फासीवाद के खिलाफ एकजुट संघर्ष का आव्हान : कॉमरेड डी राजा पुनः महासचिव निर्वाचित : मध्य प्रदेश से कॉमरेड शैलेन्द्र शैली और कॉमरेड हरिद्वार सिंह राष्ट्रीय परिषद सदस्य निर्वाचित
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 25 वा महा अधिवेशन विगत 21 से 25 सितम्बर 2025 तक चंडीगढ़ में आयोजित हुआ।इस अवसर पर भाकपा ने फासीवाद और क्रोनी पूंजीवाद के खिलाफ एकजुट संघर्ष का आव्हान किया।कॉमरेड डी राजा पुनः महासचिव निर्वाचित हुए।भाकपा की 125 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद में मध्य प्रदेश से कॉमरेड शैलेन्द्र शैली और कॉमरेड हरिद्वार सिंह राष्ट्रीय परिषद सदस्य निर्वाचित हुए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्य प्रदेश राज्य सचिव कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने स्थानीय शाकिर सदन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि चंडीगढ़ में आयोजित महा अधिवेशन में देश के 27 राज्यों से लगभग 800 प्रतिनिधि शामिल हुए ।इन प्रतिनिधियों का निर्वाचन भी विगत दिनों हुए विभिन्न प्रांतों के राज्य सम्मेलनों में किया गया था।इस हेतु एक हजार सदस्यों पर एक सदस्य के निर्वाचन का प्रावधान किया गया था।लेकिन केरल जैसे लाखों की भाकपा की सदस्यता वाले राज्यों के लिए अधिकतम 100 प्रतिनिधियों के निर्वाचन की सीमा निर्धारित की गई थी।मध्य प्रदेश से 4 प्रतिनिधि कॉमरेड अरविन्द श्रीवास्तव, कॉमरेड हरिद्वार सिंह ,कॉमरेड संजीव राजपूत और कॉमरेड शैलेन्द्र शैली भाकपा के महा अधिवेशन में शामिल हुए।
महा अधिवेशन में कॉमरेड डी राजा पुनः महासचिव निर्वाचित हुए ।राष्ट्रीय सचिव मण्डल में कॉमरेड अमरजीत कौर,कॉमरेड बी के कांगो ,कॉमरेड रामकृष्ण पंडा,कॉमरेड एनी राजा ,कॉमरेड गिरीश शर्मा,कॉमरेड के प्रकाश बाबू ,कॉमरेड पी संदोष कुमार ( सांसद ) ,कॉमरेड संजय कुमार ,कॉमरेड पी वी रेड्डी और कॉमरेड के रामकृष्ण ( आमंत्रित ) निर्वाचित हुए।इसके साथ ही 29 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और 125 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद का भी निर्वाचन हुआ।
महा अधिवेशन के प्रथम दिन एक विशाल ,आकर्षक ,प्रभावशाली रैली निकाली गई।दूसरे दिन महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के भतीजे प्रोफेसर जगमोहन जी ने भाकपा के लाल झंडे और तिरंगे झंडे का ध्वजारोहण किया।उदघाटन सत्र में बिरादराना संदेश देने के लिए भाकपा ( मार्क्सवादी ) के महासचिव एम ए बेबी ,भाकपा ( माले ) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य , ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के जी देवराजन ,और आर एस पी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की ।महा अधिवेशन में एक विशेष सत्र में फिलिस्तीन और क्यूबा के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया गया।इस सत्र में फिलिस्तीन के राजदूत अबू शाहवेश और क्यूबा के राजदूत जुआन कार्लोस ने संबोधित किया।
महा अधिवेशन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव,सांगठनिक मसौदा ,राजनीतिक समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।इन पर तीन अलग अलग कमीशन में व्यापक विचार विमर्श हुआ और संशोधन भी प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए।संशोधन सर्व सम्मति से पारित करने के बाद इनका पुनः प्रकाशन हो रहा है। मध्य प्रदेश से प्रतिनिधि कॉमरेड अरविन्द श्रीवास्तव ने राजनीतिक प्रस्ताव पर और कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने सांगठनिक मसौदा पर संबोधित किया।भाकपा के महा अधिवेशन में इस तरह व्यापक विचार विमर्श से कामकाज का विश्लेषण कर भविष्य की कार्य योजना निर्धारित की जाती है।
भाकपा के महा अधिवेशन में भारत में फासीवादी सरकार को हटाने के लिए वाम _ लोकतांत्रिक एकता पर जोर दिया गया।विभिन्न सत्रों में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिगामी प्रवृत्तियों,फासीवादी एजेंडा,जन विरोधी पूंजीवादी नीतियों के दुष्परिणामों को रेखांकित कर प्रतिरोध हेतु जनता को लामबंद करने का संकल्प व्यक्त किया गया।भाकपा के संगठन को वैचारिक और सांगठनिक रूप से और अधिक मजबूत बनाने की कार्य योजना भी प्रस्तुत की गई।
महा अधिवेशन में व्यापक जनहित से जुड़े विभिन्न प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हुए । इन प्रस्तावों में फिलिस्तीन और क्यूबा के साथ एकजुटता,प्राकृतिक आपदाओं ( अनियमित वर्षा, बाढ़ और भू स्खलन ) और राहत उपायों पर संकल्प ,जी एस टी सुधार ,सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा ,16 वे वित्त आयोग में केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को शामिल करने,बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव ,मनरेगा के उचित कार्यान्वयन के लिए संकल्प ,भारतीय संघवाद को बचाने के लिए संघर्ष ,आन्दोलन और अभियान का आव्हान ,रक्षा उत्पादन के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव, विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव मुख्य रूप से प्रस्तुत कर विचार विमर्श के बाद पारित किए गए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित भाकपा के महा अधिवेशन में भाकपा के महासचिव कॉमरेड डी राजा का यह संबोधन उल्लेखनीय है कि ” इस फासीवादी सरकार द्वारा भारतीय गण राज्य के आधारों पर हमला किया जा रहा है ,संसद को रबर स्टैंप बना दिया गया है।न्याय पालिका पर दबाव बना कर कमजोर किया जा रहा है।संघवाद को कुचला जा रहा है।मीडिया को प्रचार मशीन में बदल दिया गया है।वैज्ञानिक संस्थानों का मजाक उड़ाया जा रहा है।अल्प संख्यक जनता को निशाना बनाकर उत्पीड़ित किया जा रहा है।दलितों , वंचितों,आदिवासियों ,महिलाओं पर अत्याचार और हिंसा की वारदातें बढ़ती जा रही हैं।भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्य योजना दरअसल भारत को धर्म निरपेक्ष,लोकतांत्रिक गणराज्य से पदानुक्रमिक कर धार्मिक तथा फासीवादी हिन्दू राष्ट्र में बदलने की है ।लेकिन भाकपा का यह शताब्दी वर्ष केवल अतीत की याद भर नहीं है , बल्कि भविष्य के आव्हान को भी स्वीकार करना है।यह महा अधिवेशन जनता तक यह संदेश पहुंचाएगा ।फासीवाद के खिलाफ प्रतिरोध ,संविधान की रक्षा ,रोजगार ,शिक्षा ,स्वास्थ्य , भोजन,आवास और गरिमा के लिए संघर्ष तथा समानता ,धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद पर आधारित भारत का निर्माण का हमारा संकल्प है।साहस और एकता के साथ हम आगे बढ़ेंगे।