Hello
व्यापार महासंघ ने भी की मंदिर में हुई लूट का खुलासा करने की मांग
सथूर रक्तदंतिका मंदिर में चोरी की घटना को 24 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी प्रशासन के हाथ खाली हैं। इसको लेकर व्यापार महासंघ ने पुलिस प्रशासन से मांग की है की जल्द से जल्द लूट की वारदात का खुलासा किया जाए। व्यापार महासंघ अध्यक्ष निरंजन जिंदल समाजसेवी रविंद्र काला, श्याम बिहारी शर्मा, सुमित्रा बाई, महेश जिंदल, सुरेश नुवाल, माया माहेश्वरी, माधव प्रसाद विजयवर्गीय आदि ने देव स्थान विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। अगर मंदिर में कैमरे लगे हुए होते तो चोरी की घटना जल्द उजागर हो सकती थी देवस्थान विभाग को मंदिर में कैमरे लगवाने चाहिए थे। रक्तदंतिका माता मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है यहां पर कई लोग प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले इस मंदिर में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। गौरतलब हैं कि सोमवार को मध्य रात्रि बाद आधा दर्जन बदमाशों ने मंदिर परिसर में सोए सेवादारों को बंधक बना कर मारपीट करते हुए लगभग लगभग 13 लाख रुपए कीमत के 7 तोला सोना, 12 किलो चांदी सहित चांदी का छात्र, सोने का टीका, नथ, मंगलसूत्र, मुकुट व नगदी लूट कर ले गए हैं। वारदात में तीन लोग घायल हो गए थें।
आरोपियों की गिरफ्तारी सहित पुजारी प्रोटेक्शन बिल लागू करने की मांग Demand to implement Priest Protection Bill including arrest of accused
मंदिर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सथूर गांव में स्थित ऐतिहासिक महत्व का यह रक्तदंतिका माता मंदिर देव स्थान विभाग के अधीन आता है। मंदिर में सुरक्षा के कोई विशेष इंतजाम नहीं होने की बात भी सामने आई हैं। मंदिर में वर्ष 1990 में भी इसी तरह की वारदात हो चुकी हैं। उसके बावजूद विभाग द्वारा सुरक्षा के कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए। ग्रामीणों के अनुसार देवस्थान विभाग द्वारा मंदिर में कोई चौकीदार या सुरक्षाकर्मी भी नहीं दिया गया हैं, जबकि ग्रामीणों द्वारा इस बारें में कई बार विभाग को सूचना दी जा चुकी हैं। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं होने से लुटेरों की ज्यादा जानकारी भी नहीं मिल पाई है।
ऐतिहासिक महत्व का हैं मंदिर
रियासतकालीन रक्तदन्तिका माता मन्दिर ऐतिहासिक महत्व का हैं, जिससे जुड़ी कथाओं का उल्लेख मार्कण्डेयपुराण से निर्मित दुर्गासप्तशती में वर्णित है। हालांकि मंदिर स्थापना से सम्बन्धित कोई शिलालेख उपलब्ध नहीं है, लेकिन 446 वर्ष पूर्व इसका अस्तित्व रहा है। यहाँ पूर्व में बकरे की बलि दी जाती थी, जिसे महारावराजा रामसिंह के राज्यादेश से 1865 ई. में बन्द कर दिया गया। यहां महाराव राजा रामसिंह की महारानी चंद्रभान कुँवरी द्वारा सं. 1920 में आश्विन शुक्ल अष्टमी को चांदी की छतरी भेंट करने का उल्लेख है।
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण एवं बिगड़ते प्रकृति संतुलन ने मानव जीवन… Read More
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-प्रदेश में मौसम विभाग द्वारा हीट वेव की चेतावनी व भीषण गर्मी के चलते… Read More
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-समाजसेवी और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे महीपत सिंह हाड़ा के ऊपर पुलिस प्रशासन… Read More
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-कोटा विश्वविद्यालय ने सह आचार्य महिमा शर्मा को शोध उपाधि प्रदान की। महिमा शर्मा… Read More
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-गर्मी शुरू होने के साथ ही जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की बदइंतजामी के चलते… Read More
बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड जिला मुख्यालय बून्दी के तत्वावधान में 3 से 9… Read More
This website uses cookies.