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धरती संस्‍था दतिया ने मनाया जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का स्थापना दिवस

बच्चों की सुरक्षा का दोहराया संकल्प
दतिया @Rubarunews.com/ Prashant Gupta Datia>>>>>>>>>>>> देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से ज्यादा संगठनों के नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सहयोगियों ने मनाया उपलब्धियों का जश्न। जेआरसी से जुड़े संगठनों ने पूरे देश में 60,000 बच्चों को मुक्त कराया, 30,000 से ज्यादा नियोक्ताओं व ट्रैफिकिंग गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई नागरिक संगठनों के देश के इस सबसे बड़े नेटवर्क की बच्चों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालयों व सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों में सबसे अहम भूमिका देश में 2.5 लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए।
बाल विवाह मुक्त भारत व चाइल्ड मैरेज फ्री नेपाल अभियान का भी पुरजोर समर्थन। बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए नागरिक संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सहयोगी संगठन धरती संस्‍था ने धूमधाम से संगठन का स्थापना दिवस मनाया। बच्चों के खिलाफ अपराधों के खात्मे के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे जेआरसी के 250 से भी ज्यादा सहयोगी संगठनों ने इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल अधिकारों के संरक्षण की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इस मौके पर एक कार्यक्रम में धरती संस्‍था ने एक ऐसे भविष्य और दुनिया के निर्माण का संकल्प लिया जहां बच्चों के लिए अवसरों का अनंत आकाश हो और वे शोषण व उत्पीड़न से मुक्त हों।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ने बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने में मात्र दो वर्षों में बेहद अहम भूमिका निभाई है और यह पूरे विश्व में बच्चों की कानूनी सुरक्षा के अग्रणी संगठन के तौर पर उभर कर सामने आया है। अकेले 2023-2024 में ही जेआरसी के सहयोगी संगठनों ने 60 हजार से अधिक बच्चों को मुक्त कराया और 30,000 से ज्यादा नियोक्ताओं और ट्रैफिकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जो विश्व में अतुलनीय और अभूतपूर्व है।
इस मौके पर प्रख्यात बाल अधिकार कार्यकर्ता और जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, “अगर आज हम अपने बच्चों की सुरक्षा में विफल रहते हैं तो कल हम कुछ भी करें, वो बेमानी है। पीड़ितों के पुनर्वास और दोषियों को सजा देकर ही कानून के डर को बनाए रखा जा सकता है। इस वर्ष हमारा लक्ष्य मुकदमे की प्रक्रिया को दोषसिद्धि के अंजाम तक पहुंचाने का है क्योंकि सिर्फ कानून का डंडा ही उत्पीड़कों में खौफ पैदा कर सकता है जिससे बच्चों के खिलाफ हिंसा और अपराधों की रोकथाम में सहायता मिलेगी।
जेआरसी के सहयोगी संगठनों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने बच्चों की सुरक्षा के अपने संकल्प को दोहराते हुए जेआरसी के अतुलनीय प्रयासों की प्रशंसा की जिसने भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ और नेपाल सरकार के ‘चाइल्ड मैरेज फ्री नेपाल’ अभियान का पुरजोर समर्थन किया है। जेआरसी ने पिछले वर्ष 30 से ज्यादा देशों में बाल विवाह मुक्त विश्व कार्यक्रम आयोजित किए हैं और अकेले भारत में 2.5 लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं।

बाल अधिकारों के सरंक्षण के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के दतिया के योगदान को रेखांकित करते हुए दतिया में इसके सहयोगी संगठन धरती संस्‍था के डायरेक्टर देवेन्द्र भदौरिया ने कहा, “मैं देश और दुनिया के सभी बाल अधिकार कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहता हूं जो जेआरसी के साथ एक परिवार की तरह बच्चों के भविष्य की बेहतरी के अनथक प्रयास कर रहे हैं। जमीनी स्तर पर अब तक की सबसे अभूतपूर्व लामबंदी के जरिए हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जहां हर बच्चा सुरक्षित हो। साथ मिलकर हमने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जवाबदेही तय करने, नीतियों और कानूनों में बदलाव, संस्थानों में पारदर्शिता और जिन बच्चों को सबसे ज्यादा जरूरत है, उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है।”

इस अवसर पर स्वदेश नवांकुर संस्था के सचिव पीयूष राय ने बालहित प्रभावी प्रयास करने की अतीव आवश्यकता जताई। जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स व समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करना की जावे। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के समन्वयक एसआर चतुर्वेदी ने अभियान की जिले में संचालित गतिविधियों की व्यापक जानकारी दी।