सहरिया युवा जाने अपने संघर्ष का इतिहास – राजू भाई
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com- – अपने अधिकार प्राप्त करने का जो संघर्ष श्योपुर जिले में प्रारम्भ हुआ उसका सबसे स्वर्णिम पृष्ट एकतापुरा में लिखा गया। एकता परिषद ने जिन बंधुआ मजदूर परिवारो को जिस भूमि पर बसाया था उसपर सोंई के दबंगो की नजर थी। उन्होने मौका देखकर बस्ती पर हमला बोल दिया जिसमें बाबू आदिवासी शहीद हो गये पर आदिवासी डरे नही वे अपनी भूमि पर डटे रहे। जिसका नतीजा है कि यहां हर परिवार के पास कृषि योग्य जमीन है तथा वे उससे अपना पेट पालन कर रहे है। हमारे युवाओ को भी संगठन के संघर्ष के इतिहास के में जानकारी होनी चाहियें यह विचार स्वतंत्रता दिवस पर एकतापुरा में शहीद बाबूलाल आदिवासी की समाधि के सामने ध्वजारोहण के अवसर पर एकता परिषद के संस्थापक पी. वी. राजगोपाल जी ने व्यक्त किये उन्होंने कहा चंबल मे सहरिया के जल जंगल और जमीन के अधिकार के लिये संघर्ष की शुरुआत इसी ग्राम से हुई यह सहरिया के अधिकारो की लडाई का मील का पत्थर है। यही कारण है कि एकता परिषद के हर कार्यक्रम की शुरुआत यही से होती है। उन्होने कहा हमारा यह लक्ष्य है कि हर सहरिया परिवार के पास अपने जीवनयापन के लिये जमीन हो इसके लिये एकतापुरा एक माॅडल बन सकता है।
कार्यक्रम के उपरांत बाढ से पीडित परिवार को राषन किट व साडियो का वितरण किया गया ताकि उनका रक्षाबंधन पर्व हर्ष उल्लास से मनाया जा सके। इस अवसर सहरिया बहनों ने सभी अतिथियों को राखियां भी बांधी।
स्वतंत्रता दिवस पर सभी बच्चो को बिस्किट भी वितरित किये गये।
कार्यक्रम में एकता परिषद के राष्टीय अध्यक्ष रनसिंह परमार राष्टीय संयोजक अनीष भाई ,प्रदेष संयोजक डोंगर शर्मा मुम्बई से पधारे यतीष भाई भोपाल से खुसबू चोरसिया मोहसिन भाई समाजसेवी केलाष पाराषर , षेलेन्द्र पाराषर , सहित समस्त आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संयोजन एबम संचालन सँस्था प्रबन्धक जयसिंह जादोंन ने किया