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स्टेरॉयड इंजेक्शन के अतिरिक्त अन्य अनुपूरण भी ब्लैक फंगस में जिम्मेदार

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ब्लैक फुंगस (Black Fungus) के पीछे सामने आया नया कारण, Steroid नही ये हैं इसकी असली वजह

दतिया @rubarunews.com>>>>>>>>>>>>>कुछ दिनों से कहर बरपा रहे म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण को लेकर एक नई बात सामने आई है। अभी तक कहा जा रहा था कि यह ब्लैक फंगस रोग उन लोगों में अधिक सामने आ रहा है जिन्हें मधुमेह है और साथ ही उन्होंने लंबे समय से Steroid का सेवन किया है। अब डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि इम्यूनिटी बढ़ाने वाले जिंक सप्लीमेंट और आयरन की गोलियों का अधिक मात्रा में सेवन भी जिम्मेदार हो सकता हैं।

 

इम्युनिटी बूस्टर पर शोध

बांद्रा के लीलावती अस्पताल के सीनियर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट शशांक जोशी एक शोध पत्र तैयार कर रहे हैं कि ब्लैक फंगस फैलाने में इम्यूनिटी बूस्टर कितना शामिल है। टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक,

“इस बीमारी के पीछे प्राथमिक कारण Steroid और मधुमेह का उपयोग है, लेकिन पिछले 2 दिनों से चिकित्सा समुदाय में भारतीयों द्वारा Zinc सप्लीमेंट और आयरन टैबलेट का उपयोग जमकर किया जा रहा है।

फंगस Zinc के बिना नहीं रह सकता

Zinc और फंगस के बीच संबंध पर कई वर्षों से शोध चल रहे हैं, जिसमें यह बात सामने आई है कि जिंक के बिना फंगस जीवित नहीं रह सकता। यहां तक कि वे कवक को बढ़ावा देने के लिए भी जिम्मेदार हैं। पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से भारतीय लोग जिंक का जमकर सेवन कर रहे हैं।

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ऐसे में डॉक्टरों ने पुराने शोध का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर शोध करने की जरूरत बताई है. डॉक्टरों ने भारतीय पुरातत्व अनुसंधान परिषद (ICMR) से म्यूकोर्मिकोसिस के फैलने के कारणों का अध्ययन करने का आग्रह किया है, जो एक गंभीर फंगल संक्रमण है। यह संक्रमण Mucormycetes मोल्ड्स के कारण होता है। जिसमे Steroid की बजाय Zinc को बड़ी वजह बताई जा रही हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा मामले भारत में

ब्लैक फंगस के मामले दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में भारत में ही पाए जाते हैं। कोरोना के प्रकोप से पहले भी दुनिया भर से करीब 70 गुना ज्यादा मामले सामने आए थे, लेकिन पिछले डेढ़ महीने में यहां 8,000 मामलों में हड़कंप मच गया है. चूंकि यह संक्रमण बहुत खतरनाक है, इसलिए इस पर तेजी से शोध करने की जरूरत है।

 

क्या अधिक दवाएं इसका कारण हैं?

पश्चिमी देशों में आमतौर पर पैरासिटामोल का इस्तेमाल कोविड मरीजों के बुखार को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, लेकिन भारत में हल्के लक्षणों वाले कोविड मरीजों को 5 से 7 तरह की दवाएं भी दी जा रही हैं, जिनमें विटामिन सप्लीमेंट, एंटीबायोटिक्स आदि शामिल हैं।

इस बारे में कोच्चि के डॉक्टर राजीव जयदेवन का कहना है कि कोरोना की पहली लहर में हमें इस वायरस के बारे में बहुत कम जानकारी थी, इसलिए मरीजों को दवाओं के कई कॉम्बिनेशन दिए गए. लेकिन ब्लैक फंगस की समस्या सिर्फ भारत में ही हुई। साफ है कि भारत में इस संक्रमण के फैलने का एक गुप्त कारण है।

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Piyush Rai

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