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इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं से संबंधित कानूनों और नीतियों के संदर्भ में लैंगिक समानता के प्रति पुलिस कर्मियों की संवेदनशीलता को सुनिश्चित करना और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के दौरान पुलिस अधिकारियों के रवैये और व्यवहार में बदलाव लाना है। महिला शिकायतकर्ताओं का पुलिस पर भरोसा बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग नियमित रूप से पुलिस अधिकारियों को लैंगिक समानता के प्रति संवेदनशील बनाने संबंधी कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इसी उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों को संवेदनशील बनाने और विशेष रूप से लैंगिक आधार पर होने वाले अपराधों के मामलों में पक्षपात एवं पूर्वाग्रह के बिना अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से देशभर में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है।
अपने संबोधन में, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक कारकों की वजह से महिला पीड़ितों के प्रति उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में एक अलग रूख रखा जाता है और इसलिए महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से संबंधित सभी मामलों में पुलिस को लैंगिक दृष्टिकोण से संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। सुश्री शर्मा ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों से अधिक कारगर ढंग से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों में आवश्यक कौशल और रवैया विकसित करने के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्यों के पुलिस संगठन सभी स्तरों पर पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने सहित सभी उपयुक्त पहल करें।”
इस अवसर पर बोलते हुए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के महानिदेशक श्री वी.एस.के. कौमुदी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के बीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाने की दिशा में सहयोग के एक नए चरण की शुरुआत है। यह कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों पर पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाना है, पूरी तरह से आयोग द्वारा प्रायोजित किया जाएगा और इसे बीपीआरएंडडी द्वारा अपनी इकाइयों एवं अन्य हितधारकों के साथ समन्वय बनाते हुए एक विशेष मॉड्यूल के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को विशेष तौर पर आवासीय मोड में एक लघु गहन पाठ्यक्रम के रूप में कुल मिलाकर 18 – 24 घंटे के अपेक्षित प्रशिक्षण के साथ तीन से लेकर पांच दिनों की अवधि के लिए आयोजित किया जाएगा। इसमें लैंगिक समानता से जुड़े मुद्दों, महिला संबंधी कानूनों, कार्यान्वयन एजेंसियों की भूमिका के साथ-साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन महिलाओं के हितों की सुरक्षा और उन्हें बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय स्तर की सर्वोच्च संस्था है।
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