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बूंदी शहर में खुलेआम फल फूल रहा हैं नशे व सट्टे का कारोबार,युवा पीढ़ी निशाने पर

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बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-आशा भोंसले का एक गीत सबको याद होगा, ‘‘दम मारो दम, मिट जाए गम’’…….। इस गीत में जिस तरह युवा धुआं उ़ड़ाते नजर आते हैं, ठीक वैसे ही स्थिति बून्दी शहर में इन दिनों कच्ची बस्तियों सहित गली मोहल्लों में देखी जा सकती हैं। जहां नशे व सट्टे का कारोबार मकड़ी के जाल की तरह चारों तरफ फैल रहा है और शहर के नौजवान युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेकर उनका जीवन तबाह कर रहा है। शहर में खुलेआम हो रहे नशे व सट्टे के कारोबार के सामने पुलिस प्रशासन नतमस्तक दिखाई दे रहा है या दूसरे शब्दों में कहें तो पुलिस की मिली भगत से ही यह कारोबार शहर में फल फूल रहा है। पुलिस द्वारा दिखावे के नाम पर हरबार केवल फौरी कार्यवाही कर इतिश्री कर ली जाती है। बूंदी शहर की माने तो बूंदी शहर में नशा युवाओं की नसों में इस तरह घुल चुका है कि खुलेआम इसका व्यापार किया जा रहा है। यहां नशे के व्यापारी खुलेआम घरों, होटलों, रेस्टोरेंट गली मोहल्लों में युवाओं को नशा परोसा जा रहा हैं। वर्तमान में चल रहा कैफे कल्चर भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं, जहां धुआं उड़ाते नौजवान बड़ी तादाद में नजर आ जाते हैं। इस नशे के जाल में फंस कर युवाओं का जीवन व परिवार तबाह हो रहा है।
युवाओं में हावी हो रहा सफेद नशा
नाम नहीं बताने की शर्त पर इस कारोबार में लिप्त व्यक्ति ने बताया कि शहर में इन दिनों स्मैक का नशा सबसे ज्यादा युवाओ को अपनी जकड़ में लिए हुए हैं। जिसकी गिरफ्त में 16 से 30 वर्ष की आयु के युवा ज्यादा है और इसकी लत के चलते युवा अपना जीवन तबाह कर रहे हैं। सफेद पाउडर स्मैक का नशा युवाओं में इस कदर हावी है की युवा सीधे इंजेक्शन से ही स्मैक ले रहे हैं। इसको पाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। शहर में कहीं ऐसे स्थान है जहां खुलेआम युवाओं को स्मैक परोसी जा रही है। स्मैक खरीदने व पीने के लिये युवा चोरियां लूटपाट डकैती हत्या जैसे संगीन अपराध तक कर रहे है।
रोज बिक रही 50 से 60 लाख की स्मैक
एक अनुमान के अनुसार शहर में 150 ग्राम स्मैक रोज बिक रही है जिसे हम अगर रुपए में अनुमान लगाए तो 50 से 60 लाख की केवल स्मैक बाजार में बिक रही है। जानकारी के अनुसार बूंदी शहर में स्मैक की सप्लाई कोटा से हो रही है। 1 ग्राम स्मैक 4000 रुपए में आ रही है। जो 8000 रुपये तक बिक रही है। 1 ग्राम स्मैक के 16 पैकेट बनाई जाते है एक पैकेट 500 में बिकता है।यानी बेचने वाले को 1 ग्राम स्मैक पर 4000 का प्रॉफिट हो रहा है। और एक सप्लायर मिनिमम 10 ग्राम स्मैक तक बेच रहा है। यह कार्य शहर की कच्ची बस्तियों में ज्यादा हो रहा है तथा इस कार्य में महिलाएं ज्यादा जुड़ी हुई है। शक ना हो इसलिए यह व्यक्ति महिलाओं से इस कार्य को करवा रहे हैं। यही नहीं स्मैक को कोटा से बूंदी लाने के लिए व्यक्ति को 1000 रुपये प्रति ग्राम तक दिए जा रहे हैं।
चार तरह के नशे का हो रहा कारोबा
नशे के कारोबार की बात करें तो बूंदी शहर में चार तरह के नशे का ज्यादा कारोबार हो रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा स्मैक, चरस, अफीम, गाजा का व्यापार चरम पर है। इस नशे की गिरफ्त में युवा इस कदर फंस चुके हैं कि उन्हें ना होश है ना भविष्य की चिंता। दिन-रात केवल नशे में और नशे को पाने में लगे रहते हैं। इसके लिए वह चोरियां लूटपाट डकैती हत्या तक कर रहे हैं स्मैक का नशा सबसे खराब माना जाता है। इसकी एक बार लत लगने पर व्यक्ति का पूरा जीवन व परिवार तबाह हो जाता है। तथा इसकी लत लगने के बाद छूटना बहुत मुश्किल है। जानकार लोगों की माने तो स्मैक के कारोबार पर प्रभावी कार्यवाही होकर इसका कारोबार खत्म होना चाहिए। ताकि युवा पीढ़ी को तबाह होने से बचाया जा सके।
