स्व मैथिलीशरण यादव को अश्रुपूरित श्रद्धांजली दी
दतिया से पीयूष राय की रिपोर्ट
दतिया @rubarunews.com सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में बेहद रुचि रखने वाले व रामचरितमानस की संगीतमय प्रस्तुति देने वाले भगवत रसिक प्रिय स्वर्गीय श्री मैथिलीशरण यादव जो होमगार्ड सैनिक थे। जिन्होंने अपनी सेवाएं जिले के विभिन्न थानों में देते हुए अपने कार्यों से लोगों को प्रभावित किया और लोगों के मन में अपनी जगह बनाई। विभागीय दायित्व निर्वहन करते समय सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने के समाचार से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
कर्तव्यनिष्ठ स्व. श्री मैथिलीशरण यादव ने नेहरू युवा केंद्र की गतिविधियों से युवाओं को राष्ट्रनिर्माण की गतिविधियों से जोडने का सराहनीय कार्य किया गया। अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए दुर्घटना में उनके आकस्मिक देहावसान होने पर हम हम सब अत्यंत दुखी हैं और ईश्वर से उनको अपनी शरण में स्थान देने की प्रार्थना करते हैं। साथ ही स्वर्गीय मैथिलीशरण जी के परिजनों को यह दुखद घड़ी में संबल प्रदान करने हेतु प्रार्थना करते हैं। उक्त प्रार्थना स्वर्गीय श्री मैथिलीशरण यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से शोक सभा आयोजित की गई।
शोकसभा में नेहरू युवा केंद्र संगठन श्योपुर जिला समन्वयक विनोद चतुर्वेदी, शिक्षाविद मनोज द्विवेदी, अमिताभ पांडेय जर्नलिस्ट भोपाल, महेश भारद्वाज भोपाल, नेहरू युवा केंद्र दतिया के जिला युवा समन्वयक कपिल सेन, वरिष्ठ लेखाधिकारी नेहरू युवा केंद्र नीमच अरविंद सक्सेना, वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा, रामजीशरण राय सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवी अशोककुमार शाक्य, समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, बलवीर पांचाल, प्रतिभा बुन्देला, शीतल रायकवार, दया मोर, डॉ. बबीता विजपुरिया, पुष्पा गुगोरिया, रंजना भटनागर, एड कल्पनाराजे बैस, उमा नौगरैया, लवकुश शर्मा इंदरगढ़ जितेंद्र सविता, अखिलेश गुप्ता, पत्रकार प्रशांत गुप्ता, पीयूष राय, सुबोध शर्मा सरसई, खुशबू यादव, दीक्षा लिटौरिया, अंकित कटारे, प्रीति वर्मा, आयुष राय, शिवम बघेल, उदय दाँगी, रवि बघेल आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आत्मशांति हेतु परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की।
हंसमुख मिलनसार स्व. मैथिलीशरण यादव भगवद प्रेमी होने के साथ ही मानवीय गुणों से भरपूर व प्रकृति प्रेमी भी थे। उनकी दिनचर्या संतवत थी ब्रह्ममुहूर्त में दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर भजन व ध्यान की क्रिया कर अपने विभागीय दायित्वों की प्रतिपूर्ति बड़ी निष्ठा और लगन से करते थे।
स्व. श्री यादव क्षेत्र में समय-समय पर स्वयं से जुड़े व्यक्तियों के माध्यम से हरि नाम संकीर्तन, श्रीरामचरित मानस व सुन्दरकाण्ड पाठ कराने हेतु प्रेरित करते रहते थे ताकि वातावरण धार्मिक बना रहे। उनके असमय जाने से सामाजिक व्यक्ति व धर्मप्रेमी दुखी हैं व उनके प्रेम से ओतप्रोत व्यवहार की कमीं खल रही है। अंचल में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में अपने साथियों सहित भागीदारी करते थे।
ॐ शांति ॐ शांति