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श्री बिरला ने कहा कि भारत की परंपरा रही है कि जब भी मानवता पर संकट आया है, तब-तब ऋषि-मुनियों व भारतवर्ष की जनता ने स्वेच्छा से अपना सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के संदर्भ में यह देखा गया है कि किस तरह से भारत ने मानवीय सेवा एवं सामूहिक प्रयास के द्वारा इस चुनौती का मुकाबला किया है।
श्री बिरला ने बड़ी संख्या में प्लाज्मा एवं रक्तदान करने वाले लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने ऐसे समसामयिक एवं सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर वार्ता करने के लिए उपस्थित सभी लोगों एवं आयोजकों को धन्यवाद दिया।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर सभी को यह विचार करना चाहिए कि अंगदान को किस प्रकार से प्रोत्साहन दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व में ऋषि दधीचि संभवतः ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने जनकल्याण के लिए अपना शरीर तक दान कर दिया था।
श्री बिरला ने कहा कि यह संस्था पिछले 23 वर्षों से इस पुनीत कार्य में जनता को प्रेरित कर रही है तथा देहदान के प्रति समाज में स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए तथा देहदान करने वालों व अस्पतालों के बीच सुविधाजनक संपर्क बढ़ाने के लिए भी कार्य कर रही है। श्री बिरला ने आगे कहा कि संस्था ने हजारों दृष्टिहीन लोगों को दृष्टि देने का कार्य बखूबी निभाया है।
अंगदान के विषय में श्री बिरला ने कहा कि जनमानस के मन में आज भी कई भ्रांतियां हैं तथा देश में लोगों की अंगदान के प्रति जागरूकता कम है। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में कई मानवतावादी इच्छुक व्यक्ति भी देहदान नहीं कर पाते। उन्होंने इस विषय पर जनजागृति विकसित करने के प्रयासों के लिए संस्था एवं आयोजकों का धन्यवाद किया।
श्री बिरला ने कहा कि आज की नई तकनीक के आधार पर अब अंगों के साथ टिशू भी दान किए जा सकते हैं और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य भी संस्था ने किया है।
इस मौके पर श्री बिरला ने नानाजी देशमुख जैसे महान ऋषि का उदाहरण दिया जिन्होंने सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यों से जन सेवा के साथ ही उस समय देह दान कर जनता को नया संदेश दिया एवं लोगों को प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि संस्था आज भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए काम कर रही है।
श्री बिरला ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान से जुड़े शोध में देहदान का अमूल्य योगदान है तथा इससे हुई उन्नति से मानव जीवन की रक्षा की जा सकती है और लोगों की आयु बढ़ाई जा सकती है।
श्री बिरला ने कहा कि उचित जानकारी के अभाव में आज भी देश में अंगदान करने वालों की संख्या बहुत कम है और आज भी बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोग अंगदान के लिए प्रतीक्षा करते हैं। इस उपलक्ष्य पर उन्होंने जोर देकर कहा कि अंगदान के लिए प्रेरित करना सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए क्योंकि दान हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्था के सहयोग से आगे भी कई लोगों को स्वस्थ एवं लंबा जीवन प्राप्त होगा।
इस अवसर पर दधिचि देह दन समिति के कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार एवं दधिचि देहदान समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा ने देहदान की उपयोगिता को प्रतिपादित करते हुए अधिक से अधिक लोगों को देहदान के लिए संकल्पित होने का आह्वान किया। समिति के पदाधिकारियों की ओर सेलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी का आभार व्यक्त किया गया।
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