Hello
Sponsored Ads

वनों के विस्तार के लिए जल्द लाएंगे नई वन नीति – मुख्यमंत्री

Sponsored Ads

Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads

जयपुरK.K.Rathore/ @www.rubarunews.com-  मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि प्रकृति के सन्तुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों का बड़ा महत्व है। साथ ही हमारी संस्कृति एवं चिकित्सा पद्धतियों में औषधीय पौधों का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा तथा औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से राज्य सरकार ने घर-घर औषधि जैसी अभिनव योजना का शुभारम्भ किया है। राजस्थान संभवतः पहला प्रदेश है, जिसने औषधीय पौधों के प्रति जन चेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऎसी अनूठी योजना लागू की है। यह हमारी भावी पीढ़ी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

 

श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल रूप से आयोजित 72वें वन महोत्सव एवं ‘घर-घर औषधि योजना‘ के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री निवास पर उन्होंने गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरूआत की। साथ ही 72वें वन महोत्सव के तहत जयपुर के ग्राम बिलौंची में लगाने के लिए पीपल का पौधा और अन्य पौधों के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर औषधीय पौधों की पहली किट वन राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को भेंट की। श्री गहलोत ने ‘घर-घर औषधि योजना‘ के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए तैयार किए गए पोस्टर, ब्रोशर एवं बुकलेट का विमोचन भी किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ने के कारण ग्लोबल वॉर्मिंग, अनावृष्टि-अतिवृष्टि, बाढ़, सूखा, भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन आपदाओं से बचाव के लिए वनों का विस्तार जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई वन नीति लाएगी।

योजना को देंगे जन आंदोलन का रूप

श्री गहलोत ने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का महत्व फिर से साबित हुआ है। इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने औषधीय पौधों का लाभ लिया है। निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को भी इन औषधीय पौधों के महत्व और उपयोग की जानकारी मिलना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 के बजट में ‘घर-घर औषधीय योजना‘ प्रारम्भ करने की घोषणा की गई थी। जिसे आज मूर्त रूप दिया गया है।
हमारा प्रयास है कि सभी के सहयोग से यह योजना जन आंदोलन का रूप ले।

प्रत्येक परिवार औषधीय पौधे लगाए

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि योजना के तहत दिए जाने वाले पौधों को वे अपने घरों या अन्य किसी उचित स्थान पर लगाएं और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश के सभी सांसदों एवं विधायकों को योजना में भागीदारी निभाने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निःशुल्क वितरण के लिए तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधों का चयन किया है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सर्वाधिक कारगर हैं।

 

लघु वन उपज बढ़ाने के लिए वन विकास निगम का गठन

Related Post

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र में वृद्धि के लिए लगातार प्रयासरत है। जोधपुर में पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। लघु वन उपज उत्पादन वृद्धि के लिए राज्य वन विकास निगम का गठन किया गया है। साथ ही ताल छापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।

 

1.26 करोड़ परिवारों को मिलेंगे निःशुल्क औषधीय पौधे

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि योजना के तहत वन विभाग की ओर से आगामी पांच वर्षों में प्रदेश के सभी 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को तुलसी, गिलोय, कालमेघ और अश्वगंधा के आठ-आठ औषधीय पौधे तीन बार निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पौधे वन विभाग अपनी पौधशालाओं में तैयार करेगा। राज्य सरकार इस योजना पर 210 करोड़ रूपए व्यय करेगी।

 

प्रमुख सचिव एवं वन पर्यावरण श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि कुल 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को आने वाले पांच सालों में 30 करोड़ से अधिक पौधे वितरित किए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने जिलावार लक्ष्य निर्धारित किए हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति तथा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्री डीएन पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि निरोगी राजस्थान की दिशा में मुख्यमंत्री का यह महत्वपूर्ण कदम है। वन विभाग के सभी कार्मिक निचले स्तर तक योजना को सफल बनाने के लिए समर्पण भाव से काम करेंगे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (फोरेस्ट सेटलमेंट एवं कार्य योजना) श्री राजीव गोयल ने स्वागत उद्बोधन दिया।

 

राज्यमंत्री परिषद के सदस्य, विभिन्न सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, टास्क फोर्स के सदस्य एवं वन विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक भी कार्यक्रम से जुड़े।

 

Sponsored Ads
Share
Rubarunews Desk

Published by
Rubarunews Desk

Recent Posts

मज़दूर दिवस पर जुलूस – फासीवाद का प्रतिरोध कर मज़दूर विरोधी सरकार को पराजित करने का आव्हान

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com- मज़दूर दिवस के अवसर पर 1 मई 2024 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एटक… Read More

11 hours ago

निर्माणाधीन पुल पर डायनामाइट के धमाके से दो मजदूरों की मौत

दतिया @Rubarunews.com/ Peeyush Rai >>>>>>>>>>>>>>>> दतिया में निर्माणाधीन पुल के पास ब्लास्टिंग में दो युवकों… Read More

24 hours ago

समय की जरूरत है मध्यस्थता – बंसल

  श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-प्रधान जिला न्यायाधीश अध्यक्ष एवं अपर न्यायाधीश सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्योपुर… Read More

2 days ago

मज़दूर दिवस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस 1 मई को

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com- मज़दूर दिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और सम्बद्ध श्रमिक संगठनों द्वारा… Read More

2 days ago

कोविडशील्ड के दुष्प्रभावों का हुआ खुलासा, कम्पनी ने हाईकोर्ट में स्वीकार किए

कोविड की वैक्सीन के कारण होता है हार्ट अटैक, लंदन में बड़ा खुलासा दतिया @Rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>… Read More

2 days ago

पंछी संस्कृति के वाहक है, इन्हें बचाने और सहेजने की परंपरा को मिलकर निभाऐं

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बढ़ती हुई गर्मी में मूक पक्षियों के लिए शीतल जल व्यवस्था कर उन्हे… Read More

4 days ago
Sponsored Ads

This website uses cookies.