Hello
Sponsored Ads

भोजन का अधिकार व्यक्ति के जीवन जीने के अधिकार से संबंधित है – सूचना आयुक्त राहुल सिंह

Sponsored Ads

Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads
Sponsored Ads

आरटीआई और खाद्य सुरक्षा विषय पर आयोजित हुआ 20 वां वेबीनार, सूचना आयुक्त राहुल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ कार्यक्रम देश के दर्जनों राज्यों से कार्यकर्ताओं ने की सहभागिता केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी एवं आत्मदीप रहे विशिष्ट अतिथि।

रीवा/ दतिया @rubarunews.com >>>>>>> भारत एक बहु सांस्कृतिक और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन यहां की ब्यूरोक्रेसी और लालफीताशाही का मालिक ऊपर वाला ही है। भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में जहां बेरोजगारी और भुखमरी एक सदैव ही व्यापक स्तर का मुद्दा रहता है ऐसे में इस लॉक डाउन पीरियड में जीवन जीने के अधिकार से संबंधित भोजन का अधिकार किस प्रकार सुनिश्चित किया जाए और उसकी क्या स्थिति है इस विषय पर एक विश्लेषण के तौर पर आरटीआई एवं खाद्य सुरक्षा विषय पर 20 वां जूम मीटिंग वेबीनार का आयोजन सूचना आयुक्त राहुल सिंह की अध्यक्षता में किया गया जिसका संयोजन प्रबंधन एवं क्रियान्वयन एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी, अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा, शिवेंद्र मिश्रा, अंबुज पांडे आदि के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी एवं पूर्व मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप रहे।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले सहभागीयों में से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नई दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटका आदि प्रदेशों से दर्जनों सहभागियों ने पार्टिसिपेट किया।

*भोजन का अधिकार व्यक्ति के जीवन जीने के अधिकार से संबंधित है – सूचना आयुक्त राहुल सिंह*

इस बीच कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया की भोजन के बिना व्यक्ति जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है। एक गरीब व्यक्ति के लिए रोटी कपड़ा और मकान उसकी सबसे बड़ी आवश्यकता होती है। मानवाधिकार के तौर पर भी देखा जाए तो यह व्यक्ति की मूलभूत अधिकार है। कई बार लोग आरटीआई लगाकर अपने खाद्यान्न के विषय में जानकारी चाहते हैं कि आखिर उन्हें खाद्यान्न क्यों नहीं मिल रहा है। रीवा का उदाहरण देते हुए राहुल सिंह ने बताया कि एक लड़के के द्वारा वर्षों से अपने पिता के बीपीएल कार्ड से नाम हटाने संबंधी जानकारी आरटीआई के माध्यम से चाही गई थी। बाद में बताया गया कि किसी जनपद के बाबू ने बीपीएल कार्ड से संबंधित पंजी से वह कागज ही फाड़ दिया और बाद में उसी क्रमांक पर चार अन्य राशन कार्ड जारी कर दिए गए।

*बाबू पर कार्यवाही तो हुई लेकिन लड़के को न्याय नहीं मिला – राहुल सिंह*

श्री सिंह ने कहा कि बाद में जानकारी प्राप्त हुई तो बताया गया कि उस बाबू पर विभागीय कार्यवाही की गई थी और उसे निलंबित किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी न तो उस लड़के को और न ही उसके पिता को न्याय मिल पाया और वह अपने पिता की पेंशन में नाम क्यों हट गया यह जानकारी के लिए बीपीएल राशन कार्ड के विषय में आरटीआई लगाया था। इस प्रकार इतने बरसों के बाद भी वह लड़का भटकता रहा और उसे न्याय नहीं मिला और अंत में सूचना आयोग में आकर उसे न्याय मिल पाया है।

*गैर जिम्मेदार व्यवस्था के कारण आवेदक होते हैं परेशान नहीं मिलता न्याय – सूचना आयुक्त*

इस बीच सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि पूरा सिस्टम लालफीताशाही की वजह से चरमरा चुका है जिसकी वजह से आम आदमी को न्याय नहीं मिल पा रहा है। जहां तक सवाल खाद्यान्न से संबंधित है तो वह जीवन जीने के अधिकार एवं आरटीआई की धारा 7(1) से संबंधित है अतः उस विषय में 48 घंटे के भीतर जानकारी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए और इसके लिए यदि कोई सबसे ज्यादा जिम्मेदार है तो वह जिले का खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक है जिसके पास समस्त राशन की दुकान का पूरा कंट्रोल होता है।

