Hello
Sponsored Ads
ताजातरीन

लाख तरक्की के बावजूद हम बुजुर्गों का ख्याल रखने में पीछे हैं- अतुल मलिकराम

Sponsored Ads

Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads

इंदौर.Desk/ @www.rubarunews.com-बुढ़ापा किसी व्यक्ति की उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है, जिसमें प्रवेश करने के बाद उसके जीवन में एक बार फिर से बचपन दस्तक देता है। वही बचपन, जिसके लिए हम कहते हैं कि यह एक बार चला गया, तो फिर कभी लौटकर नहीं आएगा। वृद्धावस्था में बचपन का पुनः आगमन वास्तव में अद्भुत और अतुलनीय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बुजुर्ग व्यक्ति का स्वभाव एक बच्चे की तरह ही होता है, छोटी-छोटी बातों में खुशियां ढूंढने की आदत और भावनाओं का गहरा सागर, बड़े-बूढ़ों के दिलों में एक बच्चे की तरह ही उमड़ता है। जिस तरह एक छोटे बच्चे को हर क्षण अपनी माता के आँचल और पिता के साए से घिरे रहना बेहद लुभाता है, ठीक इसी प्रकार बुजुर्गों को भी अपने बच्चों को अपने आसपास हँसते-खेलते देख उत्तम आनंद की अनुभूति होती है। वे उम्र के इस अद्भुत पड़ाव में अपनों का प्यार और साथ चाहते हैं।

इसलिए उनके साथ बैठकर भोजन करें, उनके साथ टहलने जाएं, उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें, उन्हें क्षण भर के लिए भी अकेला न छोड़ें, उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें, उन्हें आश्वासन दें कि हर एक स्थिति में आप उनके साथ हैं।

हम आए दिन विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की कर रहे हैं, लेकिन सत्य यह है कि इन सबके बावजूद हम बुजुर्गों का ख्याल रखने में काफी पीछे हैं। जिन्होंने हमें ऊँगली पकड़कर चलना सिखाया, हमारी टूटी-फूटी बोली से जो जग जीत जाया करते थे, जिनकी गोद में हम पले-बढ़े, जिनकी आँचल की छाँव ने हम पर कभी दुःख रूपी धूप का साया तक नहीं पड़ने दिया, जिनके कांधों पर बैठकर हम दुनिया की सैर कर आते थे, जो खुद सारी रात जागकर हमें लोरियाँ सुनाते रहे, ताकि हम चैन की नींद सो सकें, जिन्होंने हमारे भीतर संस्कारों की मजबूत नींव गढ़ी, क्या हम उनके इन उपकारों को वास्तव में नजर अंदाज करने का विचार भी अपने मन में ला सकते हैं? अपने जीवन के अंतिम दौर में वे हमसे क्या चाहते हैं? सिर्फ परिवार का साथ। है न!! लेकिन हम क्या कर रहे हैं? हम उनसे उनका बचपन और बुढ़ापा दोनों छीन रहे हैं। भले ही हमारा उद्देश्य नकारात्मक न हो, लेकिन कमाने की होड़ में हम घर की बुनियाद हिलाकर यानी बुजुर्गों का साथ छोड़कर एकल परिवार की नींव गढ़ रहे हैं, हम पूरे परिवार को जाने-अनजाने में तोड़ने का कारण बन रहे हैं, उनसे उनके सबसे अच्छे और सच्चे दोस्त, उनके नाती-पोते छीनने की वजह बन रहे हैं। दादी-नानी की कहानियां भी अब इस वजह से विलुप्त होती नजर आ रही हैं।

Related Post

कारण कुछ भी हो, लेकिन यह सत्य है कि बीते कुछ वर्षों में एकल परिवार का चलन काफी तेजी से बढ़ा है, ऐसे में बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही एक-दूसरे के प्यार से वंचित हो रहे हैं। बहुत कम ही परिवार बचे हैं, जो बुजुर्गों के आशीर्वाद से फलीभूत हैं। क्या वास्तव में बुजुर्गों के आशीर्वाद के बिना हमारे जीवन के कुछ मायने हैं? बदलते जमाने के साथ आज कई बुजुर्ग अपने अंतिम दिन वृद्धाश्रम में गुजारने को मजबूर हो चले हैं। क्या उन्हें ठेस पहुँचाकर हम भविष्य में खुश रह पाएंगे? यह कतई न भूलें, कि आज हमारे द्वारा किए गए कर्म कल हमें ढूंढते हुए जरूर हमारे सामने आएँगे। मंदिरों में भारी मात्रा में दिया गया चढ़ावा और नित दिन भी यदि हम दान-धर्म करें, तो हमें इसके लिए धूल के कण बराबर भी पुण्य फल प्राप्त नहीं होगा, यदि हम माता-पिता को पूजने में असमर्थ हैं, क्योंकि शास्त्रों में भी माता-पिता को भगवान् का स्थान दिया गया है। इसलिए स्वयं से पहले उनका ख्याल रखें और उनके बुढ़ापे का सहारा बनें। जिनके सिर पर बुजुर्गों का हाथ है, सही मायने में वे ही दुनिया के सबसे धनी और सफल व्यक्ति हैं।

 

Sponsored Ads
Share
Rubarunews Desk

Published by
Rubarunews Desk

Recent Posts

निर्माणाधीन पुल पर डायनामाइट के धमाके से दो मजदूरों की मौत

दतिया @Rubarunews.com/ Peeyush Rai >>>>>>>>>>>>>>>> दतिया में निर्माणाधीन पुल के पास ब्लास्टिंग में दो युवकों… Read More

11 hours ago

समय की जरूरत है मध्यस्थता – बंसल

  श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-प्रधान जिला न्यायाधीश अध्यक्ष एवं अपर न्यायाधीश सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्योपुर… Read More

2 days ago

मज़दूर दिवस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस 1 मई को

भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com- मज़दूर दिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और सम्बद्ध श्रमिक संगठनों द्वारा… Read More

2 days ago

कोविडशील्ड के दुष्प्रभावों का हुआ खुलासा, कम्पनी ने हाईकोर्ट में स्वीकार किए

कोविड की वैक्सीन के कारण होता है हार्ट अटैक, लंदन में बड़ा खुलासा दतिया @Rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>>… Read More

2 days ago

पंछी संस्कृति के वाहक है, इन्हें बचाने और सहेजने की परंपरा को मिलकर निभाऐं

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बढ़ती हुई गर्मी में मूक पक्षियों के लिए शीतल जल व्यवस्था कर उन्हे… Read More

3 days ago

वैशाख मास में जल दान का सर्वाधिक महत्व, जल मंदिर के हुए शुभारंभ

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- 24 अप्रेल से वैशाख मास का आरंभ होने के साथ ही शहर में… Read More

3 days ago
Sponsored Ads

This website uses cookies.