यहा चल रहा खुलेआम स्मैक का कारोबार
बूंदी शहर की बात करें तो शहर के महावीर कॉलोनी, ब्रह्मपुरी बड़ी मज्जिद के आगे, होली का खुट,बाईपास रोड़, नायकों की गली पावर हाउस के पीछे, नगरपरिषद की गली, माउती पाड़ा, उन्दालिया की डूंगरी, छत्रपुरा, कागजी देवरा, बालचंदपाड़ा, नाहर का चोहट्टा, पुरानी धानमंडी लंगाकेट में खुलेआम स्मैक का कारोबार किया जा रहा है। सबसे भी बड़ी बात यह है कि आमजन को ही जब इस बात का पता है कि यहां खुलेआम स्मैक व अन्य नशे का कारोबार किया जा रहा है तो पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना पुलिस की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है।
शहर में फल फूल रहा सट्टे का कारोबार
इसी प्रकार सट्टे की बात करें तो बूंदी में सट्टे का कारोबार भी खूब फल फूल रहा है रोजाना करोड़ों रुपए का सट्टा बूंदी में लगाया जा रहा है। जिसमें कई नाम की व्यक्ति अपने घरों में सट्टा का कारोबार करवा रहे हैं। सट्टा व्यापार से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि गली मोहल्ले जहां पर सट्टे का ज्यादा कारोबार किया जाता है वहां कैमरे लगाए हुए हैं पुलिस द्वारा की गई हर एक हरकत का पहले ही पता चल जाता है पुलिस आने से पहले ही सारा मामला समेट लिया जाता है। यहां भी पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती उल्टा पुलिस द्वारा हफ्ता वसूली की जाती है।
शहर में 6 प्रकार का सट्टा जारी
सट्टे से जुड़े व्यक्ति ने जानकारी देते हुए बताया कि बूंदी शहर में 6 प्रकार का सट्टा जारी है। जिनमे मधुर, मिलन ओर कल्याण प्रमुख है। इन सब की दो-दो मीटिंग होती है यानी कुल 12 मीटिंग होती है।
सट्टे की बात करें तो बूंदी शहर में 6 जगहों पर खुलेआम घरों में सट्टा खिलाया जाता है। इसके अलावा करीबन 300 लोग फोन पर सट्टे का कारोबार करते हैं। यहां भी व्यक्ति को सट्टे में पूरा बर्बाद करने का काम चलता है अगर व्यक्ति के नंबर लग जाता है तो तुरंत बाली चलाई जाती है जहां एक रुपए के 9 रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा शहर में क्रिकेट का सट्टा भी चरम पर है। व्यक्ति इसके जाल में इतना उलझ जाता है कि उसका घर बार तक बिक जाता है और अंत में उसे बर्बाद होकर आत्महत्या ही करनी पड़ती है। कार्रवाई नहीं करने की एवरेज में सट्टा व्यापारी भी पुलिस को बड़ी रकम हफ्ते के रूप में हर महीने पहुचाते हैं।
यहां चल रहा खुलेआम सट्टे का कारोबार
बूंदी शहर की बात करें तो शहर के माउतीपाड़ा, लुहारों के जमातखाने नाले के पास ,ब्रह्मपुरी बड़ी मज्जिद के पास, घुलधोया की गली,मनोहर बावड़ी, कागजी देवरा,छत्रपुरा में घरों में खुलेआम सट्टा खिलाया जाता है। जिसमें शहर के कई नाम की लोग शामिल है। जिनकी पुलिस को मालूम होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती। इन लोगों ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए गलियों में कैमरे लगा रखे हैं तथा हरकत पर नजर रखने के लिए व्यक्ति बिठा रखे हैं। संदेह होने पर तुरंत सारा मामला समेटकर गायब हो जाते हैं।
नशे व सट्टे के कारोबार में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद
पुलिस द्वारा केवल गांजा शराब पर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है लेकिन सबसे बड़ी नशे की जड़ स्मैक के व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। हालांकि पुलिस द्वारा कभी कभी छोटी-मोटी कार्रवाई की जाती है लेकिन मुख्य ठिकानों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।नाम नहीं बताने की शर्त पर इस व्यापार से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि नशे व सट्टे का व्यापार करने वाले व्यक्तियों पर पुलिस कोई कार्यवाही नही करती हैं। इसकी बदले हर महीने एक मोटी रकम दी जाती है।
हो प्रभावी कार्रवाई तो लग सकेगा अंकुश
