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खुद को सुधारे दुनिया अपने आप सुधर जाएगी-. धनञ्जय मिश्रा

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दतिया @rubarunews.com  दुनिया बहुत खूबसूरत है बस हमारे देखने का नजरिया ही ऐसा है कि हमारी नजर से बुराई पर जाकर टिक जाती है। हमारी यह आदत इतनी परिपक्व हो गई है कि कई बार तो हम अच्छाई में भी बुराई ढूंढ लेते हैं जबकि हकीकत में कमियां और बुराइयां हमारे अंदर ही होती हैं। अगर हम सिर्फ खुद को सुधार ले तो दुनिया अपने आप सुधर जाएगी। यह बात धनंजय मिश्रा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दतिया ने शनिवार दिनाँक-19-09-2020 को राज्य आनंद संस्थान भोपाल के निर्देशन में जिले में आयोजित किए जा रहे 3 दिवसीय ऑनलाइन आनंद परिचय सम्मेलन में दूसरे दिन व्यक्त किए।

 

कार्यक्रम का शुभारंभ आत्मपोषणं शान्त समय के प्रश्नों पर आनन्दम सहयोगी विजय उपमन्यु द्वारा प्रतिभागियों से शेयरिंग लेते हुये हुआ जिसमें प्रतिभागियों आलोक गोस्वामी, अनुराधा दुबे, सत्यनारायण निरंजन, राजकुमार उपाध्याय, दीप्ति जैन आदि ने अपने विचार साझा किए। फिर आनन्दम सत्र से पूर्व श्रीमती रेणु गुप्ता आनन्दम सहयोगी द्वारा प्रार्थना प्रस्तुत की गई ।

 

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आनदम सत्र के दौरान प्रशिक्षक श्रीमती दीप्ति उपाध्याय द्वारा बड़े ही प्रभावी ढंग से आत्म पोषण बारे में जानकारी देते हुए बतलाया गया कि जिस तरह शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी तरह मन को भी भोजन की आवश्यकता होती है। हमारी सात्विक राजसिक और तामसिक प्रवृत्तियां ही हमारे मन का भोजन हैं। हम जिस प्रवृत्ति को पोषित करते हैं जिसे ऊर्जा देते हैं हमारा मन उसी प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा सात्विक प्रवृत्तियों को अपनाते हुए काम क्रोध लोभ मोह मद जैसी तामसिक प्रवृत्तियों को नहीं हावी नही होने देना चाहिए।

 

तृतीय सत्र के दौरान श्री सुधीर आचार्य ने फ्रीडम गिलास के माध्यम से सभी की स्व से मुलाकात कराई। इस दौरान सबने यह यह पाया कि बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय। वास्तव में हमें अपनी बुराई नजर नहीं आती। अल्प विराम हमारा हमसे साक्षात्कार कराता है। इस गतिविधि के माध्यम से आनंदक यह जान सके कि कैसे हम स्वयं में थोड़ा सा परिवर्तन लाकर रिश्तो को टूटने से बचा सकते हैं। कनेक्शन करेक्शन और डायरेक्शन की क्रिया किस तरह हमारे रिश्तों को मजबूत बनाती है। द्वितीय दिवस के प्रशिक्षण का समापन आनन्दम सहयोगी विजय उपमन्यु के प्रेरणागीत के साथ हुआ। अंत में मनोज द्विवेदी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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Pratyaksha Saxena

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