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कैंसर ने ले ली एक और शख्सियत की जान

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मुम्बई. (शामी एम इरफ़ान)/ @www.rubarunews.com>> बॉलीवुड की एक और शख्सियत की मौत कैंसर के कारण हो गई है. पिछले दिनों मरने वाले अभिनेता इरफान खान और अभिनेता ऋषि कपूर को कैंसर था. विगत सोमवार की शाम करीब साढ़े पाँच बजे बहुमुखी प्रतिभा के धनी अनिल अजिताभ ने पटना स्थित अपने गृह-आवास पर अंतिम सांस ली, उन्हें भी कैंसर था. लेकिन मर्ज इतना बड़ा नहीं था कि, वह इतनी जल्दी लगभग पचास वर्ष की आयु में सबको छोड़ कर चले जाएं.

आम लोगों की तरह वह भी एक्टर बनने यहाँ आये थे लेकिन उनकी पहचान बनी लेखक और निर्देशक के रूप में. फिल्मकार प्रकाश झा के साथ उन्होंने अपने जीवन का पूरा समय गुजारा. उनकी कालजयी फिल्मों में दामुल, मृत्युदंड, अपहरण, बंदिश, दिल क्या करे, राजनीति, गंगाजल  और गंगाजल-2 के लेखन और निर्देशन के प्रमुख स्तम्भ थे. प्रकाश झा के सहायक रहे लंबे समय तक लेकिन कभी स्वतंत्र हिंदी फिल्म का निर्देशन नहीं कर सके. प्रकाश झा का अपना प्रोडक्शन हाउस भी है और इस बीच दूसरे सहायकों की फिल्में प्रोड्यूस हुईं लेकिन अनिल जी इंतजार करते रह गए.

अनिल अजिताभ ऐसे अभिनेता, लेखक व निर्देशक थे जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर में अच्छा भोजपुरी सिनेमा बनाने की कोशिश करी. यानी ऐसा सिनेमा जिसमें विजुअल, पटकथा और मनोरंजन के साथ कुछ सन्देश भी हो और फूहड ना हो. ‘हम बाहुबली’, ‘रणभूमि’ और ‘एक दूजे के लिए’ तीन फिल्में उन्होंने बनाई, ये भोजपुरी सिनेमा के मुख्यधारा को भीतर से बदलने की कोशिश थी लेकिन भोजपुरी निर्माता, डिस्ट्रीब्यूटर और पीआरओ की माफियागिरी में ये सम्भावना भी कुंद पड़ गई. भोजपुरी चैनल महुआ पर भी इनके कई चर्चित कार्यक्रम प्रसारित हुुए हैं.

बता दें कि,  नेटफ्लिक्स के लिए गिरमिटिया नामक वेब सिरीज बनाने की योजना पर कार्यरत थे. दिनेश लाल यादव निरहुआ को लेकर भोजपुरी फ़िल्म राजपथ बना रहे थे, जिसकी शूटिंग इलाहाबाद विश्वविद्यालय में करने के इच्छुक थे. सोशल मीडिया पर वह सक्रिय थे और अपने चाहने वालों के लिए खुद की एक सेल्फी प्रत्येक रविवार को पोस्ट किया करते थे. आपकी संडे सेल्फी का सभी को इंतजार रहता था. जब भी संडे आयेगा, आपकी याद आती रहेगी.

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Pratyaksha Saxena

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