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पीढियों के तप से होता है राष्ट्र व समाज का निर्माण – प्रेम भूषण जी महाराज

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कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> बिरला व अग्रवाल परिवार की ओर से सात दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ मंगवार को हुआ। छप्पन भोग परिसर में सजे भव्य पाण्डाल में प्रसिद्ध कथावाचक प्रेम भूषण जी महराज ने अपनी मधुर आवाज में  भक्तों को कथा रूपी अमृत का रसपान कराया। इससे पहले गणेश वंदना, हुनमान चालीसा और जय श्री राम कथा भजन के साथ कथा का शुभारम्भ हुआ।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रेड क्रॉस सोसायटी प्रदेशाध्यक्ष राजेश बिरला, डॉ. अमिता बिरला, अपर्णा अग्रवाल, व बिरला व अग्रवाल परिवार के सदस्यों ने श्रीरामचरित मानस की आरती व विधिवत पूजन अर्चना कर महाराज श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। राम कथा के सरस गायक प्रेम भूषण जी महराज ने अपने मनमोहक भजनों से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। महाराज जी ने कथा के प्रथम दिवस राम कथा महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु राम कण कण में रमण करते हैं। राम कथा श्रवण से दुख हरते हैं, जीवन ओजस्वी होता है। जो जिस भाव से कथा सुनता है प्रभु भी उसी भाव से भक्त का कल्याण करते हैं। भगवान राम जी के जीवन से हमें यही शिक्षा मिलती है कि बिना तपस्या के कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। मनुष्य को अपने जीवन में अगर कुछ चाहिए तो उसे तपना होगा। जब हमारी पीढ़ी में कोई तप करता है तो हमें कुछ प्राप्त होता है और जब कई पीढ़ियां तप करती चली जाती हैं तब राष्ट्र और समाज के लिए कुछ विशेष प्राप्त होता है। राम जी के जीवन की कथा को कहना-सुनना तो सरल है लेकिन उसे जीना बहुत ही कठिन है। परंतु भगवान राम जी ने जिस नवधा भक्ति का ज्ञान माता शबरी जी को दिया है उसमें से सबसे सरल भक्ति है कथा का श्रवण करना। शर्त केवल इतना है कि हम भावपूर्वक कथा का श्रवण करें। भक्तों को सर्वकाल विश्वास में रहना चाहिए। क्योंकि भगवान जो भी करते हैं उसी में हमारा परमहित होता है।

पूज्य श्री सत्कर्मों को परिभाषित करते हुए कहा कि कि केवल पति-पत्नी का संबंध जन्म-जन्म का नहीं होता, आदमी और कर्म का संबंध भी जन्म जन्म का होता है। किसी का अहित न करें, पशु बेचने का व्यापार न करें, परमार्थ को अपनाएं। हमारे कर्म ही कई जन्मों तक हमें भवसागर के पार लगा देंगे।

सत्संगति से प्यार करना सीखोजी

प्रेमभूषण जी महाराज ने अपने प्रसिद्ध भजन सत्संगति से प्यार करना सीखोजी, जीवन का उद्धार करना सीखोजी के माध्यम से सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि जैसे व्यक्ति अपने व्यापार कारोबार में मन लगाता है अगर वैसे ही सत्संग में मन लगा ले तो स्वत: ही उसका जीवन संवर जाएगा। जिसने अपना जीवन संवार लिया तो उसका जीवन धन्य हो जाएगा घर में ही स्वर्ग बन जाएगा।

लाभ, लोभ न बने, क्रोध में बोध नष्ट न हो

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महाराज श्री ने कहा कि अकारण क्रोध से बचना चाहिए, इसे साधना चाहिए। क्रोध में अगर बोध नष्ट होगा तो आपका अहित होने की संभावना होती है। इसी प्रकार लाभ और लोभ में एक मात्रा का ही फर्क है, इसलिए लोभ से बचना चाहिए। मानव जीवन सहज होना चाहिए जो आसानी से पढ़ा जा सके। विचार व्यवहार में सहजता हमेशा आपको सर्वप्रिय बनाती है। जैसे हमारे अराध्य राम सहज है वैसे ही उनकी कथा भी बड़ी सहज है।

भगवान शिव विश्वास, मां पार्वती श्रद्धा की प्रतीक

पूज्य श्री ने कहा कि मानस जी का लाभ प्राप्त करने के लिए मनुष्य के अंदर श्रद्धा भाव सबसे आवश्यक है। मानस जी का प्रारंभ भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के प्रसंग से शुरू होता है। इसके पीछे भी यह सबसे बड़ा कारण है कि भगवान शिव विश्वास के प्रतीक हैं और माता पार्वती श्रद्धा की प्रतीक हैं। जिस मनुष्य में श्रद्धा और विश्वास का भाव उपस्थित होगा वही रामचरितमानस में गोता लगाकर भगवान का दर्शन प्राप्त कर सकेगा। नहीं तो संशय स्वरूपा माता सती श्रीराम कथा सुनने गई लेकिन कथा उनके कान में नहीं उतरी।  जिसकी जितनी श्रद्धा दृढ़ है उसको उतनी ही भागवत फल की प्राप्ति है। श्रद्धा में अर्पण और समर्पण हो तो श्रद्धा अवश्य फल प्रदान करती है। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती विवाह गीत पर श्रद्धालु झूमते नजर आए।

बिरला-अग्रवाल परिवार ने की अगवानी

कथा स्थल पर पधारे पूज्य श्री की अगवानी स्पीकर ओम बिरला सहित बिरला व अग्रवाल परिवार के सदस्यों ने की। कथा शुभारम्भ के पूर्व स्पीकर बिरला ने प्रेमभूषण जी महाराज का स्वागत करते हुए कहा कि श्री रामकथा के माध्यम से पूरे विश्व में सनातन समाज में अलख जगाने वाले सुप्रसिद्ध महाराज श्री का शिक्षा नगरी में पधारना हमारे लिए गौरव का क्षण है। हम सभी पर प्रभु की कृपा है, इसी कारण हमें कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रेमभूषण महाराज जी की प्रेमवाणी में राम कथा श्रवण हम सभी के जीवन को परिवर्तित करते हुए आध्यात्मिक चेतना का उद्गार करेगी। डॉ. अमिता बिरला व अपर्णा अग्रवाल ने कथा श्रवण के लिए पधारे सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि कोटा में 7 दिनों तक राम कथा की गंगा बहने वाली हैं, आप सभी ज्ञान रस का आनंद प्राप्त कर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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