्सिड़ी पूरी तरह से खत्म कर दी है एक गैस सिलेंडर भरवाने के लिए एक हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं तब जाकर लोगों के घर भोजन बनपाता है लेकिन इसी तरह से गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते रहे तो लोगों पहुंच से काफी दूर हो जायेंगी। एक वर्ष में 327 रुपये गैस मंहगी हो गई है, सब्सिड़ी 200 से घटकर 58 रुपये दी जा रही है जिसे भी लोगों ने बंद करने के लिए सरकार को आगाह किया है। लगातार गैस के दाम बडऩे से मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट गड़बड़ा रहा है, फिर भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उज्ज्वला योजना के तहत सरकार की एक कोशिश थी कि महिलाओं को धुएं से निजात दिलाई जाए सरकार ने हर घर तक गैस सिलेंडर पहुंचाने का प्रयास कियाए ताकि गरीब परिवार की महिलाओं को चूल्हे व लकडी जलाने से छुटकारा मिल सके, लेकिन अब गैस सिलेंडर के आसमान छूते दामों के कारण न तो गरीब परिवार गैस सिलेंडर भरवा पा रहे हैं व न ही उन्हें लकड़ी व अन्य ईंधन जलाने से निजात मिली है।

महंगे गैस सिलेंडर भरवाने में असमर्थ हुए गरीब परिवार

महंगे गैस सिलेंडर भरवाने से असमर्थ हुए परिवार अब फिर से लकड़ी से चूल्हे जलाने को मजबूर हो गए हैं। जिससे न केवल उनकी सेहत प्रभावित हो रही है, बल्कि पर्यावरण भी दूषित होता है। नगर लेकर गांव-गांव तक उज्जवला योजना के कनेक्शन दिए गए जिनमें से अधिकतर परिवारों के घरों पर अब गैस सिलेंडर शोपीस बन गए हैं, क्योंकि यह परिवार महंगे दाम पर गैस सिलेंडर भरवाने से असमर्थ हैं और इस बार भी सरकार ने प्रति गैस सिलेंडर पर 125 रुपये बढ़ा

रसोई गैस के बढे  दाम से गडबडा रहा मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट

रसोई गैस की कीमतों में इजाफा होते जाने से मध्यम वर्गीय परिवारों का मासिक बजट गडबडाने लगा है। साल भर में रसोई गैस सिलेंडर 327 रुपए महंगा हुआ है। जबकि पहले से मिल रही सब्सिडी साल दर साल कम होती जा रही है। अब मात्र 58 रुपए सब्सिडी मिल रही है। लोग कहने लगे हैं कि सरकार नामचार के लिए सब्सिडी दे ही क्यों रही है, इसे भी बंद कर देना चाहिए। पहले सरकार ही सब्सिडी छोडऩे का मैसेज कर रही थी अब तो स्वत: सब्सिडी धीरे-धीरे खत्म करती जा रही है। रसोई गैस के अलावा खानपान की अन्य सामग्री में भी साल भर में अच्छी खासी तेजी आई है। इस कारण गरीब ही नहीं मध्यम वर्गीय परिवारजन हैरान हैं।

एक साल पहले रसोई गैस सिलेंडर रिफिलिंग के दाम

यहां बता दें साल भर पहले रसोई गैस सिलेंडर रिफिलिंग के लिए 756 रुपए लगते थे। इसमें 200 रुपए की सब्सिडी मिल रही थी। इस प्रकार से लोगों को सिलेंडर 556 रुपए का पड़ रहा था। लेकिन आज सिलेंडर रिफिलंग 941 रुपए रुपए में हो रही है जबकि इस पर सब्सिडी मात्र 58 रुपए मिल रही है। इस प्रकार रसोई गैस सिलेंडर रिफिलिंग 883 रुपए की पड़ रही है। ऐसे में हालात में आमजन उफ न करे तो और क्या कर सकता है। शहर में रसोई गैस की विभिन्न एजेंसियों पर तकरीबन 43 हजार कनेक्शन हैं।

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इनका कहना है:

सरकार सब्सिडी रूपी 58 रुपए भी क्यों दे रही है, इसे भी बंद कर देना चाहिए। इससे लोगों का यह भान तो होगा कि वह गैस का पूरा दाम चुका रहे हैं, छूट का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।

-रोशनी शर्मा, इटावा रोड भिण्ड

रसोई गैस के दाम बढ़ऩे से पूरी तरह से बजट गड़बड़ा गया है अब एक सिलेंडर के दाम एक हजार रुपये के ऊपर चुकाना पड़ रहे है, पहले तो सरकार ने मुफ्त में सिलेंडर बांट दिये, अब लगातार गैस के दाम बढ़ाकर सिलेंडर छुड़ाने के फिराक में है।

-स्वेता जैन, सदर बाजार भिण्ड

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