शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। 

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1. शैलपुत्री देवी

2. ब्रह्मचारिणी देवी

ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। 

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3. चंद्रघंटा देवी

इन देवी मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है

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4. कुष्मांडा देवी

अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। 

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5. स्कंदमाता देवी

स्कंद का अर्थ भगवान कार्तिकेय और माता का अर्थ मां है, अतः इनके नाम का अर्थ ही स्कंद की माता है। 

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6. कात्यायनी देवी

कत्यायानी का मतलब देवी पार्वती, लाल रंग में सजे, दुर्गा और पार्वती का एक विशेषण होता है 

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7. कालरात्रि देवी

शिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। 

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8.महागोरी देवी

महागौरी का अर्थ है - वह रूप जो कि सौन्दर्य से भरपूर है, प्रकाशमान है - पूर्ण रूप से सौंदर्य में डूबा हुआ है। 

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9. सिद्धदात्री देवी

माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं