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मां की पूजा तभी सार्थक जब हम हर मां को स्वस्थ रख सकेंगे – बिरला

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- सुपोषित मां अभियान हमारी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने का अभियान है। ये वो देश हैं जहां मां की पूजा की जाती है लेकिन यह तभी सार्थक होगा जब हम मां को कुपोषण से बचाएंगे और उन्हें स्वस्थ रखने में कामयाब होंगे। इसके लिए जनअभियान बनाकर कार्य किया जाएगा। जब तक मां और बच्चा दोनों सुपोषित नहीं हो जाता तब तक हम इस अभियान को चलाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को यूआईटी ऑडिटोरियम सभागार में सुपोषित मां अभियान के दूसरे चरण के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही। लोक सभा अध्यक्ष गर्भवती महिलाओं को पोषण किट वितरित कर अभियान का शुभारंभ किया। बिरला ने कहा कि महिलाओं में पोषण की कमी को दूर करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2020 में 1000 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर “सुपोषित मां अभियान” प्रारंभ किया गया जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे। उसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए अभियान के दूसरे चरण का आज शुभारंभ किया। इस बार 3000 महिलाओं को 9 माह तक पोषण किट दी जाएगी और प्रतिमाह उनके स्वास्थ्य जांच होगी।

हर जनप्रतिनिधि ले यह संकल्प
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने आह्वान को दोहराते हुए कहा कि यह अभियान केवल एक या दो जगह तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हर क्षेत्र में सांसद, विधायक व सामाजिक संस्थाएं इस दिशा में पहल करें और एक महिला के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ले। सामूहिक कोशिशों से ही महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर हम भावी पीढ़ियों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित कर सकते हैं।
गांव-ढाणियों तक पहुंचाएंगे लाभ
बिरला ने कहा कि अगर मां का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा तो उसका विपरीत असर शिशु पर पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी जागरूकता की कमी है, इसलिए हम अभियान को शहरों तक सीमित नहीं रखेंगे। गांव ढाणियों तक जाकर महिलाओं को सुपोषित करेंगे। इसके लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर महिलाओं को चिन्हित करेंगे।
28 राज्यों में किया काम, यह अनूठी पहल
हंस फाउंडेशन की संरक्षक माता श्री मंगला ने कहा कि वे 28 राज्यों में समाज सेवा के काम कर रहे हैं, लेकिन सुपोषित मां अभियान के रूप में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की यह पहल अनूठी है। यही वजह है कि हंस फाउंडेशन भी इस पुण्य कार्य में भागीदार बना है। मां स्वस्थ होंगी तो परिवार स्वस्थ होंगे। लोक सभा अध्यक्ष ने शक्ति स्वरूपा मां की चिंता की क्योंकि वे मानव सेवा को अपना धर्म मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसा पूण्य कार्य है जिसे हर व्यक्ति, समाज और संस्था को करना चाहिए। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं भी दी
मां अपनी फिक्र नहीं करती, आपने की
विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कुपोषण के विरूद्ध सरकारें कई योजना चला रही है, लेकिन कई परिवारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। सुपोषित मां अभियान के माध्यम से लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऐसे ही वंचित परिवारों को संभालने का काम किया है। मेघवाल ने कहा कि कभी धन के अभाव तो कभी अपनी व्यस्तताओं के कारण माताएं अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाती, आपने ऐसी माताओं का दर्द समझा। हमारे लिए गर्व का विषय है कि आपके रूप में हमें एक ऐसा जनप्रतिनिधि मिला है, जो अपने लोगों के लिए इस समर्पण भाव से काम करता है।
महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि सुपोषित मां अभियान के पहले चरण के नतीजे सुखद रहे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को योजना का लाभ मिला है। इस अभियान के माध्यम से समाज में महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोक सभा अध्यक्ष द्वारा शुरू किए गए ऐसे अनेकों प्रकल्प है, जिन्होंने सामान्य मानवीय के जीवन में व्यापक बदलाव लाने का काम किया है। विधायक ने कहा कि मैं इस अभियान से जुड़ने के लिए हंस फाउंडेशन का आभार व्यक्त करता हूं। कोविड में फाउंडेशन द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों की चर्चा पूरे देश में रही।
आने वाले कल को बचाने की सोच है यह अभियान
विधायक कल्पना देवी ने कहा कि हमारे शहर में एक दौर ऐसा आया जब हमने एक साथ कई मासूमों को खो दिया। गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी इसका बड़ा कारण था। केवल हमारे लोक सभा अध्यक्ष ही थे जिन्होंने मां के इस दुख दर्द को समझा और जनअभियान बनाकर उसे सफल भी बनाया। यही वजह है कि अब और बड़ स्तर पर अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हुई है। विधायक ने कहा कि सुपोषित मां अभियान केवन अभियान नहीं होकर आने वाले कल को बचाने की एक सोच है, हम सभी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
संतुलित आहार के साथ ये भी जरूरी
अभियान के माध्यम से महिलाओं को लगातार अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। गायनेकोलॉजिस्ट सुनिता योगी के अनुसार गर्भवती महिलाओं को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
1. पौष्टिक खाना खाएं , फोलिक एसिड और आयरन युक्त भोजन को शामिल करें l
2. नाश्ते में दूध-दलिया लें।
3. दोपहर के भोजन में रोटी, हरी सब्जी] सलाद व दाल लें।
4.दिन में एक व दो मौसमी फलों को सेवन करें।
5. प्रथम तिमाही में ज्यादा चाय या कॉफी ना लें। कच्चा पपीता] मेथी दाना नहीं खाएं।
6. वजन संतुलित रखें और हल्का टहलने जाएं l खूब पानी पीएं।
7. साफ-सुथरे माहौल में रहे, डॉक्टर से परामर्श लें l
8. पूरी नीदं जरूरी है, यात्रा न करें।
9. वैक्सीन जरूर लगाएं।
स्वास्थ्य कार्ड से होगी मॉनिटरिंग
सुपोषित मां अभियान में डॉक्टर्स व सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा चयनित गर्भवती महिलाओं को पोषण किट के साथ स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराए गए हैं। इस कार्ड के माध्यम से महिलाओं को दिए जाने वाले पोषण किट और उनके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जाएगी। गर्भवती महिलाएं कार्ड के जरिए विशेषज्ञ डॉक्टर्स से नि:शुल्क परामर्श भी प्राप्त कर सकेंगी।
9 माह तक दी जाएगी पोषण किट
हंस फाउंडेशन की ओर से गर्भवती महिलाओं के लिए तैयार की गई पोषण किट को विशेषज्ञों की सलाह पर तैयार किया गया है। महिलाओं के संतुलित आहार में 5 कि.ग्रा. आटा, 1 कि.ग्रा. चना, 500 ग्राम मूंग साबूत, 1 ली. मूंगफली तेल, 1 कि.ग्रा मिक्स दाल, 100 ग्राम मेथी दाना, 500 ग्राम सोयाबड़ी, 500 ग्राम मूंगफली के दाने व 500 ग्राम बेसन को शामिल किया गया है।