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ईश्वर था, है और अनादिकाल मे रहेगा – पं. राजेश्वर महाराज

दतिया @ rubarunews.com>>>>>>>>> अंजनिनन्दन पवनकुमार श्री हनुमान जी महाराज व जगतजननी जगदंबा की अहैतुकी अनुकम्पा से श्री हनुमान जी महाराज के प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथामृत रसवर्षा का आयोजन कार्तिक मास स्नान करने वाली महिलाओं व समस्त ग्रामवासियों के द्वारा किया जा रहा है।

आयोजित श्रीमद्भागवत कथामृत रसवर्षा में भागवताचार्य पं. राजेश्वर जी महाराज, छोटा दतिया ने संदेश दिया कि सत्संग का सार ईश्वर था, है और अनादिकाल मे रहेगा। श्री राजेश्वर महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा की रचना, यज्ञ के नियमों, कथा सुनने की विधि आदि पर व्यापक 18000 श्लोक, 335 अध्याय, 12 स्कंध में विभक्त कथामृत को श्रद्धालुओं को पान कराया।

 

भागवताचार्य महाराज ने अवह्वान किया कि सामाजिक, रचनात्मक, क्रियात्मक व विकासात्मक गतिविधियों में हम सबको संलग्न रहना चाहिए। उन्होंने सनक सनन्दन, सनत्कुमार आदि की व्यापक कथा का श्रवण कराया। महाराज जी ने। सत्कर्म, धर्म करने व गौ पालन, गौ सेवा व मानव सेवा करने के संदेश दिए।

जानकारी के अनुसार यह श्रीमद्भागवत कथामृत रसवर्षा का आयोजन 23 नवम्बर से 29 नवम्बर तक श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में सीतापुर में आयोजित किया जा रहा है। समस्त ग्रामवासियों ने सभी श्रद्धालुओं से कथामृत पान करने का निवेदन किया है।