राष्ट्रीय संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वर्तमान में आवश्यकता पर कि विचार विमर्श
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान, उच्च शिक्षा जिला इकाई बूंदी एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति राजकीय महाविद्यालय, बूंदी के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुणवत्ता, समानता और समावेशिता की दिशा में विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हाइब्रिड मोड में किया गया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि कुलगुरू कोटा विश्वविद्यालय प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत, मुख्य वक्ता प्रो. सुशील कुमार बिस्सु रहे। प्रो. भगवती प्रसाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वर्तमान में आवश्यकता एवं भारत की दृष्टि से इसके जनांकिकीय लाभांश का लाभ विकसित भारत बनाने में किस प्रकार हो सकता है पर गम्भीर चिन्तन प्रस्तुत किया। प्रो सुशील कुमार बिस्सु ने अपने व्याख्यान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्माण संबंधी विभिन्न चरणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ अनीता यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक ऐतिहासिक कदम बताया तथा इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान बनाने का क्रान्तिकारी सांधन माना। कार्यक्रम अन्त में आयोजन सचिव प्रो. पूर्णचन्द्र उपाध्याय ने आगंतुक अतिथियों महाविद्यालय के संकाय साथियों शोधार्थियों एवं समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशुतोष बिरला ने किया।
संगोष्ठी संयोजक राहुल सक्सेना ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पाँच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित इस संगोष्टी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. विजय पंचोली सहायक निदेशक कोटा परिक्षेत्र कोटा कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर रहें। इस संगोष्ठी के दो तकनीकी सत्रों में 108 प्रतिभागियों ने पत्र वाचन किया, जिनका तकनीकी विश्लेषण सत्र अध्यक्ष प्रो. ओ.पी. शर्मा एवं प्रो. संदीप यादव ने एवं समीक्षात्मक अध्ययन प्रो पूजा सक्सेना एवं प्रो दिलीप कुमार राठौड ने किया। दोपहर पश्चात के दो तकनीकी सत्र में 40 प्रतिभागियों ने पत्र वाचन किया।