बीज बैंक एवं बीज उत्पादक समितियों को क्रियाशील करें-डीएम
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कहा है कि श्योपुर जिले में खरीफ फसलो के 1 लाख 74 हजार 840 हेक्टयर रकबे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अंतर्गत दलहन एवं तिलहन फसलों को बढावा देने का कार्य किया जायें। इसके साथ ही उन्होंने जिले में बीज बैंक एवं बीज उत्पादक समितियों को क्रियाशील करने के निर्देश भी दियें। वे आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में खरीफ फसलों की तैयारियों के लिए आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने गत वर्ष खरीफ फसलो की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे मोटे अनाज तथा तिलहन फसलों तिल, सोयाबीन, मूगफली तथा दलहन फसलो मूंग, अरहर, उडद का रकबा बढाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जायें। गत वर्ष रबी फसल का रकबा 1 लाख 58 हजार 686 हेक्टयर था, जिसमें 4 लाख 83 हजार 603 मैट्रिक टन खरीफ फसलों का उत्पादन हुआ।
उन्होंने खरीफ फसलों की तैयारियों के संबंध में निर्देश दिये कि समुचित मात्रा में खाद का भण्डारण कर वितरण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायें। उन्होने कहा कि किसानों को डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जायें। बैठक में बताया गया कि खरीफ के लिए इस वर्ष कुल 1 लाख 74 हजार 840 हेक्टयर रकबा प्रस्तावित किया गया है, जिसमें 88 हजार धान के लिए, 25 हजार बाजरा, 22 हजार तिल की फसल, 8 हजार सोयाबीन फसल, 5 हजार मक्का एवं 4 हजार हेक्टयर रकबा मूंगफली की फसल का अनुमानित है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ड्रिप एवं स्प्रीकंलर के माध्यम से सिंचाई को बढाया जायें तथा किसानों को सबसिडी प्रदान कर स्प्रीकंलर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायें। बताया गया कि गत वर्ष 357 स्प्रीकंलर सेट प्रदाय किये गये। इस बार 1950 हेक्टयर रकबा स्प्रीकंलर से सिंचाई हेतु लक्षित किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने निर्देश दिये कि आगामी खरीफ फसल के दौरान धान फसल के उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए जिले में पराली प्रबंधन के प्रयास किये जायें तथा शासन की योजना के तहत किसानों को सुपरसीडर एवं हैप्पी सीडर खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जायें। इस वर्ष 30 सुपर सीडर तथा 20 हैप्पी सीडर का लक्ष्य शासन द्वारा अनुदानित योजना अंतर्गत रखा गया है।
उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए कलस्टर विकसित किये जायें। प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट के तहत जिले में 2 से 3 गांवों को शामिल करते हुए 25 कलस्टर बनाये जाने है, इसके लिए कृषि विभाग द्वारा संपूर्ण तैयारियां सुनिश्चित की जायें। प्रोजेक्ट के तहत 3 हजार 125 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोडा जाना है।
खरीफ फसलो के लिए उर्वरक का पर्याप्त भण्डारण करने के निर्देश
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि खरीफ फसलो के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक का भण्डारण सुनिश्चित किया जाये तथा आवश्यकता के समय वितरण की सुलभ सुविधा उपलब्ध कराई जायें। उन्होने कहा कि डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग को बढाया जायें। बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ फसलो के लिए 26 हजार 870 मैट्रिक टन यूरिया, 7 हजार 500 मैट्रिक टन डीएपी, 7 हजार 500 मैट्रिक टन एनपीके, 5 हजार मैट्रिक टन एसएससी एवं 200 मैट्रिक टन एमओपी की डिमांड भेजी गई है। वर्तमान में 5 हजार 937 मैट्रिक टन यूरिया, 2058 मैट्रिक टन डीएपी, 4706 मैट्रिक टन एनपीके, 3202 मैट्रिक टन एसएससी एवं 44 मैट्रिक टन एमओपी की उपलब्धता है। इस वर्ष अभी तक 5 हजार 24 मैट्रिक टन यूरिया, 3 हजार 77 मैट्रिक टन डीएपी, 1 हजार 398 मैट्रिक टन एसएसपी, 17 मैट्रिक टन एमओपी एवं 1 हजार 412 मैट्रिक टन एनपीके का वितरण किया जा चुका है।
बैठक में उप संचालक कृषि जीके पचौरी, एसएडीओ अरूण शाक्य, एआरसीएस धु्रव कुमार झारिया, उप संचालक मस्त्य बीपी झसिया, सीसीबी नोडल दिनेश गुप्ता, उद्यानिकी विभाग एसएस प्रजापति, विपणन अधिकारी सतेन्द्र सिंह तोमर, जिला परामर्शदाता कृषि विश्म्भर गौड सहित पशुपालन आदि विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।