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विश्व फालुन दाफा दिवस की 22वीं वर्षगाँठ

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  मुंबई.Desk/ @www.rubarunews.com>> 13 मई का दिन पूरे विश्व में फालुन दाफा(Falun Dafa) अभ्यासियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है. फालुन दाफा, जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है, मन और शरीर का एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास है जिसकी शुरुआत गुरु ली होंगज़ी(Guru Li Hongzhi) द्वारा 13 मई, 1992 को चीन में की गयी थी. इससे पहले यह अभ्यास प्राचीन समय से एक गुरु से एक शिष्य को हस्तांतरित होता आ रहा था.

शिक्षाओं के अतिरिक्त, फालुन दाफा में पांच व्यायाम भी सिखाये जाते हैं जो गति में धीमे, सौम्य और ध्यान पर आधारित हैं. व्यायाम सीखने में सरल किन्तु प्रभावशाली हैं और पूरी तरह नि:शुल्क सिखाये जाते हैं. फालुन दाफा अभ्यास अक्सर बाहर पार्कों या सार्वजनिक स्थलों पर सिखाया जाता है. कोरोना के प्रतिबंधों के चलते इसे ऑनलाइन वेबिनार द्वारा सिखाया जा रहा है जो बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं.

फालुन दाफा और इसके संस्थापक, श्री ली होंगज़ी को, दुनियाभर में 1,500 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है. श्री ली होंगज़ी को नोबेल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize)व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार(Sakharov Prize)के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है.

फालुन दाफा भारत में

फालुन दाफा को भारत में सन 2000 से सिखाना आरम्भ किया गया. तब से, देश भर के अनेकों  स्कूल और कॉलेजों में इस ध्यान अभ्यास को सिखाया गया है. कई बड़े संगठनों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों लिए फालुन दाफा की कार्यशालाएं आयोजित की हैं. मुंबई के अनेक फैशन मॉडल्स भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में स्थिरता और तनावमुक्ति के लिए फालुन दाफा को अपना रहे है.

चीन में दमन

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फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया. आज, जहाँ 90 देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं, दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है.

विश्व फालुन दाफा दिवस की 22वीं वर्षगाँठ

दुनिया भर के फालुन दाफा अभ्यासी इस दिवस को गरिमापूर्वक मनाते हैं और रैलिओं, प्रदर्शनियों और सम्मेलनों का आयोजन करते है. क्योंकि इस लॉक डाउन अवस्था में बाहरी गतिविधि नहीं की जा सकती, भारत में इस दिवस को ऑन-लाइन मनाने का निर्णय किया गया है. इस अवसर पर भारत के अभ्यासी ऑन-लाइन विडियो कॉन्फेरेंस पर एकत्रित होकर अभ्यास के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे. 13 मई के अवसर पर गुरु ली होंगज़ी की ओर कृतज्ञता दिखाते हुए सोशल मीडिया पर एक विशेष विडियो भी रिलीज़ किया जाएगा.

यदि आप भी इस अनोखे अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.learnfalungong.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक अधिक जानकारी आप www.falaundafaindia.org पर पा सकते हैं।

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