लाखों खर्च कर बनायी गई गौशाला में सीएमओ ने जड़े थे ताले, आक्रोशित किसानों ने नप का किया घेराव तो दो घंटे में खुले ताले
-सीएमओ के आश्वासन से किसानों का धैर्य टूटा, नगर परिषद के अंदर गायों के बंद कर किया घेराव
-सर्दी में हो रही बारिश से पहले ही किसान परेशान, ऊपर से मवेशी फसलों को पहुंचा रहे नुकसान, इसलिए करना पड़ा प्रदर्शन
भिण्ड। नगर परिषद अकोड़ा में लाखों खर्च कर तैयारी की गई गौशाला सीएमओ के ढुलमुल रवैये के चलते शुरु नहीं हो पा रही थी, जिसको लेकर स्थानीय किसानों ने कईबार मौखिक व आवेदन के माध्यम से अवगत कराया, लेकिन सिर्फ किसानों को आश्वासन हाथ लग रहा था और विगत चार दिनों से आफत बनकर बदरा बरस रहे हैं इस कड़ाके की सर्दी में रात-रातभर जागकर फसल रखवाली करते हैं और ऊपर से मवेशी उनके घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है एक खेत से भगाओ तो दूसरे में घुस जाते हैं। लाखों रुपये खर्च कर क्षेत्र में गौशाला बनी होने के बाद भी किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी और सोमवार को किसानों का धेर्य टूट गया तो उन्होंने सुबह-सुबह नगर परिषद का घेराव करते हुए गायों से भर दिया, जिसकी जानकारी जब एसडीएम को लगी तो मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन दिया, जिसके बाद भी वह नहीं माने तो महज जिला प्रशासन ने दो घंटे के अंदर गौशाला खुलवाई जिसके बाद मवेशियों को गौशाला में भेजा गया। अगर पहले से नगर परिषद सीएमओ रामभानसिंह भदौरिया इसको लेकर सक्रिय हुए होते तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।
एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुई थी गौशाला
अकोड़ा नगर परिषद में विगत वर्ष पूर्व लाखों रुपये खर्च कर बनाई गई थी, जिसको शुरु करने की बजह सीएमओ ने ताला जड़ दिया था और मवेशी खुले आसमान के नीचे किसानों की फसल चौपट कर रहे थे। इस कारण नगर परिषद के ढीले रवैए के चलते उद्घाटन में देरी हो रही थी और किसानों का धेर्य टूट गया और सोमवार की सुबह गायों को नगर परिषद के अंदर बंद कर घेराव किया, जिसके बाद नारेबाजी करते हुए प्रशासन से शीघ्र ही गौशाला को शुरू करने की मांग रखी और चेतावनी दी कि जब तक गौशाला शुरु नहीं होती, तब तक गाय नगर परिषद में ही बंद रहेगी और आंदोलन जारी रहेगा, जिससे प्रशासन सख्ते में आ गया और आनन-फानन में गौशाला शुरु करना पड़ा।
एसडीएम पहुंचे किसानों के बीच, किसानों को दिया आश्वासन
नगर परिषद अकोड़ा में हंगामे की सूचना जैसे ही एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को लगी तो मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि नगर परिषद से गायों को निकाल कर गौशाला में भेजा जाए और इसकी जल्द से जल्द समिति बनाकर गौशाला को शुरू कराने का कार्य करेंगे। जिसके बाद किसानों ने गायों को नगर परिषद से निकाल कर गौशाला में छोड़ा है और दो दिन की गायों की खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी किसानों के द्वारा की गई। इस संबंध में जब एसडीएम ने सीएमओ रामभान सिंह भदोरिया से पूछना चाहा तो वह कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
आवारा मवेशी किसानों की फसल कर रहे थे चौपट
किसान सर्दी के मौसम में हो रही बारिश से वैसे ही परेशान है वहीं गायों का आवारा घूमना बड़ा दुखदायी हो रहा था, गायों की वजह से किसान अपने घरों में सर्द रातें न बिताकर खेतों की रातभर खड़े रहकर रखवाली करते और दो दिन से हो रही बारिश से किसान लगातार पानी में भींगकर गायों से अपने खेत बचा रहे थे, लेकिन गाय एक खेत से भगा दी जाये तो दूसरे खेत में घुस जाती है जहां कहीं भी किसानों की खेत से नजर हटी वहीं गाय अपना धावा बोल देती है और रात भर में फसल बर्वाद करती रहती हैं। आक्रोशित किसानों ने बताया गौशाला खुलवाने के लिए सीएमओ को कई बार मौखिक रूप से आवेदन भी दिए किन्तु सीएमओ रामभान एक-दो दिन की कहकर किसानों को गुमराह कर रहे थे।
आनन-फानन में खोली गौशाला
सोमवार की अल सुबह जब किसान अपने खेतों पर पहुंचे तो वहां गायें खेतों में फसल को खा रही थी, जिससे उन्होंने गायों को एकत्रित कर नगर परिषद अकोड़ा परिसर में लाकर बाहर से गेट लगा दिया और आंदोलन करने लगे। जब सीएमओ रामभान को घटना की जानकारी लगी, तो उन्होंने आनन-फानन में अकोड़ा पहुंचकर गौशाला का गेट खुलवाया और किसानों से गायों को गौशाला में ले जाने के लिए कहा परन्तु आक्रोशित किसानों ने सीएमओ पर गुस्सा जताया और किसी बड़े अधिकारी को बुलाने के लिए विवश किया साथ ही गौशाला का नजारा देखा तो वहां एक भी गाय नहीं थी जिस कार्य के लिए गौशाला का निर्माण किया गया था उसे उपयोग न कर सजाए रखे थे। मौके पर पहुंचे एसडीएम उदयसिंह सिकरवार ने मामले को समझकर आक्रोशित किसानों को शांत कराया जिसके बाद नगर परिषद से गायें निकलवाकर गौशाला भिजवाईं। साथ ही उनके आहार और पानी के प्रबन्ध कराने के निर्देश दिए।
इनका कहना है:
गौशाला में गायों के लिए आहर, पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी, इसलिए गौशाल बंद पड़ी हुई थी।
-रामभानसिंह भदौरिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद अकोड़ा भिण्ड