*व्यक्ति को भोजन से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 21, 47 एवं 49 का उल्लंघन सूचना आयुक्त राहुल सिंह*

सूचना आयुक्त ने कहा कि भोजन जिस प्रकार से जीवन जीने के अधिकार से संबंधित है और सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 7(1) के तहत 48 घंटे के भीतर जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है इससे यह भली-भांति स्पष्ट होती है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, 47 एवं 49 में यह बात स्पष्ट की गई है कि व्यक्ति को उसके मूलभूत जीवन जीने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। जीवन जीने के अधिकार में व्यक्ति के आवास का अधिकार भी सम्मिलित है।

 

*राशन कार्ड बनाए जाने की व्यवस्था पारदर्शी होना आवश्यक – राहुल सिंह*

सूचना आयुक्त ने बताया की ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के संपर्क के लोगों को सभी सुविधा प्राप्त होती है और जो गरीब ग्राम प्रधान के पक्ष में नहीं होते हैं उनके नाम राशन कार्ड से नाम हटा दिए जाते हैं अथवा उन्हें खाद्यान्न ही नहीं दिया जाता। इस प्रकार की अव्यवस्था बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर नियंत्रण किया जाना चाहिए। प्रशासन का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति पात्र है उसको राशन कार्ड अवश्य उपलब्ध करवाया जाए जिससे उसे भोजन और पेंशन की व्यवस्था हो जाए। इस विषय में देखा जाए तो पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायतों में एक जबरदस्त घोटाला हुआ है।

*हमारे पूर्वजों के समय पर जो घोटाले होते थे राशन की दुकानों में अब भी वही चल रहा है – सूचना आयुक्त*

इस बीच जूम मीटिंग वेबीनार के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि अमुक राशन की दुकान में चोरी हो गई और खाद्यान्न चोरी कर दिया गया। यदि हम आज भी देखते हैं तो यही पाते हैं कि कहीं न कहीं हर जिले में हर माह यह सूचना और पेपर पत्रिकाओं में पढ़ने को मिलता ही रहता है कि किसी राशन की दुकान में चोरी हो गई है और गरीबों का खाद्यान्न चुरा लिया गया है।

Related Post

सवाल यह है कि आखिर आज 21वीं शताब्दी में जबकि डिजिटलाइजेशन और थंब इंप्रेशन और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की बात की जा रही है तब भी यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ है तो फिर कब होगा? आज आवश्यकता है इसे और पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की जिससे गरीबों के अधिकार का हनन रुके और उन्हें समुचित न्याय मिले।

*व्यवस्थाएं तो बदली है लेकिन स्थितियां यथावत बनी हुई है – राहुल सिंह*

दिन प्रतिदिन होने वाले खाद्यान्न घोटाले और बंदरबांट और राशन की दुकानों में चोरी को लेकर टिप्पणी करते हुए वेबीनार के दौरान अपना मत रखते हुए सूचना आयुक्त ने कहा यद्यपि आज डिस्टलाइजेशन और व्यवस्थाएं बदली हुई है और पहले की अपेक्षा आज व्यक्ति अंगूठा लगाकर आधार कार्ड के माध्यम से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर रहा है जिसमें यदि देखा जाए तो शायद भ्रष्टाचार की कम संभावना होनी चाहिए लेकिन फिर भी स्थितियां नहीं बदली है और यथावत बनी हुई है। घोटालेबाज कहीं न कहीं से गड़बड़ी का कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही निकालते हैं जिससे आम गरीब आदमी समझ नहीं पाता है और उसका अधिकार का हनन किया जा रहा है जोकि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। गरीबों को मिलने वाला खाद्यान्न गरीबों का है और उन्हें यह अवश्य दिया जाना चाहिए। सवाल यह है कि यदि पारदर्शिता आ जाए तो व्यवहारिकता में स्थित चेंज हो जाएगी।

 

