भारत के स्वाधीनता संग्राम में 9 सितम्बर 1928 के दिन का ऐतिहासिक महत्व है
भोपाल.शैलेन्द्र शैली/ @www.rubarunews.com- भारत के स्वाधीनता संग्राम में 9 सितम्बर 1928 के दिन का ऐतिहासिक महत्व है , जब भगत सिंह की मुख्य भूमिका के तहत क्रान्तिकारियों ने अपने संगठन के नाम में सोशलिस्ट शब्द जोडकर नया नाम हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन किया था । क्रान्तिकारी भारत में आज़ादी के बाद समाजवाद स्थापित करना चाहते थे । इस महान लक्ष्य को पूरा करने में योगदान देना ही क्रान्तिकारियों और शहीदों को सार्थक श्रद्धांजलि है ।
दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में 8,9 सितम्बर 1928 को चार प्रान्तों के क्रान्तिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई थी ।इस बैठक में क्रान्ति के जरिए भारत में समाजवाद स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था । इस हेतु संगठन के नाम में सोशलिस्ट शब्द जोड़ा गया । इस बैठक के आयोजन और निर्णयों में भगत सिंह की मुख्य भूमिका थी ।
पिछली सदी में 1917 में हुई सोवियत क्रान्ति से प्रभावित क्रान्तिकारी भारत में मेहनतकश जनता की सत्ता स्थापित करना चाहते थे ।स्वाधीनता के आव्हान में पूंजीवाद का प्रतिरोध भी शामिल था ।यह एक महान सन्देश है ।क्योंकि पूंजीवादी सत्ता में मेहनतकश जनता , दलितों , वंचितों को सच्ची आज़ादी नहीं मिल सकती ।इसलिए आज़ादी के लिए पूंजीवाद से भी लड़ना ही होगा ।
भारत के स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारियों और शहीदों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए ।