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रीवा मप्र @rubarunews.com>>>>>>>>>> यज्ञों की पावन पुनीत स्थली कैथा हनुमान मंदिर प्रांगण में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाला शिवमहापुराण महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम दिनांक 01 से 11 मार्च तक आयोजित हो रहा है। कथा प्रवचन और परायण का कार्य आचार्य डॉक्टर गौरीशंकर शुक्ला जी के मुखारबिंद से किया जा रहा है।
*कलश यात्रा के साथ हुआ शिवमहापुराण महायज्ञ का श्रीगणेश*
कार्यक्रम का श्रीगणेश दिनांक 28 फरवरी 2021 को दोपहर 2 बजे के बाद कलश यात्रा के साथ किया गया जिसमे ग्राम क्षेत्र के श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए। कलश यात्रा कैथा हनुमान मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर पांडेय टोला में स्थित शिव मंदिर से होते हुए देवी मंदिर प्रांगण कैथा एवं पटेल टोला कैथा में स्थित शारदा देवी मंदिर से होते हुए पुनः हनुमान मंदिर प्रांगण में आकर कलश की स्थापना की गई। इस बीच एक कलश की स्थापना प्राचीन देवी मंदिर प्रांगण कैथा में की गई।
*बैठकी के साथ प्रारम्भ हुई शिवमहापुराण की कथा*
कलश स्थापना के उपरांत दिनाँक 01 मार्च दिन सोमवार को बैठकी का कार्य सम्पन्न हुआ। बैठकी के दिन आवाहित देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गई और उन्हें उनके पीठों पर स्थापित किया गया। बैठकी का तात्पर्य ही देवी देवताओं को आवाहित कर उन्हें स्थापना करना है।
*11 मार्च महाशिवरात्रि को हवन भंडारे के साथ कार्यक्रम का होगा विसर्जन*
सम्पूर्ण 11 दिवशीय कार्यक्रम का विसर्जन हवन और भंडारे के साथ दिनांक 11 मार्च को किया जाएगा। कोरोना लॉक डाउन और संक्रमण की दृष्टि से लोगों से अपील की गयी कि वह मास्क और सोशल डिस्टनसिंग का पालन करें। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दूर दराज ग्राम से भक्त श्रद्धालुगण उपस्थित रहते हैं।
*यज्ञस्थली कैथा और हनुमान जी स्वामी मंदिर का संक्षिप्त इतिहास*
हनुमान जी स्वामी मंदिर प्रांगण कैथा में कार्यक्रम का इतिहास काफी पुराना है। मान्यता है कि चिरकाल में क्षेत्र में भीषण अकाल और महामारी की स्थिति उत्पन्न हुई थी जिसके बाद क्षेत्र में त्राहि त्राहि मच गई। तब जनता के आह्वान पर साक्षात बजरंग बली कैथा स्थित सरोवर में प्रकट हुए थे और लोगों के दुख क्लेश दूर किये। तब से वह इसी हिनौता सरोवर में स्थित हैं। इस प्रकार यदि लोगों की मानें तो यहां पर आयोजित होने वाले श्रावण मास के कार्यक्रम का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि मंदिर प्रांगण में असीम शक्ति सम्पन्न बजरंग बली मूर्तिरूप से इतर स्वयं किसी न किसी स्वरूप में भगवद कथा का श्रवण करने के लिए आते हैं।
*विश्व शांति जीव कल्याणार्थ आयोजित होते आये हैं सभी कार्यक्रम*
मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम लोकहित के लिए होते आये हैं। विश्व शांति और जीव कल्याणनार्थ आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों के मूल में परमार्थ की भावना होती है। वास्तव में देखा जाय तो यह एक लोक परंपरा है जो आज के भी भागदौड़ और आधुनिक समय मे जीवित है। कार्यक्रम का संयोजन प्रबंधन और प्रचार प्रसार का कार्य वर्तमान में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा किया जाता है। चूंकि कार्यक्रम का स्वरूप सार्वजनिक है अतः सभी जनमानस का सहयोग अपेक्षित रहता है। उक्त जानकारी शिवानंद द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश ने दी।
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