*आरटीआई कार्यकर्ता खाद्यान्न मामलों को लेकर गंभीर हो -सूचना आयुक्त राहुल सिंह*

अब सवाल यह है की स्थितियों में सुधार कैसे किया जाए और कौन इसकी जवाबदेही लेगा? इस पर टिप्पणी करते हुए अपना मत रखते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि आज कार्यकर्ताओं को काफी एक्टिव होने की जरूरत है और ऐसे छोटे-छोटे मुद्दों को गंभीरता से उठाकर इस पर कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। सोशल ऑडिट और जनसुनवाई भी इसका एक बेहतर माध्यम है जिससे स्थितियां बदल सकती हैं। हर सेक्टर में कार्य करने वाले कार्यकर्ता इन मुद्दों को उठाए और बराबर निगरानी रखें कि आखिर राशन की दुकानों में क्या चल रहा है और वहां पर पारदर्शिता क्यों नहीं आ रही है? मामलों को उठाकर उसका फॉलो अप करें और कार्यवाही करवाएं। राशन दुकान में चोरी को लेकर पुलिस में कंप्लेंट भी दर्ज करवाई जाए।

हर व्यक्ति समाज के लिए जिम्मेदारी से काम करें और सम्मान की लालच न करें – राहुल सिंह

बिलासपुर छत्तीसगढ़ से पवन गोयल ने कहा कि जिस दिन मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह रिटायर होंगे उस दिन सभी आरटीआई कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता राहुल सिंह को विक्रमादित्य के पद से सम्मानित करेंगे क्योंकि राहुल सिंह ने व्यवस्था को एक नया आयाम दिया है और वह न्याय के देवता माने जाते हैं।

इस पर सूचना आयुक्त ने कहा कि हम सब को मान सम्मान प्राप्त करने की होड़ में सम्मिलित नहीं होना चाहिए और उपाधियां व्यक्ति को भ्रमित भी कर देती हैं। हमारा यह मानना है कि समाज और सरकार में हमें जो भी जिम्मेदारी दी गई है उसे हम बखूबी निभाए। कोई व्यक्ति पत्रकार है अथवा वकील है या की सामाजिक कार्यकर्ता है अथवा आरटीआई के फील्ड में काम कर रहा है हम सबको अपना अपना कार्य पूर्ण मनोयोग और जिम्मेदारी से करने की आवश्यकता है। आज सबसे बड़ी दुखद बात यह है कि व्यक्ति के अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण में काफी गिरावट आई है जिसकी वजह से समाज में अव्यवस्था फैली हुई है।

*काम करने वाले व्यक्ति को परेशान किया जाना कोई नई बात नहीं है – राहुल सिंह*

वेबीनार मीटिंग के दौरान टिप्पणी करते हुए सूचना आयुक्त ने कहा कि आज कोई भी व्यक्ति सरकारी पदों में बैठकर कार्य करना नहीं चाह रहा है जिसकी वजह से समाज में काफी अव्यवस्था और विसंगति उत्पन्न हो गई है और व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए दर-दर भटक रहे हैं। यही स्थिति गैर सरकारी समाज की भी हो गई है। आज लोग किसी के कार्य में कमी ज्यादा निकाल रहे हैं और कार्य कम कर रहे हैं। समाज में कोई भी व्यक्ति अच्छा कार्य कर रहा है तो दूसरे लोग उसे पीछे धकेलने के चक्कर में हटाने और उंगली उठाने में पड़ जाते हैं। सवाल यह है कि सब को आगे बढ़ते जाना चाहिए और परिवर्तन अवश्य आएगा इस प्रकार की सकारात्मक सोच से ही हम सब को ताकत मिलती है।
आयुक्त ने आगे कहा कि जहां तक सवाल मेरे काम का है वहां मैं यह कहना चाहूंगा कि आप सबके सहयोग और सपोर्ट से हमें ताकत मिलती है और इसीलिए हम निरंतर एक्टिव रहते हैं।


*पूरा सिस्टम ही चोर बनाने वाला है -पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी*

खाद्य सुरक्षा और पीडीएस के विषय में अपनी बात रखते हुए पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने बताया कि वह 10 वर्ष पूर्व जब इस प्रकार के मामले देखते थे तो उन्हें बड़ा आश्चर्य होता था। एक बार का किस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जानकारी चाही कि सेल्समैन को कितनी पेमेंट मिलती है तो बताया गया कि तीन चार हजार रुपए पेमेंट मिलती है। इस पर शैलेश गांधी ने कहा कि इसी से स्पष्ट हो जाता है कि वह व्यक्ति कैसे अपना खर्चा चलाएगा। जब मामले के विषय में उनके अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि सेल्समैन और कोटेदार तो बाहर से भी कमा लेते हैं। तो इसी से यह भली-भांति स्पष्ट हो जाता है कि पूरा सिस्टम ही इस प्रकार से बनाया गया है जिसमें चोर ही बनाए जाते हैं लोग चोरी करने के लिए मजबूर होते हैं। इसलिए आज इस सिस्टम को बदलने की आवश्यकता है और साथ में सोच भी बदलने की जरूरत है तभी सुधार हो पाएगा।

