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पृथ्वी माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु हम क्या दे सकते हैं- विजय कुमार उपमन्यु*

ग्वालियर.Desk/ @www.rubarunews.com- , राज्य आनन्द संस्थान ग्वालियर द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस / अंतर्राष्ट्रीय मातृभूमि दिवस पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी का डॉ. प्रतिभा त्रिवेदी की सरस्वती प्रार्थना से शुभारंभ हुआ । डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर(आनन्द) विजय कुमार उपमन्यु ने इस ऑनलाईन संगोष्ठी में सूत्रधार की भूमिका निभाई। विजय उपमन्यु ने प्रस्तावना में कहा कि हम संकल्प लें कि हम सब पृथ्वी माँ को एक खुशनुमा जीवन्त माहौल की जगह बनाएंगे । हम सब जीवन दायिनी अपनी पृथ्वी माँ को कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु क्या दे सकते है ।

संगोष्ठी में ग्वालियर के प्रबुद्ध जनों एवं आनन्दको ने अपने उदबोधन में मानव जीवन की खुशहाली के लिये पृथ्वी एवं पर्यावरण के संरक्षण संवर्धन पर अपनी बात रखी। इसमें डॉ. सत्य प्रकाश शर्मा ने इस दिवस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम अपने आप को प्रथ्वी से मां के रूप में जोड़ें तो माँ का सानिध्य प्राप्त होगा और फिर कौन अपनी माँ का ध्यान नही रखेगा। डॉ.राजरानी शर्मा ने वेदों में पंचतत्व की पूजा की बात कही औऱ छोटे छोटे उपाय से भी पर्यावरण व पृथ्वी का संरक्षण करने की बात कही । कौशल किशोर बुटोलिया ने कहा कि हम सब प्रकृति द्वारा निर्मित एक बायोकैमिकल मशीन है, हम प्रकृति के एक्सटेंशन मात्र हैं । हम प्रकृति का संरक्षण कर स्वयं अपना संरक्षण करेंगे । सीमित संसाधनों के उपयोग से ही हम पृथ्वी को बचा सकते है ।

सुनील चोपड़ा ने कहा हम जो भी पेड़ लगाते है , उसका पालन पोषण भी करें। हमें पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करें और कागज का कम से कम प्रयोग करें । सुबोध चतुर्वेदी जी ने कंक्रीट के जंगल बनाने से हो रहे नुकसान की बात कही,हम कम से कम वाहनों का प्रयोग करें । डॉ.सुधीर चतुर्वेदी ने जब हम पृथ्वी के प्रति माँ का अहसास करते हैं , तो उसका संरक्षण व स्वच्छ रखना अपने आप आ जाता है। डॉ.निशि भदौरिया ने हमारी संस्कृति में सभी प्रकृति के तत्वों में पूजा एवं श्रद्धा का भाव रखने की बात कही। सीता चौहान पवन ने संकल्प लेकर पंचतत्वों का दुरुपयोग नहीं करने की बात कही। जैसा हम बोयेंगे, वैसा ही पायेंगे ।

मास्टर ट्रेनर ई. ए. के.शर्मा ने प्रकृति के अनुसार आचरण की बात कही ,प्राकृतिक चिकित्सा औऱ आयुर्वेद को अपनाने के लिये कहा । डॉ. ज्योत्स्ना सिंह ने हम किसी शुभ काम को करने से पहले सभी तत्वों को शान्त करने का संकल्प लेते है । पर आज हम आज विकृति की ओर बढ़ रहे हैं संरक्षण कम दोहन ज्यादा कर रहे हैं। पर्यावरण प्रेमी आर. के. त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य सुधर जाए तो सब सुधर जाएगा। पृथ्वी हमसे रूष्ट है ।डॉ.प्रतिभा त्रिवेदी जी ने कविता के माध्यम से ये धरा हमारी माँ है इससे हमारी पहचान है, संभल जाओ । हेमन्त त्रिवेदी ने प्रकृति के साथ सामंजस्य व सहअस्तित्व की बात कही । हेमन्त निगम ने पानी को बचाने एवं पौधे के लगाने के साथ उसके व्यस्क होने तक संरक्षण की बात कही।हमें पृथ्वी के पानी को दूषित होने से बचाना है ।

बबिता सेंगर ने कहा कि हमें जागरूकता औऱ अपने योगदान से स्वच्छता एवं पेड़ लगाने में भूमिका निभाना है । उक्त अवसर पर सहयोगी आनंदक डॉ. रूपा आनन्द , तृप्ति शर्मा, भारती राणा , भावना शर्मा , पवन तिवारी ,अंशुमान शर्मा , पवन दीक्षित , डॉ. अतुल रायजादा , आदेश गुप्ता , कमल यादव , ऋषिकेश वशिष्ठ , गजेन्द्र सरकार आदि अन्य आनंदक भी उपस्थित रहें ।
मास्टर ट्रेनर दीप्ति उपाध्याय ने सभी का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग एवं सहभागिता के लिये हार्दिक आभार व्यक्त किया।

अन्य आयोजनों में राज्य आनन्द संस्थान , ग्वालियर से सम्बद्ध हैप्पीनेस एन्ड अवेयरनेस मिशन कल्ब के द्वारा भी यूट्यूब चैनल पर कोविड-19 से उभरते हुए कैसे पृथ्वी के जीवन और प्रकृति को सुरक्षित एवं संरक्षित रखें पर लाइव परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया ।