मध्य प्रदेश

270 लाख रुपये की लागत से बना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उद्धघाटन से पूर्व ही जर्जर हुआ नवीन पुल

भिण्ड/गोहद.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com>> भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य द्वारा अपनी विधानसभा का चहुमुंखी विकास के लिए गोहद नगर से गोहद चौराहा तक फोर लेन की सौगात दी, इस फोर लेन को जोडने के लिए करीब 270 लाख की लागत से बेसली नदी पर नवीन पुल को शासन से स्वीकृत कराया। शासन की मंजूरी के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा पुल बनाने का ठेका प्रिंस कॉरपोरेशन को दिया गया। 13 जून 2018 को इस पुल का भूमिपूजन भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य व पूर्व सांसद भगीरथ प्रसाद द्वारा किया गया। कंपनी द्वारा इस पुल का कार्य एक वर्ष यानी 2019 में पूरा करना था लेकिन लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के कारण कंपनी ने पुल का कार्य जनवरी 2021 में पूरा किया। प्रिंस कॉरपोरेशन द्वारा पुल बनाने में किस तरह घटिया क्वालिटी के मटेरिअल का उपयोग किया है। इसकी गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुल के उद्धघाटन से पूर्व ही महज 5 महीनों में पुल धसक गया व उसमे दरारे पड गई। लेकिन प्रशासन को यह सब दिखाई नहीं देता जबकि इसी पुल से होकर प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना रहता है। एक मार्ग को दूसरे मार्ग से जोडने वाले पुल जैसी महत्वपूर्ण कडी में ठेकेदार द्वारा इस तरह की लापरवाही करना निदनीय है पुल धसकने व उसमे दरारे प्रशासन को नजर नही आ रही वह धृतराष्ट्र बन गया है। वर्तमान में इस पुल से गुजरना खतरे से खाली नही है प्रशासन को पुल से आवागमन बन्द कराना चाहिए बेसली नदी के ऊपर बने पुलों पर भारी वाहनों व क्षमता से अधिक डम्परों का निकलना रहता है पुल की स्थिति देख भविष्य में कोई बडा हादसा हो सकता है।

 

पुराना पुल भी गिन रहा है अंतिम सांसे प्रशासन बेखबर

नगर को गोहद चौराहा से जोडने के लिए बेसली नदी पर करीब 50 वर्ष पहले बना पुल भी रखरखाव के अभाव में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। इस पुल की स्लैब रॉड से उभरी दरारे में सरिया बाहर निकल आया है। पुल पर सरिया बाहर निकलने से पुल की जर्जर हालत अंदर से झांक रही है यानी कि पुल की आधार सरचना साफ नजर आ रही है। पुराने पुल को बंद कर उसके मरम्मत की मांग नगर के लोगो द्वारा उठाई गई समाचार पत्रों ने भी पुल की दयनीय स्थिति  को प्रमुखता से छापा लेकिन प्रशासन का पुल की ओर कोई ध्यान नही गया ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे प्रशासन पुल के कारण होने वाले किसी बडे हादसे का इंतजार कर रहा हो।

 

वर्षो से उद्धघाटन के इंतजार में गोहद मरेशए प्रकृति ने किया उद्धघाटन

पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य के कार्यकाल में गोहद का सौंदर्यीकरण व टूरिस्ट प्लेस बनाने की चाह में पूर्व मंत्री द्वारा गोहद के विकास व उसको भव्यता देने के लिए कई प्रयास किये जिसमे से एक गोहद नरेश भीमसिंह राणा के किले का जीर्णोद्वार व गोहद नरेश की भव्य प्रतिमा उनके किले के पास स्थापित हो पूर्व मंत्री के प्रयासों से वह सम्भव भी हुआ लेकिन अपने सफल प्रयास का उद्घाटन नही कर सके व वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव हार गये। उनके चुनाव हारते ही राजनीतिक  प्रतिद्वंदता के चलते गोहद नरेश भीमसिंह राणा की प्रतिमा का उदघाटन नही हो सका। 2020 में हुए उपचुनाव के चलते सितंबर 2020 में लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह ने मंच से कहा था कि आपके एक वोट से 2 विधायक मिलेंगे व चुनाव जीतने के 10 दिवस के  अंदर गोहद नरेश की प्रतिमा का अनावरण होगा। लहार विधायक की बात भी चुनाव में वोट के लिए जनता से किये जाने वाले बडे बडे वायदे थे और कुछ नही लेकिन प्रकृति ने गोहद नरेश की प्रतिमा के चेहरे पर पडा पर्दा उठाकर उसका अनावरण कर दिया।

इनका कहना है:

नवीन पुल बने अभी 5 महीने ही हुए है और पुल धसकने लगाए पुराना पुल पहले से ही जर्जर है।

-ललित अग्रवाल, स्थानीय निवासी

घटिया क्वालिटी के मटेरियल उपयोग हुआ होगा तभी तो 5 महीने में ही पुल की हालत खस्ता हो गयी।

-मुकेश गुप्ता, स्थानीय निवासी