आमजन की माने तो नशे व सट्टे के कारोबार के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार प्रभावी कार्रवाई की जाए तो इन पर लगाम लगाई जा सकती है। खासकर स्मैक के कारोबार पर लगाम लगना अत्यंत आवश्यक है। ताकि युवा पीढ़ी का जीवन बर्बाद होने से बचाया जा सके।
इनका कहना है
क्या कहते हैं चिकित्सक
डॉ. अखिल अग्रवाल मेंटल एंड सेक्सुअल हेल्थ प्रोफेशनल ’मनश हॉस्पिटल कोटा’ के अनुसार स्मैक अफीम का ही दूसरा रूप है। यह अफीम से भी ज्यादा खतरनाक नशा है, जिसमें सिर के बाल से लेकर नाखून तक पर गहरा फर्क पड़ता है। इसका सेवन करने वाला व्यक्ति पहली डोज से ही इसका आदी हो जाता है और इसे पाने के लिए चोरी डकैती लूट हत्या जैसे संगीन अपराध करने लग जाता है। इस नशे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका नशा करने वाले ही इसे बेचना भी शुरू कर देता है। इसकी सबसे ज्यादा गिरफ्त में छोटी उम्र के बच्चे व युवा हैं। आजकल युवा इंजेक्शन से भी सीधे ही इसको ले रहे हैं। जिससे व्यक्ति का पूरा श्वसन तंत्र प्रभावित हो जाता है। स्मैक लेने से फेफड़े सूख जाते हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है। धीरे धीरे व्यक्ति का वजन सोचने समझने की शक्ति घटने लग जाती है। साथ ही व्यक्ति नाक कान गला लिवर किडनी के कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। मौत ही इस नशे का अंत है है इस नशे के खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई होनी चाहिए,ताकि युवा पीढ़ी को बचाया जा सके।
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शहर में दीमक की तरह फैल रहे स्मैक व सट्टे के कारोबार पर प्रभावी कार्यवाही कर पूर्णतया अकुश लगाने की मांग करता हूँ। स्मैक के नशे व सट्टे ने युवा वर्ग के साथ सैंकड़ों परिवारों को बर्बाद कर दिया हैं।
– संजय शर्मा, समाजसेवी व युवा नेता
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स्मैक का धंधा करने वालों पर पुलिस की ठोस कार्यवाही होनी चाहिए, जबकि पुलिस पीने वालों पर कार्यवाही कर इतिश्री कर लेती हैं। नशे की लत ने शहर की युवा पीढ़़ी को तबाह कर दिया हैं। इस पर पूर्णतः अंकुश लगाए जाने की जरूरत हैं।
– संतोष कटारा, पूर्व उपसभापति, नगर परिषद, बून्दी
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नशा कोई सा भी हो समाज के लिए नुकसानदेह हैं। वर्तमान में समाज का युवा वर्ग इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आ रहा हैं। इसके चलते युवा शारीरिक व मानसिक रूप से खोखले हो रहे हैं। वहीं सट्टा कारोबार लोगों को बिना मेहनत जल्दी करोड़पति बनाने के सपने दिखा कर समाज को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा हैं। इसके खिलाफ ठोस पुलिस कार्यवही होनी चाहिए।
– रेखा शर्मा, समाजसेविका
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पुलिस द्वारा निरंतर नशे व सट्टे के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अगर शहर में कही खुलेआम इस तरह से नशे व सट्टे का कारोबार हो रहा है तो जल्द पुलिस द्वारा कार्रवाई कर अंकुश लगाया जायेगा। ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाएगी।
– रामकुमार कस्वां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बूंदी
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प्रभावी कार्यवाही के अभाव में शहर में नशे की प्रवृति लगातार बढ़ती जा रही हैं, चाहे वह स्मैक हो, गांजा हो या और कोई नशा। इसकी गिरफ्त में आकर शहर का आम युवा अपने भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं। आने वाली पीढ़ी को इस से बचाने के लिए ठोस व प्रभावकारी अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता हैं। नशाखोरी की यह प्रवृति अपराधिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही हैं। जिस पर सक्रिय कार्यवाही होनी चाहिए।
– हरिमोहन शर्मा, विधायक, बून्दी

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