*हरिजन आदिवासी परिवारों के लिए शत प्रतिशत खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था – सूचना आयुक्त राहुल सिंह*

शहडोल संभाग से जुड़े दो सामाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता महिलाओं ने भी अपनी बातें रखी और अनुभव को साझा किया। कल्याणी बाजपेई एवं विनीता मिश्रा ने बताया कि वह शहडोल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रहती हैं और वहां ऐसे बहुत परिवार हैं जिनको राशन कार्ड तो बना हुआ है लेकिन उन्हें पात्रता पर्ची नहीं दी गई है। जिसकी वजह से न तो कोरोनावायरस न ही इसके बाद उन्हें खाद्यान्न मिल पा रहा है। इस पर सूचना आयुक्त ने कहा कि मध्य प्रदेश की व्यवस्था के अनुसार सभी हरिजन और आदिवासी परिवारों को फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत एवं मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत शत-प्रतिशत खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की गई है चाहे उनका गरीबी रेखा का राशन कार्ड बना हुआ अथवा न बना हो। खाद्य विभाग को एवं संबंधित अन्य विभागों को इस विषय पर कार्य कर उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।

आयोजित सूचना का अधिकार 2005 जागरूकता वेविनार की राष्ट्रीय श्रृंखला NGO पाठशाला के संयोजक डॉ. परशुराम तिवारी, मातृत्व स्वास्थ्य हकदारी अभियान(MHRC MP) मध्यप्रदेश व एक्शन अगेन्स्ट सेक्स सलेक्शन (AASS MP) मध्यप्रदेश डॉ. रामजीशरण राय, व अरुण भार्गव, भोपाल, श्यामल राव छिंदवाड़ा सहित देशभर के आरटीआई एक्टिविस्ट ने सहभागिता करते हुए बिषय विशेषज्ञ अतिथि पैनल के समक्ष अपनी अपनी जिज्ञासा, शंकाएं व प्रश्न रखे जिनका सहज, सरल व समाधान युक्त प्रक्रिया पूर्ण की गई। उक्त जानकारी अभियान संयोजक शिवानन्द द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश

Sponsored Ads
Share
Pratyaksha Saxena

Published by
Pratyaksha Saxena

Recent Posts

संस्कृत अलौकिक भाषा है और वह आध्यात्मिकता की हमारी खोज में एक पवित्र सेतु का कार्य करती है- उपराष्ट्रपति

नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि संस्कृत अलौकिक भाषा है और यह हमारी… Read More

1 day ago

भारतीय वायु सेना ने डिजिलॉकर एकीकरण के साथ डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाया

नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com-भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 26 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली में डिजिटल इंडिया… Read More

1 day ago

अपने आसपास निवासरत वृद्धजनों, दिव्यांगों का मताधिकार सुनिश्चित कराएं- शैलेंद्र खरे

मतदाता उन्मुखीकरण कार्यक्रम व शपथ श्रृंखला सम्पन्न मतदान कर राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित करें… Read More

2 days ago

सामान्य प्रेक्षक रंजीता ने दिए आवश्यक निर्देश

सामान्य प्रेक्षक ने दतिया प्रवास के दौरान चुनाव प्रक्रिया की तैयारियों का लिया जायजा दतिया… Read More

2 days ago

देश के लिए फर्ज निभाएं, जरूर करें मतदान – आइकन सर्वेश तिवारी

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम चुनाव 26 अप्रैल शुक्रवार को बड़े उत्साह से मनाया… Read More

2 days ago

आत्म विश्वास के साथ अंतिम प्रशिक्षण के बाद मतदान केंद्रों पर पहुंचे मतदान दल

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- लोकसभा आम चुनाव 2024 के तहत 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के… Read More

2 days ago
Sponsored Ads

This website uses cookies.